राजनैतिक प्रस्ताव
हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक परिस्थिति
हिमाचल प्रदेश के इतिहास में वर्तमान कांग्रेस सरकार का यह कार्यकाल काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा, क्योंकि इस दौरान न तो प्रदेश में कोई विकास कार्य हुए और न ही जनता की समस्याओं का समाधान हुआ, उल्टा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर आय से अधिक सम्पति और भ्रष्टाचार के मामले में सी0बी0आई0, ई0डी0 व अदालतों द्वारा की जा रही कार्यवाहियों से प्रदेश शर्मसार हुआ। पिछले कुछ महीनो से तो मुख्यमंत्री व उनके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी की आशंका बनी हुई है, जिससे प्रदेश में असमंजस का माहौल है। ऐसा लगता है प्रदेश में किसी चुनी हुई सरकार का राज नहीं बल्कि ’’माफिया’’ का राज चल रहा है। सरकार के मंत्रियों के संरक्षण में भू-माफिया, वन माफिया, खनन माफिया व ड्रग माफिया तो पहले से ही सक्रिय थे, अब सरकार की देख-रेख में शराब माफिया ने भी प्रदेश में पैर पसार लिए है। आय से अधिक सम्पति व भ्रष्टाचार के प्रमाण सहित आरोपों से घिरे और रजवाड़ाशाही मानसिकता से ग्रस्त मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भाजपा नेताओं पर तथ्यहीन आरोप लगाते हुए अशोभनीय टिप्पणियां तो कर ही रहे थे, परन्तु अब उनके द्वारा कांग्रेसी नेताओं के बारे में भी की जा रही बयानबाजी से लगता है कि वे अब अपना मानसिक संतुलन पूरी तरह से खो बैठे हैं।
भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है और प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है। प्रदेश की राजधानी शिमला में घटा ’युग-हत्याकांड’ इसका मुंह बोलता उदाहरण है।4 साल के बच्चे को अगवा कर एक सप्ताह रख कर फिरौती मांगते रहना और फिर मारकर पीने के पानी के टैंक में डाल देना एक हृदय विदारक घटना है। दुख की बात है किफिरौती मांगने वालों की सूचना देने पर भी पुलिस प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की जिसके कारण यह दुखदायी घटना घटी है। इससे भी बड़े दुख की बात यह है कि साम्यवादियों द्वारा नियंत्रितनगर निगम शिमला द्वारा फाइलोंमें उस टैंक की तीन बार सफाई करने के बावजूद अब दो साल बाद बच्चे का शव उस टैंक में मिला जिसका पानी शिमला के सभी वी0आई0पी0 व अन्य लोग पीते रहे। जिसके परिणामस्वरूप शिमला में पीलिया से 3700 लोग प्रभावित हुए और 32 लोगों की मौत हुई।
यही नहीं प्रदेश में चोरी, डकैती, बलात्कार, महिला व अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के उत्पीड़न की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धिहुईहै।हालात इतने बदतर हो गए हैं कि सराहन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पालमपुर में विधान सभा अध्यक्ष बृज बिहारी भुटेल के घर में भी चोरी हो गई। जब इन्हीं के घर सुरक्षित नहीं तो आम आदमी का क्या होगा ?इसका मुख्य कारण है सरकार के कर्णधार एक तो असमाजिक तत्वों को संरक्षण देते हैं, दूसरा पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर झूठे मुकद्दमे दर्ज करने में करते हैं।यही नहीं वीरभद्र सरकार एक तरफ तोस क्षम, ईमानदार व वरिष्ठ अधिकारियों को प्रताड़ित कर रही है और दूसरी तरफ भ्रष्ट अधिकारियों की पदोन्नतियां कर सम्मानित कर रही है, जिससे हतोत्साहित होकर कई अधिकारी लम्बी छुट्टी या केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए और अन्य का मनोबल इतना गिर गया है कि वे कुछकर नहीं पा रहे। प्रमुख पदों पर सेवानिवृत, अयोग्य व भ्रष्ट अधिकारियों की तैनाती से भी सेवारत, योग्य व ईमानदार अधिकारी अपने को लाचार महसूस कर रहे हैं जिसका असर प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर पड़ रहा है और ऐसा महसूस हो रहा है कि प्रदेश सरकार नाम की कोईचीज नहीं है और प्रदेश माफिया सरगनो के भरोसेचल रहा है।
हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की कार्यसमिति कांग्रेस सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाती है। प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का मुआवजा जो केन्द्र की मोदी सरकार ने भेजा, उसे भी किसानों में बांटने में असमर्थ रही। केन्द्र द्वारा शुरू की गई ’’फसल बीमा योजना’’ को प्रदेश में लागू करने में इस सरकार ने कुछ नहीं किया। जंगली जानवरो व बेसहारा पशुओं से किसानों को हो रहे नुकसान को रोकने में सरकार पूर्णतः विफल रही है। प्रदेश में बनने वाले प्रोजैक्टों में आने वाली किसानों की जमीन का मुआवजा जमीन की कीमत सेचार गुना ज्यादा देने के मोदी सरकार के फैसले को नहीं मान कर इस सरकार ने साबित कर दिया कि इन्हें किसानो के हितों की कोई चिंता नहीं है। हालांकि उसमें पूरी धनराशि केन्द्र सरकार ने देनी है।
भाजपा का मानना है कि सबसे ज्यादा धोखा इस सरकार ने बेरोजगार युवाओं को दिया है। बेरोजगारी भŸाा देने के नाम पर युवाओं से वोट लेकर सत्ता में आई, इस सरकार ने पहले तो बेरोजगारी भत्ते की जगह सिर्फ तकनीकि शिक्षा प्राप्त करने वाले 25 वर्ष की आयु से नीचे के युवाओं को सिर्फ 2 वर्ष तक कौशल विकास भत्ता देने की केन्द्र की योजना को चला युवाओं को ठगा और फिर नौकरियों के लिए साक्षात्कार करने हेतु आवेदन के साथ हजारों रूपये लेकर और फिर साक्षात्कार रद्द कर उन्हें लूटा। योग्यता, वरिष्ठता व आरक्षण को दरकिनार कर जिस तरह कई विभागों में नियुक्तियां हुई, उससे युवाओं में भारी रोष है।
कांगड़ा सहकारी बैंक,प्रदेश सहकारी बैंकव हिमाचल पथ परिवहन निगममें जिस तरह से नियमों की धज्जियां उड़ाई गई और नौकरियां बेची गई, वह अपने आप में एक घोटाला है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। भाजपा का यह भी आरोप है कि प्रदेश में उपयुक्त आधारभूत ढांचा खड़ा किए बिना ’’रूसा’’ को लागू कर वीरभद्र सरकार ने प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। शिक्षा जेसे अहम विभाग की अनदेखी और गलत नीतियों के कारण ’’शिक्षा’’ आज प्रदेश में मजाक बन कर रह गई है।
हिमाचल प्रदेश में विकास कार्य करना और पूर्व भाजपा सरकार के समय के विकास कार्यों को आगे बढ़ाना तो दूर यह सरकार तो स्कूलों में शिक्षक, अस्पतालों में डाॅक्टर, बसों में ड्राइवर-कंडक्टर उपलब्ध करवाने तथा सड़कों व पीने के पानी की स्कीमो की मुरम्मत करवाने में भी असमर्थ है।बरसात के दिनों में भी प्रदेश की राजधानी समेत प्रदेश के अनेक स्थानो पर भी पीने के पानी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। जिला सोलन में पीने के पानी के टैंको में जहर मिलाने की घटनायें सामने आई है, परन्तु सरकार व प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही न करना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।नयेसंस्थानो को खोलने का ढोंग रचने वाली कांग्रेस सरकार ने चुपचाप ढंग से प्रदेश के संस्थानों को बंद कर दिया हैं। एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोलने की बात करने वाले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अब 15 से कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद करने का बयान दे रहे हैं।केन्द्र सरकार द्वारा श्रेणी 3 और 4 के कर्मचारियों के चयन के लिए साक्षात्कार को रद्द किया गया परन्तु हिमाचल सरकार इस निर्णय को अमली जामा नहीं पहना रही, उल्टा प्राध्यापकों के लिए तो लिखित परीक्षा की मैरिट लिस्ट को नजरअंदाज कर सिर्फ साक्षात्कार के आधार पर ही चयन करने का निर्णय ले लिया जिससे भाई-भतीजावाद को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध करती है।
हिमाचल प्रदेश की यह निकम्मी सरकार प्रदेश की जनता को समय पर सस्ता राशन उपलब्ध करवाने में भी विफल रही है। जनता को राशन अनियमित रूप से और महंगी दरों पर मिल रहा है। ईमानदारी का ढोल पीटने वाली यह सरकार दालों और चीनी के खरीदने में भी घोटाले कर नए रिकाॅर्ड बना रही है।
