आर एल ठाकुर
शिमला। गुडिया गैंगरेप व मर्डर केस में पकड़े गए आरोपी सूरज की पुलिस लॉकअप में हत्या कर देने के मामले में गिरफतार आई जी हजूर एच जैदी ,डीएसपी मनीज जोशी ,एसएचओ राजेंद्र कुमार ,एएसआई दीप चंद समेत सभी आठों आरोपी पुलिस वालों को अदालत ने 7 सितंबर तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया हैं। सीबीआई ने सात दिन का और सीबीआई रिमांड मांगा था। लेकिन अदालत ने केवल सात सितंबर तक ही रिमांड दिया।
छह दिनों की पूछताछ के बाद दिल्ली से वापस लाकर सीबीआई ने इन सभी आरोपियों को आज दोपहर बाद सीजेएम रंजीत सिंह की अदालत में पेश किया।
पुलिस की ओर से अदालत में पेश हुए वकीलों ने सभी के लिए न्यायिक रिमांड पर भेजने का आग्रह किया जबकि सीबीआई ने इसका जमकर विरोध किया हैं।सीबीआई के वकील ने दलीलें दी कि आरोपी पुलिस अफसरों व कर्मियों से कत्ल में इस्तेमाल किए गए हथियारों को रिकवर किया जाना हैं। इसके अलावा और आरोपियों को दूसरे आरोपियों व गवाहों के सामने बिठाकर पूछताछ करनी हैं।
इस पर आरोपी पुलिस वालों की ओर से दलीलें दी कि सीबीआई को इस सबके लिए पर्याप्त समय दिया गया और आरोपियों की साख व सम्मान दांव पर हैं।सीबीआई अब हलके दावों के आधार पर रिमांड मांग रही हैं।
इस पर सीबीआई की ओर से कहा कि निर्दोष लोगों को बलि का बकरा बनाया गया और गुडिया गैंगरेप और पुलिस लॉकअप में हुआ कत्ल आपस में जुडा हुआ हैं। सीबीआई ने ये भी कहा कि ये पहली बार हैं कि प्रदेश में पुलिस के इतने सारे अफसर व कर्मी गिरफ्तार किए गए हों।
आई जैदी की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों ने कहा कि वो प्रशासिनक भूमिका के तौर पर कार्य कर रहे थे व उनसे कोई रिकवरी नहीं होनी हैं।इसी तरह की दलीलें बाकी आरोपियों की ओर से भी दी गई। आईजी जैदी की ओर से अमन अरोड़ा व अंशुमन चिन्ना ने पैरवी की जबकि डीएसपी मनोज जोशी की ओर से अजय कोछड़ पैश हुए। बाकी आरोपियों की ओर से मनोज पाठक, अश्वनी धीमान और रवि टांटा ने पैरवी की।
दूसरी ओर से सीबीआई का पक्ष सुशील नेगी ने रखा हालांकि सीबीआई के एएसपी निरजंन कुमार शेटी ने खुद भी सीबीआई का पक्ष अदालत में रखा।
सीबीआई इन सभी आरोपियों को पौने चार बजे के करीब अदालत में लाई व साढ़े पांच बजे के करीब अदालत ने रिमांड पर भेजने का फैसला सुना दिया।
गौरतलब हो कि राजधनी की सीजेएम रंजीत सिंह ठाकुर की अदालत ने इन आठों मुलजिमों को 4 सितंबर यानि आज तक के सीबीआई रिमांड पर भेजा था। सीबीआई रिमांड मिलने के बाद इन्हें पूछताछ के लिए सीबीआई दिल्ली ले गई थी। जहां पर सीबीआई ने इनसे बहुत कुछ उगलवाया हैं। इन्हें दिल्ली से वापस लाकर सुबह बालूगंज थाने में रखा गया था
इसके अलावा सीबीआई ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सबसे वफादार पुलिस अफसर व गुडिया गैंगरेप मामले में अहम जानकारी रखने वाले तत्कालीन शिमला के एसपी डोडुप वांग्शुक नेगी को भी पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था। इससे पहले एसआईटी के सदस्य एएसपी भजन देव नेगी और डीएसपी ट्रैफिक रतन सिंह नेगी को भी दिल्ली बुलाया गया।
आधिकारिक तौर पर वीरभद्र सरकार के करीबी इन तीनों अफसरों को सीबीआई ने गिरफ्तार नहीं किया हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सीबीआई गुडिया गैंगरेप व मर्डर को सुलझाने के करीब- करीब पहुंच गई हैं।चूंकि अभी सीबीआई की ओर से जांच के लिए भेजे सैंपलों की फारेंसिंक रिपोर्ट नहीं आई हैं,ऐसे में रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा हैं। सूत्रों की माने तो जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं व पूरा मामला साफ हो जाएगा।
फोटो कैप्शन – सात दिन के रिमांड के बाद आईजी जैदी को अदालत में पेश करते हुए सीबीआई
फोटो राजेंद्र शर्मा के सौजन्य से
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