शिमला। शहर में फैले पीलिया के कारणों व इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर शिकंजा कसने के लिए अगर वीरभद्र सिंह सरकार हाईकोर्ट के सीटिंग जज से न्यायिंक जांच कराने को राजी नहीं होती है तो स्थानीय भाजपा विधायक सुरेश भरद्वाज भी इस मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाएंगे। भारद्वाज ने कहा कि वो इसके लिए सरकार व प्रशासन पर दबाव डालेंगे। इसके अलावा भाजपा विधायक इस मसले को विधानसभा में उठाएंगे। उन्होंने आज इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज कराने की मांग की।इससे पहले शहरी शिमला युवा कांग्रेस भी इस मामले की न्यायिेक जांच की मांग कर चुकी है। हाईकोर्ट ने इस मसले को पहले ही सू मोटो लिया हुआ है।
भारदवाज से पूछा गया था कि अगर वीरभद्र सिंह सरकार उनकी मांग पर सीटिंग जज से जांच कराने का तैयार नहीं होती हैं तो स्थानीय विधायक होने के नाते क्या वो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।ऐसा करने से साफ इंकार करते हुए भारद्वाज ने कहा कि वो सरकार पर इसके लिए दबाव बनाएंगे। वो दबाव बना पाएंगे या नहीं शहर के लोग इसका इंतजार जरूर करेंगे। यहां ये उल्लेखनीय है कि अश्वनी खडड से सीवरेज युक्त पानी की सप्लाई पर रोक लगाने के साथ ही वामपंथी मेयर व डिप्टी मेयर ने छोटा शिमला थाने में एफआईआर दर्ज कर दी थी।जिसके बाद सरकार ने इस मसले पर एसआईटी जांच बिठा रखी है।
भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने एसआईटी जांच को बेमानी बताते हुए कहा कि जांच सीटिंग जज से होनी चाहिए।पीलिया से दो दिन पहले ही भाजपा के पूर्व कोषाध्यक्ष अशोक सूद की मौत हुई है।इसके अलावा छह और लोगों की मौत हो चुकी है।उन्होंने सरकार से मांग की कि जिन लोगों की पीलिए से मौत हुई हैं,उनके परिजनों को सरकार मुआवजा दें।
भारद्वाज ने कहा कि 2005 में जब म्लाणा में एसटीपी लगा था तभी मालूम था कि इससे छह किलोमीटर आगे अश्वनी खड हैजहां से लोगोंको पानी जाता है। इसके बाद2009 में हाईकोर्ट ने कुछ निर्देश दिए थे लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया।ये पूछे जाने पर कि 2009 में भाजपा की सरकार थी तो उस सरकार ने कुछ क्यों नहीं किया।भारद्वाज ने कहा कि तभी तो सता से बाहर हुए । अगर भाजपा की सरकार ने कुछ नहीं किया तो क्या आगे भी कुछ नहीं करना है।
भारद्वाज ने दावा किया कि एसटीपी में केवल 30 फीसद सीवरेज ही ट्रीट होता है 70 प्रतिशत बिना ट्रीट किए नाले में चला जाता है।एमसी ने कूडा एकत्रित करने वालों तक को उन लोगों को जिनके मकानों में सीवरेज कनेक्शन नहीं है ,को नोटिस देने में लगा रखा है।
एमसी की कमेटी की ओर से दी गई एसटीपी को दी गई क्लीन चिट पर सवाल-
भाजपा विधायक ने 31 दिसंबर को प्लांट का दौरा करने गई एमसी टीम की ओर से दी गई क्लीन चिट पर सवाल उठाए। भारद्वाज ने कहा कि पार्षद सुरेंद्र चौहान की अगुवाई में गई टीम ने इंस्पेक्शन रिपोर्ट में लिख रखा है कि एसटीपी के सभी कंपोनेंट और प्वाइंट्स ठीक से काम कर रहे है। इस टीम मेंएमसी के अफसर भी गए थे ।उन्होंने इस रिपोर्ट को भी मीडिया को जारी किया।
यहां पढ़े ये रिपोर्ट-:
वामपंथियों की एमसी पर हमला
भाजपा विधायक ने वामपंथी मेयर व डिप्टी मेयर वाले नगर निगम पर भी हमला बोला और कहा कि एमसी व आईपीएच विभाग के अफसरों की एकमीटिंग हुई जिसमें प्रदेश के महामारी प्रोग्रामिंग अफसर भी शामिल हुआ। उन्होंने सवाल उठाया की इस मीटिंग के मिनिट्स सार्वजनिक क्यों नहीं किए जाते।उन्होंने पानी का वितरण तो एमसी करता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी नोटिस भेजने तक ही सीमित रहा। सब पर कार्रवाई हो।
भारछवाज ने माना कि उनकी जानकारी के मुताबिक ठेकेदार के पास एसटीपी चलाने की कोई विशेषज्ञता नहीं है। नतीजतन शहर के करीब 15 हजार लोग पीलिए की चपेट में आ गए।
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