भारतीय जनता पार्टी का यह भी आरोप है कि हिमाचल सरकार केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई जनहित की योजनाओं का लाभ प्रदेश की जनता को दिलाने में तो पूर्ण रूप से नाकाम साबित हुई, बल्कि हिमाचल प्रदेश को सीधे रूप में मिली आर्थिक सहायता को भी खर्च नहीं कर पा रही हैं सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने हिमाचल प्रदेश को 14वें वित्तायोग में 234 प्रतिशत की वृद्धि कर 86000 करोड़ रू0 की आर्थिक सहायता देकर हिमाचल के प्रति अपने स्नेह को दर्शाया था, परन्तु यह पैसा प्रदेश के विकास पर खर्च करने की बजाए प्रदेश सरकार ने मंत्रियों को महंगी गाड़ियां खरीदने, मंत्रियों व अधिकारियों के दिल्ली व विदेशी दौरों और बोर्डो-निगमों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों की फौज खड़ी कर उन पर खर्च करने व भ्रष्टाचार करने में गंवा दिया।
केन्द्र के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रदेश के मैडिकल काॅलेजों व स्वास्थ्य संस्थानो के लिए इन दो वर्षों में लगभग 1000 करोड़ रू0 की आर्थिक सहायता आई पर प्रदेश सरकार उस पैसे को खर्च नहीं कर पा रही।जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों की वित्तीय शक्तियां छीनकर उन्हें तो इस सरकार ने पंगु बना ही दिया और अब14वें वित्तायोग के अंतर्गत पंचायतों को आई धनराशि को खर्च करने में भी यह सरकार रोड़े अटका रही है जिसकी भारतीय जनता पार्टी कड़ी निंदा करती है। केन्द्रीय भूतल परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रदेश को तीन फोरलेन व 61 राष्ट्रीय उच्च मार्ग देनाअपने आप में एक ऐतिहासिक कदम है, परन्तु वीरभद्र सरकार द्वारा इनकी डी0पी0आर0 बनाने की ओर कोई कदम न उठाना दर्शाता हे कि इस सरकार की प्रदेश के विकास में कोई रूचि नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति मांग करती है कि प्रदेश सरकार तुरन्त केन्द्र सरकार द्वारा घोषित फोरलेन व राष्ट्रीय उच्च मार्गोंकी डी0पी0आर0 बनाने हेतु तुरन्त प्रभावी कदम उठाये।प्रधामनंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई ’’प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई’’ योजना के लिए भी प्रदेश से किसी भी डी0पी0आर0 का न जाना सरकार की अक्षमता को दर्शाता है।
भ्रष्टाचार में तो कांग्रेस की इस प्रदेश सरकार ने अपने ही पिछले सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए। सरकार के हर मंत्रालय, हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। वर्तमान सरकार के ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर भारतीय जनता पार्टी ने महामहिम राज्यपाल को 30 महीने-30 घोटाले के नाम से प्रमाणों सहित चार्जशीट सौंपी थी और महामहिम राज्यपाल महोदय ने प्रदेश सरकार को कार्रवाई करने के लिए उस चार्जशीट को भेज दिया था, परन्तु प्रदेश सरकार ने आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जो इस सरकार के भ्रष्टाचार के प्रति रवैये कोदर्शाता है।वर्तमान सरकार की गलत औद्योगिक नीति व इस विभाग में फैले व्यापक भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश से अनेक उद्योग पलायन कर रहे हैं जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से नुकसान होगा। सेब की मार्किट फीस में भी इस सरकार ने घोटाला करकेजहां सरकार को करोड़ों रूपये का चुना लगाया है वहीं सेब उत्पादकों को भी भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है।
आज प्रदेश के हालात इतने दयनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपने काले कारनामों से त्रस्त हैं,मंत्री भ्रष्टाचार व मौज-मस्ती में व्यस्त हैं तथा प्रदेश की जनता बुरी तरह से पस्त है। केन्द्र में आज विकासोन्मुखी मोदी सरकार होने से मौका था कि हिमाचल प्रदेश को विकास की बुलंदियों पर पहंुचाया जा सकता, परन्तु प्रदेशकी इस भ्रष्टव निकम्मी सरकार के रहते यह संभवनहीं हो पा रहा इसलिए भारतीय जनता पार्टी की यह प्रदेशकार्यसमिति प्रदेश की जनता से हिमाचल भाजपा द्वारा शुरू किए गए मिशन 50 को सफल बनाने का आवाहन करती है ताकि प्रदेश में विकास व जनसमस्याओं का समाधान करने वाली
