शिमला। विधानसभा का मानसून सत्र का तीसरा दिन आज भाजपा के लिए बेहद अपमानजनक रहा। २३ अगस्त को सदन में माइक तोड़ने के मामले में सुबह आते ही स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने २४ अगस्त और बाकी बचे सत्र के लिए सदन से निलंबित करने का फैसला सुना कर बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया। रविंद्र रवि को सदन में माफी मांगने के लिए मजबूर कर दिया। यही नहीं रविंद सिंह रवि को टूटे माइक को बदलने का फैसला भी सुनाया गया।सदन में आज भाजपा पूरी तरह से नतमस्तक हो गई।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक संजय रतन और अजय महाजन ने स्पीकर से जानना चाहा कि २३ अगस्त में भाजपा विधायक रविंद्र सिंह रवि की ओर से २३ तारीख को सदन में तोड़े गए माइक के मामले में क्या कार्रवाई की है। इस पर स्पीकर बीबी बुटेल ने कहा कि सदस्यों ने विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया है।रविंद्र ने पीठ का बार -बार विरोध किया और माइक तोड़ दिया। उन्होंने फैसला सुनाया कि रविंद्र रवि को आज व बाकी बचे सत्र के लिए सदन से निलंबित किया जाता है।उन्होंने रवि से आग्रह किया कि वो सदन से बाहर चले जाए।इससे भाजपा सदस्यों में सन्नाटा छा गया ।
भाजपा के वरिष्ठ सदस्य रविंद्र सिंह रवि के इस मामले में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल समेत पूरे विक्षक को रक्षात्मक मुद्रा में ला खड़ा कर दिया। हालांकि रविंद सिंह रवि के पक्ष में स्टैंड लेने के चलते धूमल ने स्पीकर को ही कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। धूमल ने कहा कि रिकार्ड पर कुछ नहीं है। ऐसे में उन्होंने संज्ञान कैसे ले लिया। उन्होंने कहा कि ये दोहरा मापदंड क्यों।आप निष्पक्ष होकर काम नहीं करते, ये हमारा आप पर आरोप है।हम आपसे न्याय की अपेक्षा रखते है।इस बीच भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर ने दखल देने की कोशिश की व पुरानी यादें ताजा की।
जब स्पीकर ने कोई राहत नहीं दी तो चीफ व्हीप सुरेश भारद्वाज ने दोबारा स्पीकर को घोरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि आप लिखा हुआ आर्डर सुना रहे हैं। सदन में आवेश में ऐसा हो जाता है।
इस पर स्पीकर ने कहा कि फैसला तो लिखना ही पड़ता है।इस पर भाजपा सदस्य कुछ नरम पड़ गए व कहा कि रवि बहुत वरिष्ठ सदस्य है व पांच बार चुने जा चुके है।ऐसा पहले कभी बार नहीं हुआ। भाजपा विधायक राजीव बिंदल ने कहा कि सदन में आज महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होनी है। ऐसे मं रूलिंग ये जानबूझ कर कर रही है।
स्पीकर ने कहा कि उन्होंने सदस्य ने सदन में क्या बोला इस पर कोई एतराज नहीं किया है। ये फैसला तो सदन की प्रापर्टी को नुकसान पहुंचाने की एवज में सुनाया गया है।स्पीकर ने सदन में बैठे भाजपा विधायक से फिर कहा कि ” आप प्लीज चले जाइए”। लेकिन वो नहीं गए। धूमल ने फिर कहा कि आप आर्डर पहले ही लिख कर लाए हैं। स्पीकर ने कहा कि आर्डर तो पहले ही लिखा जाता है।बीते रोज घटना के बाद आर्डर लिखा और आज लागू कर दिया।धूमल ने कहा कि रविंद्र रवि का पक्ष सुना ही नहीं , कोई नोटिस भी नहीं दिया।
स्पीकर ने नियम ७५ का हवाला देते हुए कहा कि सब कुछ उनकी आंखों के सामने हुआ और नियम के तहत उन्हें किसी शिकायत और किसी को सुनने की जरूरत ही नहीं है। स्पीकर इस तरह का फैसला लेने को सक्षम हैं।
धूमल फिी नरम पड़ गए और कहा कि आंखें के सामने होता है आप निर्णय ले सकते है लेकिन एक आंख बंद रहे और एक खुली रहे तो ये अंदाज गलत हैं। स्पीकर ने कहा कि सदन में कोई आक्षेप करे तो कोई बात नहीं । अगर गुस्सा आ जाए और माइक तोड़ दे ,ऐसी प्रथा नहीं है। इस पर धूमल ने कहा कि आप दिल तोड़ दे ये भी तो प्रथा नहीं हैं।
आखिर में रक्षात्मक मुद्रा अख्तियार करते हुए भजपा विधायक सुरेश भरद्वाज ने मुख्यमंत्री व संसदीय कार्य मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से दखल देने का आग्रह किया इसी तरह का आग्रह भजपा विधायक रिखी राम कौंडल ने भी किया। इस पर स्पीकर ने कहा कि सब कुछ आप लोगों के सामने हुआ। लेकिन कोई सॉरी भी नहीं मांग रहा है।
जब भाजपा सदस्यों की एक न चली तो भारद्वाज ने आग्रह किया कि थोड़ी देर के लिए सदन को स्थगित कर दें और दोनों पक्षों को बुलाकर समाधान निकालें।
भाजपा विधायक जयराम ठाकुर भी रविंद्र रवि के पक्ष में उतरे और कहा कि जो हो गया, वो हो गया । विपक्ष की ओर से इतना विनम्र आग्रह आया है तो मामले को ,खत्म कर देना चाहिए।
बीजेपी के लिए स्थिति तब और संकटपूर्ण हो गई जब सदन में शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने ये कह दिया कि पीछे की ओर से अभी आवाजें आ रही थी कि और माइक टूटेंगे। उन्होंने स्पीकर की ओर मुखातिब होकर कहा कि जो फैसला आपने सुनाया है उसका हम सम्मान करते है।अच्छा होता अगर रविंद्र सुबह आते और आपसे मिलते । इसके अलावा रूलिंग का सम्मान करते।
आखिर में भाजपा के बिलकुल रक्षात्मक व नतमस्तक होने पर स्पीकर ने सदन को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
करीब पचास मिनट के बाद दोबारा सदन की बैठक शुरू हुई। स्पीकर ने कहा कि रविंद्र सिंह रवि ने माफी मांग ली है और कहा कि ये सब आवेश में हो गया। ऐसे में स्पीकर के फैसले को सदन ही रिवाइज कर सकता है।संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्पीकर से कहा कि आप ने जो फैसला लिया है वो ठीक है।
इसके बाद शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने सदन में प्रस्ताव रखा कि रविंद्र सिंह रवि के निलंबन को समाप्त किया जाए। सदन ने इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया तब कहीं जाकर भाजपा खेमें ने राहत की सांस ली। इस बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपनी सीट पर उठे और बोले की माइक को बदलने का खर्चा रवि से लिया जाए।
आखिर में रविंद्र सिंह रवि ने सदन का आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर सरकार माइक को बदलने का खर्चा वहन नहीं कर सकती तो वो ये करने को तैयार है।
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