शिमला।मनी लांड्रिंग मामले में इडी की ओर से की गई पूछताछ के पूर्व कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह अपने पति व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह संग वापस शिमला लौट आई हैं। शिमला लौटने से पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह दिल्ली में मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री व हिमाचल भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के राजनीतिक दुश्मन जगत प्रकाश नडडा से मिलकर आए हैं।ऐसे मौके पर वीरभद्र व नडडा की मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
नडडा हिमाचल में धूमल को आगामी मुख्यमंत्री पद से अपदस्थ कर खुद मुख्यमंत्री की रेस में आगे हो गए है। आलाकमान में भी उनके नाम को करीब -करीब हरी झंडी दी हुई है।उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इस बारे अभियान भी छेड़ दिया है। जाहिर सी बात है कि इन समर्थकों को नडडा से जरूर आदेश मिले होंगे।
इडी की ओर से प्रतिभा सिंह से पूछताछ करने के बाद इस केस की गंभीरता कम हो गई है।वीरभद्र समर्थकों का मानना है कि चूंकि उन्हेंं अरेस्ट नहीं किया गया,ऐसे में आगे संभवत: कोई बड़ा खतरा नहीं है। अगर उन्हें अरेस्ट कर दिया जाता तो मुश्किलें बढ़ सकती थी।
बहरहाल अब प्रतिभा सिंह बुधवार शाम को वापस शिमला लौट आई हैं। वीरवार को संभवत: केबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक होनी है।इसके बाद 22 अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है। समझा जा रहा है कि इस सत्र में भाजपा मनी लांड्रिंग मामले में शायद ही कोई जबरदस्त हमला बोले।अगर उन्होंने हमला बोला तो ये मोदी सरकार पर हमला हो जाएगा। समझा जा रहा है कि बीजेपी का एक धड़ा तीखा हमला करने सेे बचेगा।
मोदी सरकार में मंत्री नडडा से वीरभद्र सिंह की मुलाकात में क्या पका इसका इजहार धूमल विरोधी एमएलए मानसून सत्र में विधानसभा कर जाएंगे। संभवत: तब तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी।
नडडा भाजपा की ओर से हिमाचल के आगामी मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट हो ये भाजपा से ज्यादा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सूट करता है।दोनों में पुरानी यारी भी है। इसके अलावा भाजपा में धूमल विरोधी खेमा भी धूमल परिवार की राजनीति से आजिज आ चुका है।धूमल से नाराजगी के चलते भाजपा से बागी हुए हिलोपा के महेश्वर सिंह समेत कई बड़े नेता घर वापसी की तरकीबें तलाश रहेंं है और ये घर वापस आकर धूमल को ठिकाने लगाने में कोई कसर छोड़ने वाले नहीं है।
दूसरी ओर वीरभद्र धूमल को उन्हीं की पार्टी के नेताओं से ठिकाने लगाने का काम कर रहे हैं। वो नडडा को भाजपा में मजबूत कराने के लिए कई स्तरों पर काम भी कर रहे हैं। चाहे एम्स का मामला हो या एनएच के मुददे।वीरभद्र सिंह इसके लिए नडडा को श्रेय देने की रणनीति पर काम कर रहे है।धूमल व उनके बेटे को वो सार्वजनिक तौर कोई श्रेय नहीं दे रहे हैै। धूमल के भाजपा में बड़े राजनीतिक शत्रुु शांता कुमार की भी वीरभद्र सिंह एक अरसे से खूब वाहवाही कर रहेे है।धूमल को ठिकाने लगाने के लिए शांता कुमार भी नडडा को स्पोर्ट करने में कोई गुरेज नहीं कर रहे है।ऐसे में नडडा से वीरभद्र सिंह की मुलाकात के कई राजनीतिक मूक संदेश देने की कोशिश हो रही है।
उधर, प्रतिभा सिंह का इडी की पूछताछ के दौरान अरेस्ट न होना धूमल खेमे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है व वीरभद्र सिंह व उनके मैनेजरों की ये बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।।भाजपाइयों में ये संदेश जा रहा है कि धूमल व उनके बेटों का मोदी पर तो जोर पहले भी नहीं चलता था अब जेटली भी उनसे काबू नहीं हो पा रहे है। प्रदेश की कांग्रेस व भाजपा की राजनीति दिलचस्प हो गई है व असल नजारा 2017 के विधानसभा चुनावों में सामने दिखेगा। लेकिन झलक नजर आनी शुरू हो गई है।
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