शिमला। पूर्व मंत्री जी एस बाली को कोरोना काल में कांग्रेस आलाकमान की ओर से तरजीह देने के बाद कांग्रेस में घमासान मच गया है और हालीलाज कांग्रेस के चार बडे नेता कांग्रेस को एकजुट करने और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर को पदच्यूत करने की व्यूहरचना में जुट गए है।
बाली को आलाकमान की ओर से कांग्रेस की कोरोना राहत समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांगडा से कांग्रेस नेता सुधीर शर्मा, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ महिला नेता आशा कुमारी ने अपनी मुहिम छेड दी है।
इन तीनों नेताओं ने पहले कांगडा ,उसके बाद ऊना और अब शिमला में बैठकें करके कांग्रेस ही नहीं भाजपा में भी हलचल मचा दी है।
इस तिकडी ने मंडी से वरिष्ठ कांगेस नेता और पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर के अलावा हालीलाज से युवा विधायक विकमादित्य सिंह को भी अपने साथ जोड लिया है। बीती वीरवार रात को नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के शिमला स्थित आवास में रात्रि भोज का आयोजन किया गया व इस भोज में विक्रमादित्य सिंह व ये चारों बडे नेता शामिल हुए। समझा जा रहा कि इन नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से राठौर को पदच्युत करने व इस पद पर मुकेशअग्निहोत्री, सुधीर शर्मा और कौल सिंह ठाकुर को
बिठाने को लेकर रणनीति तैयार की। कांगेस मुख्यालय से जुडे सूत्र बताते है कि मुकेश पिछले डेढ साल से कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा संभालने की कोशिश कर रहे है। वह खुद कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाह रहे है और आशा कुमारी को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बिठाना चाहते है । लेकिन वह अब तक अपनी इस मुहिम में सफल नहीं हुए है।
साफ है वह 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा बनकर उभरने की मंशा पाले हुए है। पार्टी के एक धडे को उनका रास्ता ज्यादा मुश्किल लग भी नहीं रहा है। इस दौड़ में कभी आलाकमान के करीब रहे सुधीर शर्मा और आशा कुमारी भी शामिल है। बाली और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू तो इस कतार में लगे ही हुए है।
कौल सिंह ठाकुर वरिष्ठ नेता है ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री की दौड से बाहर करने के लिए उन्हें मंडी लोकसभा के उपचुनाव में जीताकर दिल्ली भेजने की रणनीति बना दी गई है।
इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अस्पताल में दाखिल है, ऐसे में इन तीनों नेताआों ने हालीलाज कांग्रेस को एकजुट करने की मुहिम चलाई है।
लेकिन बताते है कि कांगडा से शुरू हुई इस मुहिम के शिमला पहुंचते -पहुंचते केवल कौल सिंह ठाकुर ही शामिल हो पाए है। वह भी हालीलाज कांग्रेस के बहुत पहले करीबी थे। इसके अलावा मुकेश के
साथ पालमपुर से विधायक आशीष बुटेल और रेणुका के विधयक विनय कुमार भी शामिल हो सकते है। लेकिन वह सार्वजनिक तौर पर अभी इस तिकडी के साथ नहीं आए हैं। हालीलाज कांग्रेस के बाकी नेताओं ने अभी इन नेताओं के साथ आने की जहमत नहीं उठाई है।
विक्रमादित्य सिंह भी संभवत: आशा कुमारी और मुकेश के कहने पर ही रात्रि भोज पर पहुंचे होगें। दिलचस्प तौर पर इस रात्रिभोज की देर रात को इन नेताओं ने तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर डाल दी। इससे पहले ऊना में हुई बैठकों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर जारी की गई थी।
समझा जा रहा है कि यह तिकडी जयराम सरकार और कांग्रेस में विरोधियों को यह संदेश देना चाहती है कि प्रदेश में कांग्रेस की आंधी आ रही है। सुधीर शर्मा ने रात को भोज के बाद फेसबुक पर पांचों नेताओं की तस्वीर जारी कर लिखा भी है कि अब हवाएं ही करेंगी रोशनी का फैसला।
इन नेताओं की ये मुहिम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर को के बिना शुरू हुई है । ऐसे में उनकी ही कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है तो जाहिर है वह भी कुछ न कुछ तो करेंगे ही। कुलदीप राठौर को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्रसिंह का पूरा समर्थन था लेकिन अब वह अस्पताल में है तो कांग्रेस में बाहर कई कुछ घट रहा है।
मुकेश ने आज राजधनी में संवादददाता सम्मेलन में कहा भी कि प्रदेश में उनके नेता वीरभद सिंह है और दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी है।
राठौर को अध्यक्ष पद से हटाने के मामले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह पार्टी का मामला है। इन नेताओं ने इस संवाददाता सम्मेलन मेंजयराम सरकार को कटघरे में खडा किया और संवाददाता सम्मेलन कांग्रेस मुख्यालय में नहीं विधानसभा परिसर में की।
इस मौके कौल सिंह ठाकुर ने जोडा भी कांग्रेस एकजुट है और दरार तो भाजपा में पडी हुई है।
अब इन नेताओं की कांग्रेस को एक करने की ये मुहिम कितनी सफल हो पाती है यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन यह तय है कि कांग्रेस में अब बडा
घमासान होने वाला है।
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