भाजपा सरकार बनाकर हिमाचल को विकास की दृष्टि से सबसेऊपर पहुंचाया जा सके।
राजनैतिक प्रस्ताव(2) दिनांक 5.10.2016
स्मरण करे कि आज से ढाई वर्ष पूर्व समूचे भारत का नागरिक हीन भावना से ग्रसित था।चिंता करता था कि मेरे देश का क्या होगा, भ्रष्टाचार कासब ओर बोलबाला था। आए दिन नया घोटाला उजागृत होता था। लाखों-लाखों करोड़ रूपये के घोटाले जनता के सामने आए। 2जीघोटाला, हैलीकाॅप्टर घोटाला, कोयला घोटाला, गेम्स घोटाला, भवन निर्माण घोटाला आदि ऐसे घोटाले हैं जिन्होनें देश की आर्थिक स्थिति को पटरी से उतार दिया और विश्वभर में भारत का नामडुबो दिया। यह सब कुछ श्रीमती सोनिया गांधी, श्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारके दौरान हुआ।
दो साल के छोटे से शासन में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मेंचल रही एन0डी0ए0 सरकार ने सुशासन की सरकार, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाकर खड़ा कर दिया है। विश्वभर में भारत की मान-प्रतिष्ठा को चार चांद लगाए हैं। दुनिया के ताकतवर देश आज भारत के प्रति समर्पित दिखाई देते हैं। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति भारत को विश्व शक्ति के रूप में खड़ा करने के लिए मोदी सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा करती है।
श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के बाद एक ऐसा अवसर आया जब मोदी सरकार ने कूटनीतिक सफलता की चरम सीमा को प्राप्त किया। पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने में सफलता हासिल की। सार्क सम्मेलन के सात सदस्य देशों में से छः सदस्य देशों ने पाकिस्तान मेंहोने वाले सार्क सम्मिटका विरोध किया। परिणामस्वरूप सार्क सम्मिट रद्द हो गया।
भारत सरकार की कूटनीति के कारण पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने में अनेक कदम आगे बढ़ाए गए हैं।भारतीय सेना द्वारा एटमी शक्ति सम्पन्न पाकिस्तान के घर में घुसकर ’’सर्जिकल स्ट्राइक’’करना जहां हमारे जांबाज सैनिकों का कारनामा है, वहीं राजनैतिक इच्छा शक्ति का जबरदस्त उदाहरण है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति श्री नरेन्द्र मोदी व देश के जांबाज सैनिकों को सैल्यूट करती है।पाक अधिकृत कश्मीर में जाकर आतंकी अड्डों को समाप्त करना दुनिया को आचम्भित कर देने वाली सफलता है।
विगत 2 वर्षों की एन0डी0ए0 सरकार के दौरान विकास ने रफ्तार पकड़ ली है। देश में कांग्रेस शासन के दौरान 3 कि0मी0 सड़क प्रतिदिन बनती थी, वहीं आज 22कि0मी0 सड़क प्रतिदिन बनाई जा रही है। ’’प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’’, ’’प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना, ’’प्रधानमंत्री मृदा जांच योजना’’ आदि के माध्यम से किसानों की आमदनी आगामी पांच वर्षों में दोगुनाकरने का लक्ष्य निर्धारित किया है। रेलवे विस्तार, रेलवेकीगुणवŸाामेंसुधार एवं रेलवे में स्पीड, हर दृष्टि से देश आगे बढ़ा है।भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाईन के लिए 300 करोड़ रू0 का प्रावधान किया गया है।
इसी रेल लाईन को मण्डी-कुल्लू-मनाली-केलांग होते हुए लेह पहुंचाने वाली रेल लाईन को राष्ट्रीय प्रोजैक्ट घोषित करके कार्य प्रारम्भ किया है। पठानकोट-जोगेन्द्रनगर-मण्डी रेल लाईन को ब्राॅडगेज बनाने का सर्वे शुरू किया गया है। चण्डीगढ़-बद्दी रेल लाईन के निर्माण के लिए 95 करोड़ रू0 केन्द्र की मोदी सरकार ने दिए हैं। नंगल-तलवाड़ा रेल लाईन को पूर्ण करने का कार्य शुरू किया गया है। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश को केन्द्र की भाजपा सरकार ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
