शिमला। जयराम सरकार ने आयुष नीति-2019 को मंजूरी देते हुए प्रदेश में आयुर्वेद व योग से जुड़े रिजार्ट,अस्पतालव अन्य संस्थान व कारोबार चलाने वालों के लिए प्रदेश का खजाना खोल दिया है। इसके अलावा औषधीय पौधों के प्रस्संकरण प्लांट लगाने वालों के लिए भी खजाना खोलकर रियायतें देने का इंतजाम कर दिया है। इसके अलावा पर्यटन इकाइयां लगाने के लिए गैर कृषकों को काश्तकारी अधिनियम के तहत 118 के तहत छह महीने पहले हटाई गई एनओसी की शर्त को भी मंजूरी दे दी है। इससे प्रदेश में होटल बनाने वालों का रास्ता आसान हो जाएगा।
इंवेस्टर मीट से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की इस बैठक में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी या रेरा की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। उपचुनावों के लिए आचार संहिता लगने की वजह से काफी लंबे समय बाद हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आयुर्वेद के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जो उद्योगपति आयुर्वेद से संबंधित रिजार्ट बनाएगा व उसमें आयुष थेरेपी यूनिट स्थापित करेगा उसके लिए यूनिट की लागत का 25 फीसद खर्च सरकार वहन करेगी। मायने यह कि अगर इस यूनिट पर एक करोड़ की लागत आई तो सरकार 25 लाख वहन करेगी। इसमें जमीन पर किया गया खर्च शामिल नहीं है।
इसके अलावा कर्ज पर दिए जाने वाले ब्याज का भी चार फीसद का वहन सरकार करेगी। लेकिन यह सालाना 15 लाख से अधिक नहीं होगा। यही नहीं सात सालों तक जीएसटी के राज्य के हिस्से की 75 फीसद वापसी की जाएगी। महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने का भी इंतजाम किया गया है। अगर किसी महिला की अपने रिजार्ट, अस्पताल या संस्थान में सौ फीसद हिस्सेदारी है तो उसे सालाना पांच लाख रुपए जयराम सरकार की ओर से दिए जाएंगे। अगर कोई योग,ध्यान आदि का संस्थान किराए के मकान में चलाता है तो उसका पहले साल का पचास फीसद किराया सरकार वहन करेगी। लेकिन यह दो लाख से ज्यादा नहीं होगा। दूसरे साल में 40 फीसद लेकिन एक लाख से ज्यादा नहीं और तीसरे, चौथे व पांचवे साल में 25 फीसद किराया सरकार वहन करेगी लेकिन यह पचास हजार से ज्यादा नहीं होगा।
यही नहीं मंजूर आयुष नीति में हिमाचलियों को ज्यादा रोजगार मिले इसके लिए अगर कारोबारियों के लिए पांच कर्मचारियों के लिए ढाई लाख रुपया सरकार की ओर से दियाजाएगा। इसके अलावा अगर ऊर्जा बजत करने पर भी ऊर्जा आडिट का 75 फीसद खर्च सरकार वहन करेगी। लेकिन यह रकम एक लाख से ज्यादा नहीं होगी।
नई नीति में औषधीय पौधों को उगाने वाले किसानों व बागवानों के लिए भी इंतजाम किया गया है। अगर कोई बागवान या किसान औषघीय पौघों का प्रस्ंसकरण करता है यानि जूस या चूर्ण इत्यादिनिकालता है तो उसके संयत्र की 25 फीसद लागत का वहन सरकार करेगी। इसके अलावा स्टांपडयूटी में रियायत देने का भी प्रावधान किया गया है।
इस नीति के तहत आयुष अस्पतालों और औषधालयों को स्तरोन्नत किया जाएगा। इस नीति का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर आयुष चिकित्सा पद्धति को स्तरोन्नत एवं सुदृढ़ कर रोगियों को आयुर्वेद स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार के लिए प्रेरित करना है।
जयराम सरकार ने आयुष व आरोग्य के अलावा पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने के लिए धारा 118 को भी सरल किया है। मंत्रिमंडल ने काश्तकारी एवं भू-सुधार नियमों के नियम 38 (ए)(3)(एफ)के प्रावधानों के तहत प्रदेश में पर्यटन इकाइयां स्थापित करने के इच्छुक गैर कृषकों को राज्य में भूमि खरीदने के उद्देश्य से अनिवार्यता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए पर्यटन विभाग के संशोधित मापदंडों को मंजूरी प्रदान की गई। इच्छुक निवेशक को अपनी पर्यटन परियोजना की प्रारम्भिक परियोजना रिपोर्ट पर्यटन विभाग के निदेशक को सौंपनी होगी, जिसके लिए वह अनिवार्यता प्रमाण पत्र चाहता है। विभागीय निदेशक संबंधित पर्यटन परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का आकलन करेंगे।
