शिमला। बड़ा व सधा हुआ कदम उठाते हुए शहरवासियों को जहरीला पानी पीलाने के लिए जिम्मेदार मल्याणा सीवरेज ट्रीट्हमेंट प्लांट के ठेकेदार के खिलाफ वामपंथी नेता व नगर निगम शिमला के डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने एफआईआर दर्ज कराकर कांग्रेस व भाजपा की राजनीति को तबाह कर दी है। साथ ही दोषियों को सजा दिलाने का रास्ता खोल दिया है।
इससे पहले स्मार्ट सिटी के मसले पर भी वामपंथी नेता व मेयर संजय चौहान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वीरभद्र सिंह सरकार, उनके शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा व चीफ सेक्रेटरी पी. मित्रा से लेकर ब्यूरोक्रेसी के कारनामों की कलई खोल कर रख दी थी । लेकिन इस मामले में मेयर ने इन अफसरों के खिलाफ अदालत से टिप्पणियां होने के बावजूद मामला दर्ज नहीं कराया था। जबकि डिप्टी मेयर ने एफआईआर दर्ज करवा दी है।
सीवरेजयुक्त पानी की सप्लाई को लेकर कांग्रेस व भाजपा की ओर से लगातार ब्यानबाजी होती रही लेकिन कारगर कदम किसी ने नहीं उठाए। ऐसे में डिप्टी मेयर की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर सरकार, कांग्रेस व भाजपा की मंशाओं को उजागर करने के लिए काफी है।
डिप्टी मेयर ने कहा कि निगम की ओर से गठित कमेटी की रिपोर्ट पर प्रथम द्ष्टया संज्ञान लेते हुए मलाणा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के ठेकेदार के खिलाफ छोटा शिमला थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। इस रिपोर्ट में कई कुछ पाया गया था।
उधर, आम आदमी पार्टी ने जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा करोडों के गोल माल होने की आशंका व्यक्त करते हुए इस स्कीम के रख रखाव के खर्चे का स्पेशल आॅडिट कराने की मांग की है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुभाष चन्द्र कहा कि 15 वर्षाें से यहां ऐसे कनिष्ठ अभियंता की तैनाती की गई है जो कि बीते सालों में द्राबला मेटिरियल खरीद कांड में संलिप्त पाया गया था। हैरानी की बात है कि अन्य दोषियों के चालान पेश किए गए परन्तु इस अधिकारी का चालान अभी तक पेश नहीं किया गया जिससे साफ है कि इस कनिष्ठ अभियन्ता को कथित तौर पर राजनेताओं और उच्च अधिकारियों का सरंक्षण प्राप्त है।
सुभाष चन्द्र, जोन इन्चार्ज डी. एस. पथिक व जिला प्रभारी मीडीया जे. पी. भारद्धाज ने आरोप लगाया है कि एक ही ठेकेदार को विभिन्न फर्में बनाकर मुरम्मत के कार्य दिये जा रहे हैं। इस ठेकेदार ने तीन फर्मे बनाई हैं और इन्ही तीन फर्मों के नाम पर लाखों का रिपेयर कार्य किया जा रहा है। कागजों में मुरम्मत का काम कुछ और दर्शाया जा रहा है और धरातल पर काम उतना नहीं हो रहा।
आप के नेताओं ने कहा कि इस कनिष्ठ अभियन्ता के पास अश्वनी खड एकुसुम्पटी और कवालग पम्पिंग स्टेशन है। जिसके रखरखाव का उतरदायित्व इसी अधिकारी का है। लेकिन उक्त अधिकारी की लापरवाही के कारण शिमला वासियों को मलयुक्त पानी पीना पड़ रहा है।
आप के नेताओं ने पूछा कि जब मलाणा ट्रीटमैंट प्लांट से बिना ट्रीट के पानी अश्वनी खड में फैंका जा रहा था तो इस अधिकारी ने उसे क्यों नहीं रोका और इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को क्यों नहीं दी। सुभाष चन्द्र ने आरोप लगाया कि शिमला के आस.पास जितने भी ट्रीटमैट प्लांट हैं उनको नियमित तौर नही चलाया जाता और रख .रखाव के लिए ठेकेदार के पर्याप्त कर्मचारी नहीं है और न ही आजतक इस प्ंलाट का निरीक्षण करने वाले अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी एउल्टे इस ठेकेदार को नियमित भुगतान किया जाता है आप नेताओं ने सरकार से मांग की है कि इस अश्वनी खड पेय जल योजना में लगे अभियन्ता को वहां से तुरन्त प्रभाव से हटाया जाए और इसकी प्रदेश और प्रदेश के बाहर बनाई सम्पतियों की उच्च स्तरीय जांच हो ।
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