शिमला। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने जयराम सरकार पर सेब बागवानों की अनदेखी का इल्जाम लगाते हुए कहा कि अगले सेब सीजन से पहले प्रस्तावित सात शीत भंडारणों को निर्माण नहीं हुआ तो संगठन जून से सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर देगा।
संगठन के समन्वयक दीपक राठौर ने कहा कि इस बार सेब के दाम बहुत कम मिले है।
जो दाम बागवानों को 2010 व 2011 में मिले थे वही दाम बागवानों को इस साल भी मिले है। जबकि लागत कई गुना बएÞी है। उन्होंने कहा कि एक पेटी की लागत 2011 में ढाई सौ रुपए होती थी वह बढ़ कर इस सल साढ़े छह सौ रुपए हो गई है। ऐसे में इस बार बागवानों को घाटा उठाना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि पिछल्ली कांग्रेस सरकार में इलाके में सात शीत भंडारणों को स्थापित करने के फैसला लिया गा था। इसके लिए विश्व बैंक से बजट भी आ चुका है लेकिन 2017 दमें सरकार बदल गई तो इन शीत भंढारणों का काम ठंडे बस्ते डाल दिया गया है। इसके अलावा पिछल्ली सरकार में ही सेब बागवानों के लिए साढ़े ग्यारह सौ करोड़ की विश्व बैंक की परियोजना शुरू हुई थी। इसके तहत शिलारू में सेब पर शोध करने व उन्नत किस्म उगाने को लेकर एक उच्च स्तरीय केंद्र को खोला जाना था।
जयराम सरकार ने इस केंद्र को पहले कहीं और ले जाने की कोशिश की लेकिन जब विश्व बैंक ने कहा कि वह तभी पैसा देगा जब ये केंद्र यहां खुलेगा। तब जाकर यह पैसा बचा रहा लेकिन इस केंद्र का काम भी शुरू नहीं हो पा रहा है। राहुल गांधी के करीबी दीपक राठौर 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान ठियोग हल्के से कांग्रेस पार्टी का टिकट ले आए थे लेकिन वह हार गए थे।
उन्होंने कहा कि बागवानों को आने वाली समस्याओं का जायजा लेने के लए संगठन छह सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग समिति का गठन किया था। इस समिति ने पराला व नारकंडा मंडी का दौरा कर सभी हितधारकों से बातचीत की व उभर कर सामने आया कि शीत भंडारण न होने की वजह से सभी दिक्कतें है। आढ़तियों व सेब खरीददारों की एक दिन में बगर बीस हजार पेटियां खरीदने की क्षमता है तो बाजार में पचार हजार पेटियां आ रही है। ऐसे में मांग कम और आपूर्र्ति ज्यादा है। इस लिए जो बागवानों को कम दाम मिल रहे है और कारोबारी मुंबई, कलकता व बाकी जगह सेब ले जाकर शीत भंडारणों में रख देते है और बाद में वही सारा मुनाफा कमाते है।
उन्होंने 2011 से लेकर 2018 तक सेब के औसत दाम का आंकड़ा भी जारी किया व कहा कि 2011 में रायल सेब बीस किलो कि एक पेटी 1663 में बिकी थी जो 2019 में इन दिनों 1507 रुपए में बिक रही है। उन्होंने कहा कि वह उपचुनावों के बाद मुख्यमंत्री व बागवानी मंत्री से मिलेंगे। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन होगा।
विद्रोह नहीं किया पच्छाद में करूंगा प्रचार
चुनाव की इस बेला पर चुनाव प्रचार के बजाय सेब बागवानों के समस्याएं उठाने को लेकर पूछे सवाल के जवाब में राठौर ने कहा कि वह आज ही पच्छाद में चुनाव प्रचार में जा रहे है। याद रहे पार्टी अध्यक्ष कुलदीप राठौर और दीपक राठौर दोनों ही ठियोग हलके से है और 2022 में दोनों ही टिकट के तलबगार है। ऐसे में ये पूछे जाने पर कि उन्होंने कहीं विद्रोह तो नहीं कर दिया है। राठौर ने कहा कि उन्होंने कोई विद्रोह नहीं किया है।
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