मंत्रिमण्डल ने नई आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम नीति-2019 को भी मंजूरी प्रदान की है ताकि हिमाचल प्रदेश को इन क्षेत्रों में निवेश के लिए देश का प्रमुख क्षेत्र बनाया जा सके। इस नीति में अधोसंरचना प्रोत्साहन प्रणाली विकसित करने की परिकल्पना की गई है जो आइटी, आइटीइएस और इएसडीएम की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।
इसी प्रकार वहन योग्य आवासीय नीति-2019 को भी मंत्रिमण्डल ने मंजूरी प्रदान की। इसका प्रमुख उद्देश्य शहरी गरीबों के पुनर्वास और सभी नई आवासीय परियोजनाओं में मिश्रित आवासीय विकास को प्रोत्साहित करना है।
मंत्रिमण्डल ने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी रेरा की स्थापना को मंजूरी प्रदान की ताकि राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र का विनियमन करने के साथ-साथ इस क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा सके। इस प्राधिकरण के प्रबन्धन के लिए अध्यक्ष एवं सदस्यों सहित विभि न्न श्रेणियों के कुल 46 पद सृजित करने का फैसला लिया गया है।
बैठक में एक नई योजना मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आजीविका के अपार अवसर उपलब्ध करवाने के साथ-साथ प्रदेश के पारम्परिक हस्तशिल्प, हथकरघा एवं शिल्पकारों को संरक्षण प्रदान करना है। यह योजना युवाओं को अपनी दक्षता मे स्तरोन्नयन करने में सहायता प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें पारम्परिक कौशल से जोड़ने और अपने उत्पादों की बिक्री के लिए भी सहायक सिद्ध होगी।
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रतन अटल बिहारी वाजपेयी की देश के प्रति दी गई सेवाओं के सम्मान में शिमला और मनाली में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा जयराम मंत्रिमण्डल ने नशे के चंगुल में फंसे युवाओं के पुनर्वास के लिए बिलासपुर, सोलन, कुल्लू, शिमला और नूरपुर में एकीकृत पुनर्वास केन्द्र खोलने का फैसला लिया। इन केन्द्रों में नशे से प्रभावित युवाओं के उपचार की सुविधा होगी।
बेसहारा छोड़े गए पशुओं की समस्या के समाधान के उद्देश्य से मंत्रिमण्डल ने शिमला जिला की जुब्बल तहसील के तहत अंटी पटवार वृत के मोहाल चिंग धमार्णा में पशु पालन विभाग की वन भूमि को श्रीमद्भगवत गीता प्रचार एवं जन जागरण सभा, ननखड़ी, जिला शिमला को गौसदन के निर्माण के लिए हस्तांतरित करने का फैसला लिया है।
बैठक में मंडी जिला के ढीम कटरू, धरोट, सरोआ, बागाचनोगी, मुरह और सैंज तथा कुल्लू जिला के मंगलौर में राजकीय रेशम उत्पादन केन्द्र स्थापित करने को मंजूरी दी गई। इन केन्द्रों के समुचित प्रबन्धन के लिए सेरीकल्चर इंस्पेक्टर और माली,बेलदार के सात-सात पद सृजित करने का निर्णय भी लिया गया।जबकि उद्योग विभाग में अनुबंध आधार पर विस्तार अधिकारी उद्योग के छह पद भरने का निर्णय लिया गया है।
बिलासपुर जिला के झंडुता में नया फायर सब-स्टेशन स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की गई है, जसके लिए विभिन्न श्रेणियों के 23 पद सृजित किए जाएंगे।मंत्रिमण्डल ने मंडी जिला के पुलिस थाना गोहर के अंतर्गत कांडा-बगशयाड़, शरण तथा मुरहग पंचायतों को पुलिस थाना जंजैहली में शामिल करने का निर्णय लिया है।लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल कॉलेज नैरचैक में राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से विभिन्न संकाय के 15 पद नियमित आधार पर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
