शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बढ़ रहे दबाव के चलते बजट सत्र के दौरान ही नए मंत्रियों की ताजपोशी के आसार बन रहे है। बीती शाम को दिल्ली में मुख्यमंत्री व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई मुलाकात के बाद प्रदेश भाजपा में हलचल मच गई है। कहा जा रहा है छह मार्च को पेश किए जाने वाले बजट के बाद कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार संभव है।
जयराम मंत्रिमंडल में विपिन परमार के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद तीन पद खाली हो गए है।मंत्रियों के दो पद तो लोकसभा चुनावों के बाद ये खाली है। इनमें कांगड़ा से किशन कपूर के सांसद बन जाने व मंडी से अनिल शार्मा के इस्तीफा देने के बाद खाली हुआ था। तीसरा पद हाल ही में खाली हुआ है जब स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिह परमार सिंह से मंत्रिपद छीन कर उनको अचानक विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा दिया।
इन तीनों मंत्रियों के विभाग मुख्यमंत्री ने अपने पास रख लिए है। मुख्यमंत्री के पास अब सभी महत्वपूर्ण महकमे हैं।गृह, लोक निर्माण विभाग,बिलली व स्वास्थ्य महकमा भी उनके पास आ गया है।
बजट सत्र के दौरान ही खाली हो रही राज्यसभा सीट के लिए भी चुनाव हो जाना है। अगर एक ही नामाकंन भरा गया तो 13 मार्च को तय हो जाएगा की राज्यसभा किसे जाना है।13 मार्च को नामाकंन भरने की आखिरी तारीख है। 16 को छंटनी होनी है और 18 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकते है।
विधानसभा में भाजपा का प्रचंड बहुमत है ऐसे में कांग्रेस शायद ही अपना प्रत्याशी खड़ा करे। समझा जा रहा है कि बीती शाम को मुख्यमंत्री व अमित शाह के बीच हुई बैठक में इस बावत फैसला हो गया है। लेकिन अभी कुछ भी सार्वजिनक नहीं किया गया है। बाहर केवल क्यास लगाए जा रहे है जबकि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री को कुछ चीजें स्पष्ट करने को कहा गया है।
मंत्री पद पाने के लिए कांगड़ा के नूरपूर से भाजपा विधायक राकेश पठानिया लंबे अरसे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के इर्द गिर्द मंडरा रहे है। चूंकि मंत्रिमंडल विसतार हो जाने के बाद भाजपा में घमासान मच जाएगा ऐसे में जयराम ठाकुर चाहते है कि जब तक संभव हो मंत्रिमंडल विस्तार को टाला जाए। इसके अलावा कई मलाईदार निगमों व बोर्डों के अध्यक्षों या उपाध्यक्षों के पदों पर कई नेताओं की नजर लगी है।जयराम ठाकुर की ओर से इन पदों पर भी किसी की ताजपोशी नहीं की जा रही ही है।
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