शिमला। कोरेाना संक्रमण से होने वाली मौतों और कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ोतरी के बीच प्रदेश की जयराम सरकार ने कल 14 अक्तूनबर से चुनिंदा रूटों पर अंतरराज्यी य बस सेवा बहाल करने का फैसला कर लिया है। करीब सात महीने के अंतराल के बाद अंतरराज्यीचय बस सेवाएं बहाल की जा रही है।
कोरोना महामारी की वजह से 23 मार्च को पूर्णबंदी लागू होने पर तमाम बस सेवाओं को बंद कर दिया गया था। परिवहन मन्त्री बिक्रम सिंह ने एलान किया कि पहले चरण में 25 रूटों पर अंतरराज्यीय बस सेवाएं शुरू की जाएंगी। इनमें चंडीगढ़, पठानकोट, बद्दी, होशियारपुर,लुधियाना, अम्बाला, हरिद्वार इत्यादि प्रमुख हैं। अंतरराज्यीय रूटों पर सिर्फ गैरवातानुकूलित या नाॅन एसी बसें ही चलाई जाएंगी। अंतरराज्यीय बस रूटों में रात्रि बस सेवाएं भी शामिल की गई हैं।
देश की राजधानी दिल्लीअ के लिए अभी परिवहन निगम की ओर से बस सेवा को बहाल नहीं किया जा रहा है।एसीदव वॉल्वो बसों को भी अभी नहीं चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नवरात्रों और त्योहारों के मद्देनजर लोगों को सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। पिछले कुछ समय से आम लोग भी अंतरराज्यीय बस सेवाएं शुरू करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अन्य राज्यों के लिए भी अंतरराज्यीय बस सेवाओं का परिचालन आरम्भ किया जाएगा।
परिवहन मन्त्री ने कहा कि अंतरराज्यीय रूटों पर बसों के परिचालन के लिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी दिशा-निर्देशों का सख़्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
याद रहे अंतरराज्यीशय बसों सेवा बहाल करने को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया जाना था लेकिन मुख्यजमंत्री जयराम ठाकुर के कोरोना पाजिटिव आ जाने की वजह से मंत्रिमंडल की बैठक को ही स्थजगित कर दिया गया है। जयराम ठाकुर अब 17 दिनों के लिए क्वां रटीन हो गए है । अब मंत्रिमंडल की बैठक उनके नेगेटिव आने के बाद जब वह कामकाज संभालेंगे तभी होगी। ऐसे में परिवहन निगम ने अपने स्तिर पर बसों को चलाने का फैसला ले लिया है।
परिवहन निगम को लगातार हो रहे घाटे की वजह से सरकार अंतरराज्यीाय बस सेवा को शीघ्र बहाल करने की तैयारी में थी। इस बावत बीते दिनों परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा भी था कि परिवहन निगम बस सेवा बहाली को लेकर तैयार है।
कोरोना महामारी की वजह से 23 मार्च को घोषित पूर्णबंदी के बाद तमाम बस सेवाएं बंद कर दी गई थी लेकिन राज्यह के भीतर पिछले महीने कुछ रूटों को छोड़कर बसे चला दी गई थी लेकिन अंतरराज्यीाय बस सेवाएं बहाल नहीं हुई थी।
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