शिमला। प्रदेश उच्च न्यायालय ने कांगड़ा के ज्वालामुखी के गांव अधवाणी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों की उल्लंघना कर स्टोक्रशर लगाने के मामले में मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन, प्रदेश नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख के अलावा जिला उपायुक्त कांगड़ा और ज्वालामुखी के एसडीएम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ, और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने स्टोन क्रशर के मालिक ज्ञानचंद को भी नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। इस अवैध स्टोन क्रशर को लेकर कांगड़ा के गांव अधवाणी के गामीणों ने एक चिटठी लिखी थी जिसे अदालत ने जनहित याचिका बनाकर स्वत: संज्ञान लेते हुए ये आदेश जारी किए।
गांव के लोगों ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिटठी में कहा थाा कि ज्ञान चंद ने गांव के लोगों के विरोध के बावजूद यहां पर जबरदस्ती स्टोन क्रैशर लगा दिया है। इस काम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से निर्धारित मानकों का भी उल्ल्ंघन किया है। इससे गांव के लोगो के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो गया है। इसके अलावा गांव लोगों की यहां पर चरांद भी है जहां पर उनके पशु चरते है और खेती योग्य जमीन भी है। पशुओं को चराने व खेती करने के काम में बच्चे व बुजुर्ग भी लगे रहते है , ऐसे में उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ होगा। इसके अलावा यहांधूल की वजह से पेड़ों को भी असर पड़ेगा व हरियाली खत्म हो जाएगी।
यही नहीं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला से एक हजार मीटर की दूरी से भी कम है और जिस बांवड़ी से गांव के लोग पानी लाते है वहां से सौ मीटर से भी कम है। यही नहीं यह स्टोन क्रशर गांव की आबादी से पांच सौ मीटर की दूरी से भी कम दूरी पर लगाया जा रहा है।
इन ग्रामीणों ने अपनी चिटठी में आग्रह किया कि इसस स्टोन क्रशर को लगाए जाने से रोका जाए ताकि गांव वालों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न हो। इस मामले की सुनवाई करने के बाद खंडपीठ ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है और मामले की सुनवाई दो सप्ताह के बाद निर्धारित कर दी है।
(15)