शिमला। नेश्नल बुक ट्रस्ट ने देश की आन-बान–शान की खातिर अपना सब कुछ दांव पर लगाने वाले पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा समेत अब तक के परम वीर चक्र विजेताओं की गाथाओं से देश को रूबरू कराने के लिए पुसतकों की श्रृखंला प्रकाशित की हैं। इस श्रृंखला की पहली कड़ी में पांच पुस्तकों का सेट राजधानी के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में 13 से 21 मई तक लगने वाले बुक फेयर में पाठकों के लिए पेश किया जा रहा हैं।
मीडिया से रूबरू हुए नेश्नल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि वो चाहते हैं कि छात्रों को इन जाबाजों की गाथाओं से रूबरू कराया जा सके। ये गाथाएं घर-घर पहुंचे, इस मंशा से पांच किताबों के सेट की कीमत केवल 125 रुपए रखी गई हैं। एनबीटी के उप निदेशक प्रदर्शनी मोहम्मद इमरानुल हक ने कहा कि बुक फेयर में सभी किताबों पर दस फीसद की छूट दी जाएंगी।
उधर , प्रदेश साहित्य अकादमी की सचिव प्रभा राजीव ने कहा कि उन्होंने निदेशक शिक्षा व बाल कल्याण विभाग से आग्रह किया है कि वो ज्यादा से ज्यादा बच्चोंको इस बुक फेयर में लाएं। इसके अलावा स्पेशल स्कूल के बच्चों को भी इस मेले में लाने का इंतजाम किया गया हैं, ताकि वो किताबों की दुनिया से रूबरू हो सकें।
नेश्नल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि ये धारणा गलत है कि किताबें पढ़ने वालों की तादाद कम हुई हैं। ऐसा नहीं हैं। एनबीटी की फीडबैक के मुताबिक देश में किताबें पढ़ने का चलन हैं। किताबों की कीमतें व पहुंच एक बड़ी चुनौती हैं। अधिकतर किताबों की पहुंच शहरों तक सीमित हैं।
उन्होंने इस बात पर हामी भरी कि मीडिया का कारपोरेटाइजेशन होने से मीडिया में साहित्य हाशिए पर पहुंच गया हैं।उन्होंने कहा कि उद्योगों से ज्यादा महत्व कला व साहित्य का हैं।कला व साहित्य मनुष्य की रचना करते हैं।समाज में फैले अपराध ,भ्रष्टाचार की बड़ी वजह यही है कि लोग साहित्य व कला से दूर होते जा रहे हैं। इन सबका सामना हमें मिलकर करना होगा।
13 मई को बुक फेयर की शुरूआत के मौके पर लंबी कविता ‘अंधरे में’ के रचियता गजानन माधव मुक्तिबोध पर प्रदेश के वरिष्ठ लेखक श्रीनिवास श्रीकांत की पुस्तक ‘‘मुक्तिबोध एक पुनर्मूल्याकंन’ व कवि एस आर हरनोट की पुस्तक ‘हिमाचल प्रदेश के मंदिर और उनसे जुड़ी लोक कथाएं ‘ को लोकार्पण मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह करेंगे।
एनबीटी सात दिन तक चलने वाले इस बुक फेयर का आयोजन प्रदेश भाषा विभाग व साहित्य अकादमी के सहयोग से आयोजित कर रहा हैं।
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