शिमला।कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार के नाम लिखी चिटठी के वायरल होने पर कहा कि सरकार चिटठी किसने वायरल की इसकी जांच कराने के बजाय चिटठी में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराए। यह जांच कराने से ही पता चलेगा कि आरोप झूठे हैं या सच्चे ।
वह आज राजधानी में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। चिटठी में लगाए इल्जामों पर कांग्रेस पार्टी की खामोशी पर रामलाल ठाकुर ने कहा कि पार्टी सही समय पर व सही स्थान पर इन मामलों को उठाएगी। अभी सरकार को जांच कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां से भी भ्रष्टाचार की बू आए वहां जांच होनी चाहिए। धर्मशाला में उपचुनाव होने वाले है, वहां पर भजपा से सवाल पूछा जाएगा।
पत्र बमों से भाजपा का पुराना रिश्ता
प्रदेश कांग्रेस महासचिव एवं शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश भाजपा में एक आरोप पत्र को लेकर मचे घमासान पर तंज कसते हुए कहा है कि प्रदेश भाजपा सरकार का काउंटडाउन शुरू हो गया है।आने वाले दिनों में अभी और भी ऐसे ही पत्र बमों से इंकार नही किया जा सकता।ऐसे पत्रों से भाजपा का पुराना रिश्ता है।
विक्रमादित्य ने कहा है कि पहले इस पत्र में लगे आरोपों की जांच होनी चाहिए।प्रदेश के लोगों के सामने सच आना चाहिए।उन्होंने कहा है की यह बड़ा हास्यास्पद है कि सोशल मीडिया में पत्र वायरल करने वाले की पुलिस जांच तो कर रही है,पर प्रदेश सरकार आरोपित मंत्रियों के खिलाफ लगे कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर खामोश बैठी है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि उन्हें लगता है कि प्रदेश सरकार अपनी छवि बनाये रखने को इस मामले की लीपापोती में लगी है।सरकार इस पत्र में लगे आरोपों से बचना चाह रही है।उन्होंने कहा है कि प्रदेश भाजपा में आरोपों का दौर शुरू हो गया है।प्रदेश में होने जा रहे दो उपचुनावों में इसका साफ असर दिखेगा।उन्होंने कहा है कि कांग्रेस इन दोनों उपचुनावों में जीत हासिल करेगी।
आज देश आर्थिक मंदी से त्रस्त है।बड़े बड़े औद्योगिक घराने बड़े स्तर पर अपने यहां से कामगारों की छंटनी कर रहे है।देश मे एक तरफ मंहगाई का दौर ऊपर से बेरोजगारी का बढ़ना चिंता का विषय है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है।केंद्र सरकार इससे लोगों का ध्यान हटाने के लिये ऊलजलूल बाते कर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने में लगी है।उन्होंने कहा कि दिन प्रति दिन रुपये का गिरना और देश की जीडीपी में भारी गिरावट आना देश के लिए कोई शुभ संकेत नहीं है।
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