वन रैंक वन पैंशन एक महत्वपूर्ण विषय है जिसके कारण हिमाचल प्रदेश के लाखों सैनिकों व पूर्व सैनिकों को करोड़ों रू0 के लाभ प्राप्त हो रहे हैं।40 वर्षों से लम्बित विषय पर निर्णय लेने का पूर्ण श्रेय श्री नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को जाता है।
कालाधन बाहर लाने के लिए किए गए सक्षम प्रयासों के परिणामस्वरूप विगत दो वर्षों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत एक लाख इकतालिस हजार करोड़ (1,41,000 करोड़) रू0 का कालाधन बाहर आया है। जी0एस0टी0 बिल को पारित कराना महत्वपूर्ण उपलब्धि है जिसका दूरगामी परिणाम भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। मोदी सरकार ने हिमाचल प्रदेश के विशेष राज्य के दर्जे को देते हुए 90 प्रतिशत और 10 प्रतिशत के अनुपातमें योगदान देना शुरू किया है। टैक्स रेवन्यू शेयर को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया गया है और 14वें वित्त आयोग की राशियों को 234 प्रतिशत बढ़ाया गया है। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश की केन्द्रीय सहायता में भरपूर ईजाफा किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्रामीणसड़क योजना के लक्ष्यों को 2022 से घटाकर 2019 कर दिया गया हैं परन्तु पूरे देश से सभी योजनाओं को दिसम्बर 2016 से पूर्व प्रारूप बनाकर भेजने के निर्देश केन्द्र से आये हैं व हिमाचल प्रदेश की सरकार समयबद्ध प्रारूप भेजने में विफल हो रही है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना, नदियों का तटीयकरण, गंगा व अन्य नदियों का शुद्धीकरण, जलसंग्रहण योजनायें आदि महत्वपूर्ण योजनायें देश मंे तेज गति से बढ़ रही है। गरीब आदमी, सामान्य आदमी के कल्याण के लिए अनेकों योजनायें बनाकर इस वर्ग को विकास की ओर अग्रसर किया है।
देश के प्रत्येक व्यक्ति का बैंक में खाता खुले, हर व्यक्ति को इस खाते के द्वारा इन्श्योरेंस मिले,जन-धन योजना, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री शहरी विकास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि ऐसी योजनायें है जिससे हर व्यक्ति को लाभ मिला है। हिमाचलप्रदेश को केन्द्र की भाजपा सरकार ने अनेक प्रकार के लाभ दिए हैं -61 नेशनल हाईवे, 3 फोरलेन हाईवे, 6 रेलवे ओवर बृज का देना हिमाचल के इतिहास की अनूठी घटना है। लगभग 60,000 हजार करोड़ रू0 की लागत से हिमाचल का उदय होगा। इसके लिए भाजपा कार्यसमिति केन्द्र की मोदी सरकार का विशेष आभार व्यक्त करती है। एम्स ;।प्प्डैद्ध, तीन मैडिकल काॅलेज, आई0आई0एम0, हाईड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज, स्मार्ट सिटी, अमृत सिटी जैसे महत्वपूर्ण प्रकल्प हिमाचल प्रदेश को दिए गए हैं, जिनके निर्माण से हिमाचल प्रदेश का बहुमुखी विकास होगा।
भाजपा सर्वसम्मित प्रस्ताव पारित करती है कि प्रदेश की वीरभद्र सरकार उक्त सभी मुद्दों पर राजनीति छोड़कर प्रदेशहित में इन कार्यों को शीघ्र शुरू करे। केन्द्रीय विश्वविद्यालय केन्द्र सरकार की बड़ी देन है, परन्तु प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इसे राजनीति का अखाड़ा बनाकर रख दिया है। स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए 90 प्रतिशत राशि केन्द्र दे रहा है, परन्तु प्रदेश सरकार इस पर पूर्णरूपेण राजनीति कर रही है।’’ग्राम विकास से देश का विकास’’ योजना के माध्यम से सीधे-सीधे लाखों रू0प्रति पंचायत दिएजा रहे हैं, परन्तु प्रदेश की सरकार उन पैसों का उपयोग नहीं होने दे रही है। विगत 2 वर्षों के थोड़े से समय में श्री मोदी जी के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार ने ग्राम विकास से लेकर राष्ट्र के मान सम्मान तक सभी मुद्दों में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश, कार्यसमिति यहप्रस्ताव पारित करती है कि केन्द्र की भाजपा सरकार का अधिकाधिक लाभ हिमाचल प्रदेशको मिले, इसके लिएहमें प्रदेश की कांग्रेस सरकार को उखाड़ फैंकने का संकल्प लेते हैं।
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