शिमला। पिछल्ले दो सालों में जयराम सरकार ने पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार का भी रिकार्ड तोड़ दिया है। जयराम ठाकुर किसी भी कीमत पर वीरभद्र सिंह से पीछे नहीं रहना चाहते है। चाहे वह कर्ज लेने का मामला हो या फिर तबादले करने का।
जयराम ठाकुर ने ये खुलासा बुधवार को विधानसभा में खुद किया कि उनकी सरकार ने दो सालों में 43 हजार से ज्यादा तबादले कर दिए है।
कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने प्रश्न काल के दौरान पूछा था कि पिछल्ले दो सालों में प्रदेश में कितने तबादले हुए है व उनके हलके सुजानपुर में कितने हुए। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जवाब दिया कि 1 अगस्त 2017 से 31 जुलाई 2019 तक 53हजार 680 तबादले किए गए है व सुजानपुर में 709 तबादले हुए।
मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी जोड़ दिया कि इनमें से 10001 तबादले पूर्व कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल के है। जयराम ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के शुरू के दो साल के कार्याकाल में 41 हजार 478 तबादले हुए थे। हमारी सरकार में दो ही हजार ज्यादा तबादले हुए हैं। जयराम ने कहा कि उनकी सरकार तबादले कम करने की ओर प्रयासरत है। इस पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इन मसलों पर राजनीति करने की कोशिश की जा रही है। नाराज होकर सभी कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट भी किया ।
बुधवार को इससे पहले कर्मचारियों व अधिकारियों को सेवा विस्तार व पुनर्रोजगार देने के मसले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच तीखी नोकझोंक हुई। भाजपा विधायक रमेश ध्वाला की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व की कांग्रेस सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
उन्होंने कहा कि पिछल्ली सरकार में जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक 1160 कर्मचारियों व अधिकारियों को सेवा विस्तार दिया गया था व इन पर 28 करोड़ 32 लाख 85 हजार 590 रुपए खर्च किया गया था। उन्होंने कहा कि अगर पूर्व की कांग्रेस सरकार के पांच सालों का जिक्र किया जाए तो उस सरकार में 2397 कर्मचारियों व अधिकारियों को सेवा विस्तार व 1248 कर्मचारियों व अधिकारियों को पुनर्रोजगार दिया गया था। मुकेश व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के चुप रहने पर सुक्खू ने टिप्पणी की कि इस बावत तो सवाल ही नहीं पूछा है। मुख्य मंत्री ने कहा कि वह जानकारी दे रहे है। इसके बाद उन्होंने अपनी सरकार के आंकड़े दिए व कहा कि उनकी सरकार ने पिछले दो सालों में केवल बीस कर्मचारियों व अधिकारियों को सेवा विस्तार दिया है जबकि 213 कर्मचारियों व अधिकारियों को पुनर्रोजगार दिया है। इनमें भी 95 फीसद पटवारी है व आने वाले दिनों में जब पटवारियों की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उनकी नियुक्तियां हो जाएंगे तो ये आंकड़ा भी नीचे आ जाएगा।
जयराम ने कहा कि कांग्रेस के शासन में अंधेरगर्दी मचाई गई थी। इस पर मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अगर भाजपा करे तो पुण्य व कांग्रेस करे तो पाप। उन्होंने कहा कि भाजपा तो सेवा विस्तार व पुनरोजगार को लेकर सैंद्वातिक तौर पर खिलाफ थी। ऐसे में क्या सरकार इसपर पूर्ण रोक लगाएगी।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विचित्र बात है। नेता प्रतिपक्ष को हर बार सुनाने की आदत पड़ गई है। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि आपसे डरता कौन है। उन्होंने कहा कि इस मानसिकता को बदले।
इस पर मुकेश ने भी तल्ख लहजे में कहा कि इस पूरे सवाल को राजनीति पर तौल दिया। सदन में राजनीति की जा रही है। इस पर मुख्यमंत्रीने कहा कि वह सच बता रहे है। सौ-पचास या पांच सौ को सेवाविसतार देने की बात होती तो बात समझ में आती भी। लेकिन राजनीतिक आधार पर सब कर दिया गया जिनकी एक खास राजनीतिक पार्टी व व्यक्ति के प्रति वफादारी थी उन्हें सब कुछ दे दिया। एक संस्कृति विकसित कर दी गई थी।
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