शिमला। बीती रात को दो युवकों ने भाजपा विधायक जयराम ठाकुर की गाड़ी का विधानसभा के गेट तक पीछा किया। जब विधायक ने विधानसभा गेट के पास पुलिस से इस बावत पता करने को कहा व पुलिस वाला जैसे ही उक्त गाड़ी की ओर लपका युवकों ने गाड़ी में बैक गियर डाला और तेजी से गाड़ी को भगा ले गए। भाजपा विधायक जयराम ठाकुर ने इस बावत एसपी शिमला से रात को ही बात की। लेकिन शिमला पुलिस ने सुबह दस बजे तक किसी को नहीं पकड़ा था। यही नहीं सुबह एसएचओ ने उल्टे जयराम से पूछा कि इस मामले में क्या करना हैं।यही नहीं एसएचओ ने ये भी कहा कि उसकी इन युवकों से बात हुई हैं।
प्रदेश में पुलिस के कारनामों का ये खुलासा भाजपा विधायक जयराम ठाकुर विधानसभा में किया।
उन्होंने कहा वो बीती रात को शिमला आ रहे थे बालूगंज से उनके पीछे एक गाड़ी आ रही थी। बार -बार हार्न बजाकर पास लेने की कोशिश कर रहा था। यही नहीं उनकी गाड़ी विधानसभा के गेट के भीतर आ गई तो वो भी पीछे से गेट तक अंदर आ गए । उन्होंने कहा कि गाड़ी का नंबर एचपी10ए -2450 था। शायद ये लोग नशे में थे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सुबह तक कुछ नहीं हुआ। स्थिति ये हैं कि विधायक तक की गाड़ी का पीछा किया जाता हैं और पुलिस कुछ नहीं करती।
जयराम के अलावा बाकी विधायकों ने भी कानून व्यवस्था को लेकर सदन में संगीन क्राइम की घटनाओं को सुनाया व पुलिस पर हमला बोला।
भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर ने सरकाघाट के धर्मपुर में 15 साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप का मामला उठाया उन्होंने कहा कि ये 15 साल लड़की जिसके पिता की पांच साल पहले मौत हो गई हैं। मां बीमार रहती हैं। ननिहाल में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इसकी तबीयत खराब हुई तो ये असपताल आने के लिए बस स्टैंड पर खड़ी होकर बस का इंतजार कर रही थी। तभी काले रंग की जिप्सी आई जिसमें तीन युवकों ने उसे पकड़ा ,गाड़ी में डाला होटल में ले जाकर गैंगरेप किया। रात को भी इससे गैंगरेप किया गया और सुबह धर्मपुर के बाजार में छोड़ दिया।उन्होंने आरोपियों के नाम आरिफ खान,अंकित खान,अंजुम हुसैन बताएं। महेंद्र सिंह ने इल्जाम लगाया कि स्थानीय कांग्रेस के नेता के इशारे पर लड़की के परिवार पर दबाव बनाया गया। मामले को खत्म करने की कोशिश की जा रही हैं।
महेंद्र सिंह ने ये भी कहा कि उसकी मां हरिद्वार से लौटी । लड़की को मेडिकल के लिए मंडी ले जाया गया।उन्होंने दावा किया कि वहां से उसकी मां ने उन्हें फोन किया कि मेडिकल के पैसे मांगे जा रहे हैं व मेरे पास पैसे नहीं हैं। महेंद्र सिंह ने कहा कि ये स्थिति हैं प्रदेश की । हालांकि बाद में कौल सिंह ने सदन में स्पष्ट किया कि रेप पीड़ित का मेडिकल एमएलसी फ्री में होता हैं व इस मामले में भी फ्री में ही हुआ। महेंद्र सिंह झूठ बोल रहे हैं।
