शिमला। चार महीने के बाद भी गुडिया गैंगरेप के आरोपियों को न पकड़ने के विरोध के बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सबसे वफादार पुलिस अफसर डोडुप वांग्शुक नेगी को 23 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वो भी अब कंडा जेल में रहेंगे। इससे पहले आईजी जैदी समेत आठ पुलिस कर्मी पहले ही कंडा जेल में बंद हैं। कंडा क्लब में अब नौ पुलिस अफसर व कर्मी शामिल हो गए हैं। सीबीआई ने इन सबको को गुडिया गैंगरेप मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी सूरज सिंह की पुलिस लॉकअप में हत्या के मामले गिरफ्तार किया था।
नेगी की ओर से उनके वकील अविनाश शर्मा ने पैरवी की। वह सोलन से उनकी पैरवी करने आए थे। इस मामले में शिमला जिला बार एसोसिएशन से कोई भी वकील पैरवी नहीं कर रहें हैं।
उधर, गुडिया गैंगरप मामले में चार महीने बीत जाने के बाद भी दोषियों को न पकड़ने से लोगों में रोष है। राजधानी शिमला में गुडिया न्याय मंच के बैनर तले आज सीबीआई दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया और दोषियों को जल्द दबोचने की मांग की। इस मौके पर गुडिया की चाची व मंच की संयोजिका शारदा दसमेठ ने सीबीआई पर आरोपियों को न पकड़ने का इल्जाम लगाया व कहा कि गुडिया को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन तेज किया जाएगा।
मंच के सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार ने डीजीपी सुमेश गोयल को अभी तक उनके पद से नहीं हटाया है। जबकि जांच उनकी डीजीपी शिप के तहत हुई। सीबीआई राजनेताओं, नौकरशाहों व रइसों के आगे बेबस हैं। इसीलिए दोषी खुलेआम घूम रहे हैं।
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