शिमला। जिला सोलन के नालागढ़ में सरसा नदी से रेत बजरी को अवैध तौर पर ले जा रहे तस्करों पर पकड़ने गए तत्कालीन एसडीएम नालागढ़ युनुस को कुचलने के प्रयास में नालागढ़ की अदालत ने एक आरोपी को एक साल की सजा और एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया हैं। यह एक साल
की सजा बजरी व पत्थर की चोरी करने को लेकर दी गई हैं। पहले आरोपी मखन सिंह पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया था। लेकिन बाद में धारा 307 को हटा दिया गया।
जांच के दौरान सामने आया था कि मखन सिंह की मंशा हत्या करने की नहीं बल्कि मौके से फरार होने की थी। हालांकि उसने युनुस व उनकी टीम कीगाउÞी को तीन चार बार टक्कर मारी थी व गाड़ी को आगे ट्रैक्टर से आगे नहीं जाने दिसा था।
2010 बैच के आइएएस अधिकारी युनुस इन दिनों जिला कुल्लू में बतौर जिला उपायुक्त तैनात हैं। वह तब उतर प्रदेश में रेत माफि या पर कार्रवाई को लेकर सुर्खियों में आई दुर्गा शक्ति नागपाल के बैच के हैं।
यह सजा अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नालागढ़ कपिल शर्मा ने सुनाई।
उप जिला न्यायवादी संदीप शर्मा ने कहा कि आरोपी को धारा 279,336,और 186 के तहत भी दोषी पया गया हैं व सजा व जुर्माना लगाया गया हैं।
याद रहे कि युनुस सात जुलाई 2013 को तत्कालीन वीरभद्र सिंह की सरकार के दौरान नालागढ़ में एसडीएम थे। उन्हें जानकारी मिली कि सरसा नदी से अवैध तौर पर रेत व बजरी की तस्करी हो रही है। वह अपने उड़ने दस्ते के साथ तुरंत मौके पर चले गए । सरसा नदी के पुल के पास दोषी मखन सिंह बजरी का ट्रैक्टर भरकर आया। दस्ते ने इसे रुकने का ईशारा किया लेकिन मखन सिंह ने पुल पर तेज रफतारी में चल रहे ट्रैक्टर की लिफ्ट को उठा दिया और सारी बजरी सड़क पर गिर गई। उसने ऐसा इसलिए किया ताकि पीछे से उड़नदस्ते की गाड़ी उसका पीछा न कर सके।
इसदौरान ट्राली भी पलट गई । इससे युनुस समेत दस्ते के सदस्यों का जानें खतरें में आ गई थी।
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