शाइरोपा/कुल्लू।पर्यावरण व वन्यजीव प्राणियों के लिए खतरा बने पॉलिथीन व प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर पदमश्री अवार्डी व भारतीय वन्यजीव संस्थान में वैज्ञानिक रहे आसीर जवाहर थॉमस जॉनसिंह ने आगाह किया हैं।वन्य जीव वैज्ञानिक डा. जॉनसिंह ने साथ ही जोड़ा कि जैवविविधता के लिए गरीबी बहुत बड़ा खतरा हैं।
डा. जॉनसिंह जिला कुल्लू के शाइरोपा में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में यूनेस्को व भारतीय वन्यजीव संस्थान की ओर से 11 व 12 फरवरी को आयोजित पर्यावरण फेस्ट के मौके पर बोल रहे थेे।
उन्होंने कहा कि बेशक हिमाचल में पॉलिथीन पर पांबदी हैं लेकिन कुल्लू में तीर्थन घाटी जैसे इलाकों में जगह -जगह पॉलिथीन के ढेर हैं ये सब रुकना चाहिए। उन्होंने अपने प्रेजेंंटेशन में बताया कि किस तरह से सुंदर वन्यजीव प्राणी गारबेज के ढेरों पर बैठे रहते हैं। उन्होंने कहा कि जलाने की लकड़ी व चारे के लिए वनों के अलावा अल्हदा इंतजाम करना होगा। वन चारे,जलाने व इमारती लकड़ी के लिए नहीं हैं।
दुनिया भर से पौधों की प्रजातियों को आयात कर देश में अलग -अलग जगहों पर उगाने की सनक को लेकर आगह करते हुए कहा कि देशीय प्रजातियों को उगाया जाना चाहिए।
बांदीपुर नेशनल पार्क में ढोले (जंगली कुतों) पर अपने अध्ययन के लिए सुर्खियों में रहे डाॅॅ जॉनसिंह ने कहा कि हिमालयन क्षेत्रों में बांध वन्यजीव प्राणियों के लिए खतरा हैं। डा.जॉनसिंह ने अपने प्रेजेंटेशन में खुलासा किया कि चीतों की 93 फीसद इलाकें तबाह हो चुके हैं व बाकी जो बचे हैं उन पर भी आबादी का दबदबा बरकरार हैं। पारंपरिक चीनी दवाओं की मांग को देखते चीतों की तादाद बढ़ाना असंभव सा हो गया हैं। पारंपरिक चीनी दवाओं के लिए चीतों का शिकार होता हैं।हालांकि अप्रैल 2012में मध्यप्रदेश के पेंच में पांच शावकों संग मादा चीते का देखा जाना सुखद हैं।
भारत में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड,हंगूल और संगाई (मणिपुर का राज्य पशु) का अस्तित्व खत्म होने वाला हैं।उन्होंने कहा कि वन्यजीवों व पर्यावरण को बचाने के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी जरूरी हैं।
इस मौके पर जर्मन में जन्में अमेरिकी जीव विज्ञानी डा. जार्ज शेेेलर,बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के पूर्व निदेशक असद रहमानी , हिमाचल वन विभाग के प्रिंसीपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फारेस्ट संजीवा पांडे ,भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून में वैज्ञानिक आईएफएस सोनाली घोष, यूनेस्काे की सूची में शुमार ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के निदेशक एसएस कटैक,डीएफओ कुल्लू कृपा शंकर,हिमाचल केपूर्व आईएएस अफसर व कवि व लेखक श्रीनिवास जोशी ने खासतौर से शिरकत की।पदम
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