शिमला। प्रदेश की आवाम को झकझोर देने वाले गुडिया गैंगरेप और कत्ल मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सबसे वफादार व ताकतवर पुलिस अफसर शिमला के पूर्व एसपी और मौजूदा समय में एसपी विजीलेंस डोडुप वांग्शुक नेगी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया हैं। उन्हें सीबीआई ने पुलिस लॉक अप में गुडिया गैंगरेप व कत्ल मामले में गिरफ्तार एक आरोपी सूरज के कत्ल के से जुड़े केस में गिरफ्तार किया।सीबीआई की ओर से से पुलिस लॉकअप कत्ल मामले में नौंवीं गिरफ्तारी हैं।
इस मामले में आईजी जहूर हेदर जैदी, ठियोग के तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी समेत आठ अफसरों व कर्मियों को पहले ही सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी हैं। ये सारे न्यायिक हिरासत में कंडा जेल में बंद हैं।डी डब्ल्यू नेगी हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा के अफसर हैं और जब प्रदेश में गुडिया कांड व कोटखाई में पुलिस लॉकअप में आरोपी सूरज का कत्ल हुआ था तो वह जिला शिमला के एसपी थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने आइजी जैदी व नेगी के बीच हुई बातचीत को गिरफ्तारी का आधार बनाया हैं। सीबीआई ने डी डब्ल्यू नेगी को पहले भी पूछताछ के लिए बुलाया था और उनका मोबाइल जब्त कर लिया था। लेकिन तब उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
गुडिया गैंगरेप और कत्ल मामले का पर्दाफाश करने में नेगी की गिरफ्तारी बडा रोल अदा कर सकती हैं। सीबीआई ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था और गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई प्रवक्ता आर के गौड़ ने डी डब्ल्यू नेगी की गिरफ्तारी की पुष्टि की।
यहां से 60 किलोमीटर दूर कोटखाई के सरकारी स्कूल में दसवीं की छात्रा गुडिया 4 जुलाई को स्कूल से घर आते हुए लापता हो गई थी। छह जुलाई को उसकी नग्न लाश स्कूल के ही समीप सड़क से कुछ दूरी पर खाई में मिली थी।
लाख मिलने पर कोटखाई थाने के एएसआई दीपचंद को मामले की जांच सौंपी गई । इस बीच जिस निर्ममता से गुडिया का कत्ल किया गया था उसकी तस्वीरें मीडिया में वायरल हो गई । उधर,पुलिस की जांच पर स्थानीय लोगों ने सवाल उठा दिया और स्थानीय स्तर पर आंदोलन शुरू हो गया। छह जुलाई से लेकर दस जुलाई तक कोटखाई पुलिस के अलावा ठियोग के डीएसपी मनोज जोशी और तत्कालीन एसपी शिमला डी डब्ल्यू नेगी मामले की छानबीन करते रहे। कई युवाओं को हिरासत में भी लिया लेकिन दस तारीख तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। इसी बीच पुलिस और फारेंसिक की टीम ने सारे सबूत भी एकत्रित कर लिए। लाश का पोस्टमार्टम भी हो गया। पुलिस की जांच पर तरह तरह के सवाल उठाए जाने लगे।
किसी की गिरफ्तारी न होने पर लोग उग्र हो गए और प्रदेश सरकार ने इस मामले में आइजी जैदी की कमान में एसआइटी गठित कर दी। लेकिन एसआईटी में डी डब्ल्यू नेगी को शामिल नहीं किया गया।
13 तारीख को आइजी जैदी ने छह लोगों को गिरफ्तार कर मामले को सुलझाने का दावा किया ।जिन छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनमें से दो नेपाली, दो गढ़वाली, एक स्थानीय गांव हिलाइला और एक मंडी के जंजहेली का रहने वाला था।
लेकिन जिन लोगों को पकड़ा गया उन्हें लेकर सवाल उठ गए व स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रभावशाली लोगों को बचाया जा रहा हैं।
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