शिमला। विधानसभा में मुख्य सचेतक और जयराम सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम जनमंच के संयोजक व जुब्ब्ल कोटखाई से भाजपा विधायक नरेंद्र बरागटा का आज सुबह पीजीआइ चंडीगढ में निधन हो गया है। वह पिछले दो सप्ताह से पीजाआइ में दाखिल थे। इससे पहले वह कोविड से संक्रमित हो गए थे लेकिन सात अप्रैल को नेगेटिव आ गए थे। वह कोविड से ठीक हो गए थे। उनका अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव टहटौली में किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को पीजीआइ से लाया जा रहा है। वह अपने पीछे पत्नी व दो बेटे छोड गए है।
उन्होंने पिछले साल ही पेस मेकर लगाया था। वह इसी को लेकर पीजीआइ में डॉक्टरों से परामर्श करने गए थे। उन्हें वहां पर दाखिल कर लिया। इसके बाद उनकी स्थिति खराब हो गई और उन्हें आइसीयू में भर्ती कर लिया गया।
पिछले तीन चार दिनों से उनकी स्थिति लगातर बिगडती जा रही थी। आज सुबह साढे चार बजे के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली।उनके बेटे व भाजपा आइ टी सेल के प्रदेश संयोजक चेतन बरागटा ने उनके निधन की जानकारी अपने फेसबुक पर दी। इसके बाद भाजपा में उनके समर्थकों में शोक की लहर फैल गई।
प्रदेश में 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें उम्मीद थी उन्हें मंत्री बनाया जाएगा लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। पार्टी की अंदरूनी राजनीति से वह आहत थे।
ऐसे में बाद में उन्हें विधानसभा में मुख्य सचेतक बना दिया गया। लेकिन वह तब भी मायूस ही थे। आखिर में उन्हें जनमंच का संयोजक बना दिया गया ।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी 69 साल के बरागटा धूमल सरकार में 1998-2000 और 2007 -2012 बागवानी मंत्री रहे थे और उन्होंने बागवानों के लिए एंटी हेल गन से लेकर कई नई शुरूआतें की थी।
जुब्बल कोटखाई से वह तीन बार विधायक रहे व दो बार मंत्री भी बने थे। बीते रोज ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उनका कुशलक्षेम पूछने पीजीआइ गए थे।
बरागटा के निधन के बाद आज होने वाले मंत्रिमंडल की बैठक को स्थगित कर दिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री के अन्य कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है।
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