शिमला।प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने एचआरटीसी की ओर से भर्ती किए जा रहे 500 ट्रांसपोर्ट मल्टीपर्पज अस्सिटेंट की आखिरी भर्ती पर स्टे लगा दिया है।ट्रिब्यूनल ने सुंदरनगर के 31 याचिककर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए एचआरटीसी को आदेश दिए वो भर्ती प्रक्रिया को जारी रखे लेकिन भर्ती को बिना ट्रिब्यूनल की इजाजत के आखिरी अंजाम तक न पहुंचाए।ट्रिब्यूनल ने कहा कि एचआरटीसी कभी भी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपना पक्ष रख सकती हे।।ये आदेश ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस वी के शर्मा और सदस्य पूर्व आईएएस हरिंद्रर हीरा की खंडपीठ ने दिए।ये सभीयाचिका कर्ता एचआरटीसी के सुंदरनगर के डिपू में स्किल डवलपमेंट के तहत ट्रेनिंग कर चुके हैं। इन्होंने टीएमपीए की भर्ती केलिए लिखित परीक्षा भी दे रखी हैजिसका परिणाम आना बाकी हैं।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि एचआरटीसी ने 500 टीएमपीए की भर्ती की जा रही हैं लेकिन भर्ती व पदोन्नति नियमों के मुताबिक एचआरटीसी में टीएमपीए के कोई पद ही सृजित नहीं हैं। ऐसे में ये भर्ती की प्रक्रिया गैरकानूनी हैं।
याचिकाकर्ताओं के वकील जिनेश महाजन ने ये भी दलील दी कि जिन लोगों को स्किल डवलपमेंट के तहत कंडक्टर की ट्रेंनिंग दी जा रही हैं वो गलत है। जिनको ट्रेंनिंग दी जा रही है उनके पास तो पहले ही कंडक्टर के लाइसेंस हैं। ऐसे में ट्रेनिंग किस बात की दी जा रही हैं।
याचिककर्ताओं ने कहा कि इसभर्ती के लिए जो क्वालीफिकेशन मांगी गई हैं वो क्वालीफिकेशन कंडक्टरों की भर्ती की हैं।ऐसे में टीएमपीए की नहीं कंडक्टरों की कानून के मुताबिक भर्ती की जानी चाहिए।
एडवोकेट जिनेश महाजन ने कहा कि आज एचआरटीसी को इस मसले पर जवाब देना था लेकिन एचआरटीसी ने जवाब नहीं दिया।अब मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।
याद रहे ककि इससे पवहले भीएचआरटीसी में भर्ती की प्रक्रियाएं विवादों में रही हैं विधानसभा में भर्तियों को लेकर भाजपा विधायकों ने परिवहन मंत्री जी एस बाली पर अंगुलियां उठाई थी। मामला हाईकोर्ट गया तो अदालत ने भर्ती प्रक्रिया को अवैध ठहरा दिया। भााजपा व हिलोपा विधायक ने आरोप लगाया था कि अपने चहेतों को फिट किया जा रहा है। अब दोबारा इसी तरह का खेल खेला जा रहा हैं।
(0)