इसी तरह भाजपा विधायक रविंद्र सिंह रवि ने 16 जनवरी 2014 के मामले को उठाया व कहा कि वहां भी धर्मपुर की तरह की कांड हुआ था।एक लड़की किन्नौर से रामपुर आपे रिश्तेदार से मिलने आई। वो बस स्टैंड पर ऑटो का इंतजार कर रही थी। वहां के गुंडा तत्व आए और उसे गाड़ी में उठाकर ले गए। तीन दिन तक उससे रेप करते रहे व तीसरे दिन रामपुर के बस स्टैंड पर छोड़ गए। एफआईआर दर्ज हुई। लेकिन तब से लेकर आज तक इन गुंडा तत्वों का कोई पता नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि ये कोटखाई के गुंडे कौन हैं, ये रामपुर के गुंडे कौन हैं।ये कुल्लू के गुंडे कौन हैं ये घर्मपुर के गुंडे कौन हैं।
रवि ने कहा कि इनको कौन संरक्षण दे रहा हैं। विपक्ष इसीलिए नियम 67 के तहत चर्चा की मांग कर रहा हैं। स्थिति चिंतनीय हैं।
नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि हमीरपुर में भी 15 साल की लड़की से 48साल के व्यक्ति ने रेप किया हैं। कोई अरेस्ट नहीं हुआ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कौन सा लिा बचा हैं जहां पर इस तरह के अपराध नहीं हो रहे हैं।
अगर विधानसभा में चर्चा होती तो नीचे तक संदेश जाता कि इस मसले पर सब गंभीर हैं। अगर इस मसले पर चर्चा नहीं होती तो क्या इस बात पर चर्चा की जाए कि सरकार ने किसी को 14 करोड़ के लाभ दे दिए।लेन देन हुआ हैं इस बावत भी आरोप लग रहे हैं। इस बीच किसी ने बीच में बोल दिया कि छह करोड़ की डील हुई हैं। धूमल तुरंत बोले कि लो आंकड़ा भी आ गया हैं।
धूमल ने कहा कि बीते रोज वो वाकनाघाट में जाम में फंस गए। जाम को हटाने वाला ही कोई नहीं था।
हिलोपा से भाजपा में गए विधायक महेश्वर सिंह ने भी बजौरा में हुए रेप का मामला उठाया व कहा कि अगर गुडिया मामले में सरकार ठीक काम करती तो ऐसे मामले नहीं होते।
भाजपा विधायकों ने ये सब मसले प्रश्नकाल के दौरान उठाए। चूंकि प्रश्नकाल नहीं चल रहा था तो थोउ़ी थोड़ी चर्चा हो गई। हालांकि बीच में कौल सिंह ने कहा कि धर्मपुर गैंगरेप मामले में तीनों आरोपी पकड़ लिए गए हैं। अगर राजनीतिक दबाव होता तो कोई पकड़ा नहीं जाता। सरकार ऐसे सभी मामलों की निंदा करती हैं। ये दुर्भाग्यपूर्ण हैं। गुडिया केस में भी सरकार ने ही सीबीआई जांच करवाई । हमारी सरकार किसी भी मुलजिम को बख्शेगी नहीं।
मुख्यमंत्री ने भी कहा कि भाजपा सदस्य पुलिस कार्रवाई की प्रशंसा नहीं करना चाहती,ये लोग राजनीति करना चाहते हैं।
इस तरह प्रश्नकाल में ये सब हुआ और प्रश्नकाल चला ही नहीं । स्पीकर ने प्रश्नकाल शुरू भी कराया। शुरू के तीन सवाल भाजपा विधायकों के थे। उन्होंने सरकार से जवाब ही नहीं मांगा। प्रश्नकाल के बाद सदन को स्थगित 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जब बाद में दोबारा सदन बैठा तो फिर शोर शराबा होता रहा । इस बीच सरकार ने भाजपा विधायकों के विरोध के बीच विधायी कार्य निपटाया। भाजपा विधायक वेल में आ गए और बाद में स्पीकर के आसन के दोनों ओर सीढ़ियों में चढ़ कर नारेबाजी करते रहे।
आखिर में स्पीकर ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।
बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि भाजपा सदस्य सदन में झूठ बोलते हैं। वो सदन की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते। स्पीकर ने चर्चा रखी थी उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया। ये सदन का अपमान हैं।
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