लोक निर्माण विभाग में तहसीलदार के तीन पदों के सृजन एवं इन्हें भरने का भी निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त बैठक में लोगों की सुविधा के लिए कांगड़ा जिला के हरिपुर में लोक निर्माण विभाग का नया उप-मण्डल सृजित करने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार ऊना जिला में बंगाणा लोक निर्माण विभाग मण्डल के अंतर्गत डेरा बाबा रूदरू (बसाल) में भी लोक निर्माण विभाग का नया उप-मण्डल खोलने का निर्णय लिया गया।
मंडी जिला की सुन्दरनगर तहसील के अंतर्गत डेहर में निरीक्षण कुटीर,विश्राम गृह में अतिरिक्त कमरों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्रिमण्डल ने हि.प्र. स्टेट एजुकेशन सोसायटी के तकनीकी स्टॉफ का लोक निर्माण एवं सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में विलय करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सहायक अभियन्ता नागरिक, कनिष्ठ अभियन्ता नागरिक और कनिष्ठ प्रारूपकार के पदों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में एक मुश्त छूट दी जाएगी।
बैठक में कांगड़ा जिला के इंदौरा और धीरा तथा चम्बा जिला के पांगी के उपमण्डलीय निर्वाचन कार्यालयों में विभिन्न श्रेणियों के पांच पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश निर्वाचन विभाग में निर्वाचन कानूनगो के 13 पद भरने का निर्णय लिया गया है। यह पद अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे।
बैठके में मंडी में न्यू डवेल्पमेंट बैंक के लिए इंजीनियर-इन-चीफ प्रोजेक्ट के तहत परियोजना प्रबन्धन इकाई स्थापित करने को मंजूरी दी गई। इसके लिए कांगड़ा जिला के फतहपुर से इंजीनियर-इन-चीफ प्रोजेक्ट का पद मौजूदा स्टॉफ सहित स्थानान्तरित किया जाएगा। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश ग्रामीण जल आपूर्ति परियोजना को भी पूरे स्टाफ के साथ शिमला से मंडी स्थानान्तरित किया जाएगा ताकि परियोजना प्रबन्धन इकाई का सुचारू संचालन सुनिश्चित हो सके। भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में छूट देते हुए नगर नियोजन विभाग में योजना अधिकारियों के तीन पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है।बागवानी विभाग में सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध आधार पर स्किल्ड ग्राफर्ट्स के नौ पद भरने को भी मंजूरी प्रदान की गई।
गृह रक्षा और नागरिक सुरक्षा विभाग में प्लाटून कमांडर के चार पद भरने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमण्डल ने सभी सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के इंटर्न का वजीफा 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 17 हजार रुपये प्रतिमाह करने को सहमति प्रदान की। प्रदेश के सभी राशन कार्ड धारकों जिनमें एनएफएसए श्रेणियां भी शामिल हैं को फोरटीफाईड गेहूं का आटा उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है।
एक महत्वपूर्ण निर्णय में मंत्रिमण्डल की बैठक में 31 मार्च 2019 और 30 सितम्बर, 2019 को आठ वर्ष का लगातार सेवाकाल पूरा कर चुके सभी अशंकालिक कर्मचारियों दैनिक भोगी बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें शिक्षा विभाग के जल वाहक भी शामिल होंगे। बैठक में सरकारी क्षेत्र में करूणामूलक आधार पर रोजगार प्राप्त करने के लिए आय सीमा को 2.25 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का निर्णय लिया गया है।हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में विभिन्न श्रेणियों के 34 पद भरने का निर्णय भी लिया गया है।
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