शिमला।बीते रोज हिमाचल प्रदेश विवि में एसएफआई के आंदोलन कर रहे छात्रों पर एवीबीपी के छात्रोेंं की ओर से तेजधार हथियारों से हमला करने के पीछे वामपंथी संगठनों एसएफआई से लेकर माकपा तक ने विवि के वाइस चांसलर एडीएन वाजपेयी का हाथ करार देकर उन्हें वीसी की कुर्सी से बर्खास्त करने की मांग कर दी है।इन संगठनों ने वाजपेयी पर इल्जाम लगाया कि वो अपनी वैचारिक विचारधारा के छात्र संगठन एबीवीपी के साथ मिलकर एसएफआई के छात्रों के हित में किए जा रहे आंदोलन का कुचलने का षडयंत्र रच रहे हैंं।
यहां ये गौरतलब है कि वाजपेयी को विवि का वाइस चांसलर धूमल सरकार में तैनात किया गया था व दूसरेे कार्याकाल को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के शासनकाल में तत्कालीन राज्यपाल उर्मिल सिंह ने विस्तार दिया था।उनके कुलपति रहते हुए विवि में एससीए के चुनाव नहीं होपा रहे है। हर बारहिंसा कीआड़ लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व वो इन चुनावों को पिछले दो-तीन सालोंं से लटकाते आ रहे हैै। लेकिन इस बार वामपंथी संगठनों ने हिंसा के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहरा कर नया खुलासा कर दिया है।वैसे भी जब से देश में मोदी सरकार सता में आई हैं, देश के शिक्षण संस्थानों में उबाल आया हुआ है।हिमाचल विवि भी इससे अछूता नहीं रह पााया है।विवि के छात्र पिछले 95 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन न तो वीरभद्र सिंह सरकार और न ही विवि प्रशासन स्िथति को सामान्य बनाने के लिए प्रयासरत है।अब हिंसा की ताजा घटनाओं ने वीसी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा व कांग्रेस में अपने रसूख का दावा करने वाले वीसी एडीएन वाजपेयी छात्रों को काबू नहीं कर पाएंं हैं।
ऐसी स्थिति में माकपा के प्रदेश सचिवालय के सदस्य टिकेंद्र पंवर ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत से विवि के मामलों में तुरंत दखल देने की मांग करते हुए वीसी को तुरंत हटाने की मांग की है। इसके अलावा एसएफआई की जिला शिमला इकाई ने विवि में में हुई हिंसा में वीसी की भूमिका काि लेकर उच्च स्तरीय जांच बिठाने की मांग की है।
विवि एसएफआई की यूनिट ने वाकायदा संवाददाता सम्मेलन कर वीसी वाजपेयी पर इल्जाम लगाया कि वो उनके आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रहे है।यूनिट केअध्यक्ष व सचिव विपिन शर्मा ने कहा कि जब एसएफआई से जुड़े छात्र हास्टल की ओर जा रहे थे तो उनपर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया गया। उस पर वीसी ने बयान दाग दिया कि हिंसा एसएफआई के छात्रों ने की ।अगर ऐसा है तो लहुलूहान एबीवीपी के छात्र होते । इन छात्र नेताओं ने कहा कि वीसी ने एसएफआई के छात्रों की जमानत को रदद करवाने तक अदालत में अर्जी डलवाई। लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो अब हिंसा करवाने पर उतारू हो गए है।
एसएफआई की जिला इकाई ने कहा कि वीसी को बर्खास्त किया जाए व हमला करने वाले गुंडा तत्वों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।इकाई के अध्यक्ष व सचिव पवन शर्मा ने कहा कि वीसी हिंसा को प्रायोजित कर रहे हैं।
माकपा के जिला इकाई ने भी वीसी पर हमला बोला और कहा कि वो अरसे से विवादों में रहे हैं।माकपा के जिला इकाई के सचिव बिजेंद्र मेहरा ने इल्जाम लगाया के भर्तियों में पैसे को लेनदेन हुआ है।
माकपा के राज्य सचिवालय के सदस्य टिकेंद्र पंवर ने इल्जाम लगाया के वीसी हमला करने वाले गुंडोंं को प्रश्रय दे रहे हैं। विवि में 200 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली है। कैंपस मेंं वीसी ने अराजकता का माहौल खड़ा कर दिया है।ऐसे में रज्यपाल को उन्हे पद से हटा देना चाहिए ताकि केंपस के माहौौल को ओर खराब होने से बचाया जा सके।
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