शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने छतीसगढ की राजधानी रायपुर में अजीब भाषण दिया व कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल में हिंदू विचार को हराया व इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंकागांधी को भी लपेट लिया कि उन्होंने दिशा निर्देश किए।
उन्होंने अपने भाषण में कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा भी हिमाचल प्रदेश से आते हैं। हमने जब यह देखा, एक रणनीति बनी कि किस प्रकार जो हिंदू विचारधारा का प्रतिनिधत्व करने वाली पाटी जो भारतीय जनता पार्टी है, उसको ,इसी प्रदेश में किस प्रकार से हमें चुनावों में शिकस्त देनी है। प्रियंका गांधी ने दिशा निर्देश तय किए दिए और आज 97 फीसद हिंदू विचारधारा को कांग्रेस की इंयसानियत की विचारधारा ने हरा कर हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का झंडा फहराया हैं। इस तरह उन्होंने इस मामले में प्रियंका गांधी को भी लपेट लिया।
जबकि असलियत यह थी कि प्रदेश में हिंदू कार्ड चलता ही नहीं हैं और हिंदू व हिंदू विचारधारा खतरे में है ऐसा कोई मुददा प्रदेश के विधानसभा चुनावों के दौरान उछला था। न जाने सुक्खू को यह सलाह किसने दी कि रायपुर के कांग्रेस के अधिवेशन में हिंदू का मुददा उछालना हैं। प्रदेश में हिंदू-मुसलमान के मुददे पर कभी कोई चुनाव लडा ही नहीं गया क्योंकि प्रदेश में मुस्लिम आबादी एक डेढ फीसद ही हैं।
उन्होंने अपनी दो महीने की सरकार में प्रदेश में भाजपा को बैठे बिठाए मुददा दे दिया। अभी प्रदेश में नगर निगम शिमला और उसके बाद लोकसभा के चुनाव होने हैं। अब भाजपा इस मसले में सुक्खू को कैसे घेरेंगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता हैं। लगता है कि वह जाल में फंस गए हैं।
उनके भाषण का यह हिस्सा प्रदेश में अब वायरल भी होने लगा हैं। सबको पता है कि प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कोई इंसानियत वाली राजनीति की बात नहीं । भाजपा में आपसी जंग थी जो कांगेस से कम थी । भाजपा ने टिकट गलत बांटे और कांग्रेस में टिकटों का बंटवारा कुछ ठीक हुआ हैं। इसके अलावा जयराम सकरार के खिलाफ लोगों गुस्सा था। भाजप ने अपने कददावर नेता व दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हाशिए पर धकेल रखा था । इतनी सी बात थी । बावजूद इसके भाजपा 25 सीटें जीत गई।
इसके अलावा भी सुक्खू ने भाषण में कई कुछ कहा। उन्होंने कहा कि वह एक सामान्य परिवार से चलके मुख्यमंत्री बनने व वादे के मुताबिक सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही अपने 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है।
राष्ट्र के विकास में नेहरू-गांधी परिवार के बहुमूल्य योगदान पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार ने देश की एकता और अखंडता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह परिवार सत्ता का भूखा नहीं है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ-साथ राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास राष्ट्र के लिए बलिदानों से भरा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का जवाब देने के लिए 2024 में होने वाले लोकसभा के आम चुनाव में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर एक साथ खड़ा होना होगा।
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को विधानसभा चुनाव में प्रदेश में मिली शानदार जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्रीमती प्रियंका गांधी की चुनावी रणनीति के फलस्वरूप ही प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ और इस छोटे से राज्य में पार्टी की जीत आगामी लोकसभा चुनावों के लिए वरदान सिद्ध होगी।
(34)