शिमला।प्रदेश हाईकोर्ट ने जयराम सरकार व उनके तमाम अधिकारियों को राजनीतिक नेताओं, बोर्डो व निगमों के अध्यक्षों और राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों, हारे हुए प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं व अन्यों की ओर से कर्मचारियों के तबादलों की सिफारिशों पर अमल करने से रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि इस तरह की सिफारिशों पर तबादला आदेश तो दूर बल्कि इन पर आगामी कार्यवाही भी अमल में नहीं लाई जाएगी।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तिरलोक सिंह चौहान और चंदर भूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने एक स्थानीय नेता की सिफारिश पर एक कर्मचारी के किए तबादले पर रेाक लगाते हुए यह आदेश जारी किए है। खंडपीठ ने कहा कि यह तबादला एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता के ईशारे पर किया गया हैं जिसे प्रशासनिक विभाग ही नहीं सरकार के कामकाज से भ कुछ भी लेना देना नहीं हैं।
खंडपीठ ने मंडी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक भराड़ी से भोला दत नामक प्रवक्ता की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुण् यह आदेश जारी किए। इस प्रवक्ता को इस स्कूल से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कांडा भेज दिया था और सकी जगह कांडा से रघुनाथ सिंह का तबादला भराड़ी स्कूील को कर दिया था।
भोला दत ने अपनी याचिका में कहा थाकि उसका तबाादला हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों की उल्लंघ्घना कर किया गया है।याचिका कर्ता ने इल्जाम लगाया कि उसका तबादला एक स्थानीय नेता के डीओ नोट के आधार पर कर दिया गया।
सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि सरकार के कर्मचारियों का तबादला ऐसे लोगों की सिफारिशों के आधार किया जा रहा है जिनका सरकार व प्रशासकीय विभाग से कोई लेना देना नहीं है।
खंडपीठ ने कहा कि अदालतों में इस तरह के मामलों सैंकड़ों के हिसाब से नहीं हजारों के हिसाब से से आ रहे है व अदालतों के पास ऐसे मामलों की भरमार हो गई है। इसलिए पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल के क्यों न हो, के हाथों में तबादलों की जो ताकत चली गई उसे रोकने की जरूरत हैं। अगर ऐसा नहीं किया तो समाज में अराजकता फैल जाएगी ओर तंत्र ध्वस्त हो जाएगा। खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 17 मई को तय की है।
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