बबली भाटिया
धर्मशाला, मई 1: देश की भावी पीढ़ी को चुनौतियों से सफलतापूर्वक दो-दो हाथ करने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खलेट में कैंप चलाया जा रहा है। यहां पर जिला कांगड़ा के 592 स्काउट एंड गाइड के छात्र और छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
तीन दिवसीय इस कैंप का लक्ष्य बच्चों का चहुमुखी व्यक्तित्व विकास करना है। इसमें छात्रों को अनुशासन में रहने के साथ-साथ सदाचार के गुणों के बारे में शिक्षित प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वह भविष्य में अच्छे इंसान के रूप में उभरें।
डी.ओ.सी गाइड नीरज बाला ने कहा कि इस तरह के कैंप में बच्चों को हर चुनौती और किसी भी नकारात्मक स्थिति को पार करना सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि कैंप में तमाम तरह की परेशानियां रहतीं हैं, जब बच्चे रोज किसी न किसी प्रकार की चुनौती से रू-ब-रू होते हैं और इन्हीं से जूझ कर और फिर सुलझा कर वह भविष्य में आने वाली तमाम कठिन परिक्षाओं को सफलतापूर्वक पास करने के सक्षम बन जाते हैं।
नीरज बाला ने कहा कि इसमें छात्रों को लार्ड बडेन पवेल के द्वारा बताए गए रास्ते में चलने की सीख दी जाती है। उन्होंने कहा कि पवेल प्रकृति प्रेमी थे और प्रकृति के साथ रहते हुए वह मनुष्य मात्र के विकास की परिकल्पना करते थे। उन्ही के द्वारा बताए गए रास्ते पर इन नन्हें सैनिकों को चलने की प्रेरणा दी जाती है ताकि एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खलेट की प्रधानाचार्य कामिनी सूद ने कहा कि तीन दिवसीय इस कैंप में स्काउट एंड गाइड के स्वयंसेवकों को विशेष पाठ्यक्रम के शिक्षा और प्रशीक्षण दोनों दिया जाता है। प्रतिभागियों को शारीरिक और मानसिक रूप से तंदरुस्त करने के लिए सुबह की शुरुआत योग और कसरत से होती है और इस प्रकार दिनचर्या की शुरुआत हो जाती है।
दिन चढ़ने के साथ-साथ इन नन्हें सैनिकों को पढ़ाई के साथ-साथ को ट्रैफिक संचालन, आपदाओं से निपटने और समाज में फैली कुरूतियों से निपटने के लिए तैयार किया जाता है।
शाम ढलने के साथ इनके मनोरंजन का भी पूरा बंदोबस्त किया गया होता है। इस दौरान ये सैनिक पारंपरिक वेशभूषाओं में सज-धज कर लोक गीतों पर नाचते हैं। ठीक दस बजे लाइट बंद हो जाती है और सभी स्काउट एंड गाइड के जवान अपने शिवरों में आराम फरमाते हैं।
नीरज बाला और कामिनी सूद ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित बजट कम होने की वजह से कई परेशानियां आती हैं। स्काउट एंड गाइड की संख्या काफी ज्यादा बढ़ रही है लेकिन बजट में इसके मुकाबले कम इजाफा हुआ है। साथ ही कई बार कैंप के दौरान स्वयंसेवकों को ठहराने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
भारत स्काउट एंड गाइड कैंप के ज़िला मुख्य निर्देशक के. के. शर्मा ने कहा कि सभी कार्यों को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया जाता है। उन्होंने कहा कि शानदार काम करने वाले स्काउट एंड गाइड को राज्य स्तरीय और फिर राष्ट्रपति अवार्ड से भी सम्मानित किया जाता है।
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