शिमला।विधानसभा में आज सरकार कभी विपक्षी सदस्यों तो कभी पार्टी के ही विधायकों की ओर शराब ठेकों ,माइनिंग व बीपीएल सूची पर घिरते रही। प्रश्नकाल शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने शराब की ठेकों की नीलामी को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगा दिया कि बाजार में चर्चाएं गर्म है कि लेन देन कर शराब के ठेकों को ,उन्हें ही दिया जा रहा है जिन्हें ये पहले दिए गए है।धूमल ने सरकार से जानना चाहा कि क्या शराब के ठेकों को नीलाम किया जा रहा है या नहीं । उन्होंने ये भी कहा कि नीलामी न होने से सरकार की आय में दो-तीन सौ करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।पिछले साल भी ऐसा ही हुआ। इस पर सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि आप इस मसले को तब उठाइएगा जब आबकारी नीति आएगी। अभी नीति नहीं आई है।
धूमल ने कहा कि बाजार में चर्चा है कि डील हो गई है। डीलर्स भी यही कह रहे है कि कोई नीलामी नहीं होगी। लेने देन हो चुका है।
इस पर सीएम तल्ख हो गए और धूमल की ओर मुखातिब होकर बोले, आपके शब्द क्या बाइबल और गीता है।इस पर धूमल बोले,आपके शब्द कुरान है क्या।धूमल बोले अजीब बात है सीएम बीच में बोलने लगते है।
भाजपा सदस्य इस मसले पर चर्चा कराना चहते थे। लेकिन स्पीकर ने कहा कि वो इसकी इजाजत नहीं देंगे । अभी प्रश्नकाल है। इस बीच आशाकुमारी ने प्रश्न पूछ लिया। पंचायती रीाज मंत्री जवाब देते इससे पहले ही भाजपा सदस्य महेंद्र सिंह ठाकुर फिर यही मसला उठा दिया और बोले कि प्रदेश के बेरोजगार इस उम्मीद में है कि ठेकों की नीलामी होगी तो उनका नंबर भी आएगा।इ इसलिए ये सदन को ये बताया जाए कि नालामी कब होगी और तिथियां कब तय होंगी।इस पर सीएम बोले , कि अभी नीति तैयार नहीं हुई है।
धूमल समेत भाजपा सदस्यों को अंदेशा था कि आज केबिनेट है और इसमें ठेकों पर पुराने रेटों के आधार पर आगे दे दिया जाएगा।
इसके बीपीएल सूची पर पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा को कांग्रेस एमएलए आशा कुमारी क अलाा संजय रत्न ने भी घेरा । भाजपा सदस्य पूरक प्रश्न पूछने की इजाजत मांगते रहे। लेकिन जब काफी समय तक उनकी बारी नहीं आई तो भाजपा सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया।
मुख्यमंत्री ने भाजपा सदस्यों के वॉकआउट करने पर नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसा व बोले कि धूमल की अपने विधायकों पर पकड़ नहीं रह गई है। उन्होंने जानना चाहा कि वो किस बात पर बाहर गए है। क्या उन्हें बाहर से कोई निर्देश हुआ है। विपक्ष पर व्यंग्य बाण चलाते हुए उन्होंने कहा कि वो प्रसताव रखते है कि उनके भते को न दिया जाए। सदन व स्टेट को ये जानने का अधिकार है कि भजपा सदस्यों ने वॉकआउट क्यों किया। ये सदन का अपमान है।
इसके बाद सदन में माइनिंग का मामला उठा तो उद्योग मंत्री ने मुकेश अग्निहोत्री ने खुलासा कर दिया कि स्टेट में कई विधायक है जिनके क्रशर चल रहे है किसी के दो तो किसी के चार और कइयों के छह छह क्रशर चल रहे है। पूर्व विधायक भी इसमें संलिप्त है। ये प्रभावशाली लोग है और विभाग पर प्रभाव डालते रहते है।उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में कहीं अवैध माइनिंग हो रही है तो वो विभाग को बताएं, कार्रवाई की जाएगी।मुकेश अग्निहोत्री विधायक मनोहर धीमान के प्रश्न का जवाब दे रहे थे। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कई सदस्यों तो ऐसे है जो अपने ही प्रश्न विधानसभा में पूछते है।
सदन में सिथति उस समय अजीब हो गई जब कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध ने वीआइपी नंबरों के मामले पर ये कह दिया कि नंबरों को आवंटित करने वाले क्लर्कों की चांदी हो रही है।विधायक का कहना था कि वीआईपी नंबरों की खुली नीलामी होनी चाहिए ताकि स्टेट को आय हो सके। परिवहन मंत्री जी एस बाली ने कहा कि एक से दस नंबर अफसरेां के लिए रखे गए है। इस पर कांग्रेस विधायक ने कहा कि जब से सरकारी अफसरों को ही देने है तो इन्हें मुफ्त कर दिया जाए। लेकिन बाली नहीं माने व बोले कि इससे विभाग की आय कम हो जाएंगी। विधायकों ने कहा कि उन्हें भी ऐसे नंबर दिए जाए। एक विधायक ने पूछ डाला कि किस किस मंत्री कि पास कितने वीआइपी नंबर है। इस पर मंत्री बाली डिफेंसिव हो गए।वो बोले , वो अपने गाड़ियों के नंबर औरों को देने को तैयार है।वो किसी के नंबर नहीं छीनेंगे।
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