शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मनी लांड्रिंग मामले में मोदी सरकार की इडी की ओर से दर्ज एफआईआर को निरस्त करने करने वाली वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, पुत्र विक्रमादित्य सिंह और सेब के आढ़ती चुन्नी लाल की याचिकाओं के दिल्ली हाईकोर्ट द्धारा खारिज कर देने के बाद इस मामले में आरोपियों पर गिरफ्तारी की तलवार एक बार और लटक गई हैं।दिल्ली हाईकोर्ट ने वीरभद्र की इस दलील की कि ये एफआईआर राजनीतिक प्रतिशोध के चलते दर्ज की गई को अदालत ने दरकिनार कर दिया। इस मामले में उनका एलआईसी एजेंट आनंद चौहान पिछले एक साल से जेल में हैं।
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की आर के गाबा की पीठ ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से इडी की एफआईआर को निरस्त करने की याचिका को खारिज कर दिया हैं। अदालत ने कहा है कि पीएमएलए के तहत इडी अपने आप में पूरी कोर्ट हैं व उसे पूछताछ करने व अरेस्ट करने की पूरी आजादी हैं।
पिछली सुनवाई को अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था जिसे आज सुना दिया गया हैं। ये याचिका एक अरसे से अदालत में लंबित थी। याद रहे इडी मनी लांड्रिंग मामले में वीरभद्र सिंह से पहले नौ घंटों की पूछताछ कर चुकी हैं। लेकिन उन्हें अरेस्ट नहीं किया था।
दिल्ली हाईकोर्ट के आज के फैसले के बाद इडी क्या करेगी ये दिलचस्प होगा। मोदी सरकार में इडी वित मंत्री अरुण जेटली के अधीन हैं। अरुण जेटली और वीरभद्र सिंह में बताते है कि छतीस का आंकड़ा था जिसमें बीते दिनों से नरमी आई हैं।
उधर, दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार के छोटे पुत्र अरुण धूमल ने सोशल मीडिया फेस बुक पर मुख्यमंत्री के खिलाफ हमलावर तेवर अपना लिए व दावा किया कि आने वाले दिनों में कई खुलासे होंगे।धूमल ने पिछले साढ़े चार सालों में कई दफा अपने छोटे पुत्र को आगे किया था।
याद रहे कि सीबीआई ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ 23 सितंबर 2015 को आय से अधिक संपति का मामला दर्ज किया था और 26 सितंबर को उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने दावा किया था कि छापेमारी में कई अहम दसतावेज मिले हैं। हालांकि इन दस्तावेजों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया।1 अक्तूबर 2015 को हिमाचल हाईकोर्ट ने वीरभद्र सिंह को राहत दे दी व सीबीआई को आदेश दिए कि वो मुख्यमंत्री से पूदताछ करने, उन्हें अरेस्ट करने, व चालान पेश करने से पहले अदालत को सूचित करेगी। इस आदेश को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्टमें चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को दिल्ली हाईकोर्ट हसतातंरित कर दिया लेकिन हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले पर कुछ नहीं कहा ।31 मार्च 2017को दिल्ली हाईकोर्ट ने आय से अणिक मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में चालान पेश करने की इजाजत दे दी । सीबीआई ने उसी दिन पटियाला कोर्ट की सीबीआई की विशेष अदालत में चालान पेश कर दिया। सीबीआई कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों को जमानत दे दी हैं व ट्रायल जारी हैं।
उधर, सीबीआई जांच के दौरान ही इडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर दिया इस मामले में वीरभद्र सिंह के एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को अरेस्ट कर दिया जो अब तक जेल में ही हैं।
प्रदेश भाजपा इलजाम लगाती रही है कि मुंशी तो जेल में लेकिन जिसने कांड किया वो राज कर रहा हैं। बहरहाल आज के फैसले के बाद इडी के अगले कदम पर नजर हैं।
उधर, इस फैसले के आने के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा वो अदालत के फैसले का जायजा लेने के बाद अगली रणनीति कानूनविदों से मंथन करने के बाद तय करेंगे। उन्होंने कहा कि सच जीत होगी।उन्होंने दावा किया कि उन्हें प्रदेश की जनता का पूरा समर्थन हैं व वो उनके राजनीतिक व व्यक्तिगमजीवन से पूरी तरह से परिचित हैं।
यहां ये गौरतलब हैं कि विधानसभा के चुनाव जीतने के बाद प्रदेश में अक जीतने भी चुनाव हुए हैं उन्में कांग्रेस की हार हुई हैं। ऐसे में ये दावा करना कि प्रदेश की जनता का उनको पूरा समर्थन हैं,समझ से परे हैं।बहरहाल उन्होंने फिर भी दावा किया हैं।
इस मामले में न सीबीआई और न ही इडी ने उन्हें व उनके परिवार के सदस्य को कभी
गिरफ्तार किया हैं।ये दिलचस्प रहा हैं।
उधर,हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद भाजपा ने वही रटारटाया बखन दिया हैं। भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने पद रहने का कोई अधिकार नहीं हैं। नए सिरे से जनादेश लेना चाहिए।
पार्टी कार्यालय से भेजी विज्ञप्ति में भाजपा के आला नेता शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल,मोदी सरकार में मंत्री जगत प्रकाश नडडा, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर, रामस्वरूप शर्मा, वीरेंद्र कश्यप, पार्टी अध्यक्ष समपाल सती ,राजीव बिंदल समेत कई नेताओं के नाम हैं। लेकिन नडडा खेमें के शिमला से भजपा के विधायक सुरेश भारद्वाज , जयराम ठाकुर और महेंद्र सिंह के नाम गायब हैं।
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