शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण करार देते हुए डिजिटल मीडिया में जिम्मेदारी के अभाव को लेकर आगाह किया हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया खास कर सोशल मीडिया में कुछ जगहों पर लोगों के सार्वजनिक व पारिवारिक जीवन की चिंता किए बगैर कुछ भी परोस दिया जा रहा हैं, यह पीड़ादायक हैं।
वह प्रदेश सूचना व जन सम्पर्क विभाग की ओर से राष्टीय प्रेस दिवस के अवसर पर आज यहां डिजिटल युग में पत्रकारिता आचार नीति एवं चुनौतियां विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के मौके पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इसे अपना व्यक्तिगत हिसाब-किताब पूरा करने का माध्यम बना दिया उन्होंने कहा कि प्रदेश में दूसरे राज्यों के मुकाबले पत्रकारिता का स्तर बहुत अच्छा हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गंभीर पत्रकारिता की जरूरत हैं, हालांकि आज जितनी चुनौतियां पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं उतनी किसी अन्य पेशे में नहीं हैं। आज के दौर में जिनके बारे पत्रकार लिखते है उनके बारे में ही नहीं बल्कि पत्रकारों क बारे में भी धारणा बनती हैं। लोग अपनी-अपनी राय बनाते हैं। ऐसे में सही छवि होना जरूरी
हैं। पत्रकारिता में संतुलित किस तरह रहना ये कला आनी चाहिए।
उन्हें कहा कि पत्रकारों को अगर अच्छा लगे तो अच्छा लिखे । अगर बुरा लगे तो बुरा लिखे लेकिन जब बुरा लिखे तो इतनी गुंजाइश जरूर रखे कि सरकार उसे कैसे ठीक करें।
उन्होंने कहा उनका भी दिल करता है कि वह भी लिखे । कभी लिखने का मौका मिला तो जरूर लिखेंगे। उन्होंने कहा कि लेकिन उनका लेखन पत्रकारों के लिए चुनौती नहीं होगा।
इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस के शिमला में वरिष्ठ पत्रकार रहे अश्वनी शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता में आज सत्यता का संकट हैं।डिजिटल व सोशल मीडिया के आगमन से कई संकट सामने आए हैं। कंटेट कौन तैयार कर रहा हैं व उसका मालिक कौन है ये किसी को पता नहीं हैं। ऐसे में निगरानी व नियामक तंत्र होना जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज ने मीडिया के सामने बड़ा खतरा खड़ा कर दिया हैं। इससे निपटा जाना जरूरी हैं।
इसके अलावा आज के दौर में पत्रकारिता की भूमिका को पुनर्भाषित करना जरूरी हो गया हैं। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रोहित सावल ने कहा कि तकनीकी तेजी के साथ बदल रही है, हर रोज कुछ नया देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया भविष्य का मीडिया है। उन्होंने कहा कि गति के साथ आचार नीति को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। प्रदेश विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग के सह-आचार्य विकास डोगरा ने कहा कि समाचार परोसते समय पूरी
जबावदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने डिजिटल युग में समाचार के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डिजिटल मीडिया बनावटी समाचार एकत्र करने की सोच को प्रोत्साहित कर रहा है।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार के मीडिया के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं।
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