शिमला।भ्रष्टाचार के आरोंपों से घिरे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज सीजेएम की अदालत में राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, उनके पुत्र ,भाजपा सांसद व भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और धूमल के छोटे पुत्र अरुण धूमल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा ठोक दिया है।
मुयमंत्री वीरभद्र सिंह ने सीजेएम ज्योत्सना डढवाल की अदालत में तीन मुकदमें दायर किए। एक मुकदमा राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के खिलाफ दायर किया। दूसरा मामला धूमल के बड़े बेटे व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और तीसरा मुकदमा धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल के खिलाफ दायर किया। सुबह मुकदमे दायर करने के बाद वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री आवास ओक ओवर लौट आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अरुण जेटली,धूमल और उनके पुत्रों ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर झूठा अभियान छेड़ रखा है। इसलिए वो मानहानि के दावे दायर करने पर मजबूर हुए है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया जा रहा है। उनका पक्ष तक नहीं लिया जाता।धूमल जब भी मुख्यमंत्री बने हर बार उन्होंने इस तरह के आरोपों का सहारा लेकर उन्हें बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।पहले वाले कार्याकाल में धूमल ने सागर कत्था में उन्हें फंसाने के लिए पूरी ताकत लगा दी।उन्हें इस मामले से अदालत से क्लीन चिट मिली।
वो दूसरी बार दिसंबर 2007 में दोबारा मुख्यमंत्री बने। वो हिमाचल को पंजाब व तमिलनाडु नहीं बनाना चाहते थे। लेकिन धूमल ने पुराना हथकंडा अपनाया और सीडी कांड उछाल कर उन पर हमला किया। लेकिन वो इस मामले में भी अदालत से बरी होकर बाहर आए और उसके बाद मुख्यमंत्री बने।धूमल परिवार अब तीसरी बार भी यही हथकंडा अपना रहे है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि धूमल ने हर बार उन्हें राजनीतिक तौर पर तबाह करने की कोशिश की है। लेकिन वो इस तरह के हथकंडों से डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि विजीलेंस जिन मामलों की जांच कर रही है उनमें किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि धूमल और उनके पुत्रों ने एचपीसीए के लिए 250 करोड़ की जमीनें हड़प दी है। अनुराग और अरुण धूमल ने बेहद गरीब प्रेमु की जमीनें खरीद कर उन्हें भूमिहीन बना दिया।उन्होंने अपने मंत्रियों, अधिकारियों और सहयोगियों तक के फोन टेप कर फोनटेप गेट कांड कर दिया। देश में इस तरह का फोनटेप गेट कांड अपनी तरह का पहला है। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली और भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं को इस फोन गेट कांड पर अपना पक्ष देश के सामने रखना होगा।
उन्होंने कहा कि अरुण जेटली,धूमल व उनके पुत्रों ने चुनिंदा तथ्यों को जो उनके मनमाफिक दे उन्हें सार्वजनिक किया जबकि बाकी तथ्यों को वो छिपाते फिर रहे है।
धूमल व उनके पुत्रों के आरोपों में दम है तो उन्हें लोकायुक्त में जाना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने वकामूला चंद्रशेखर की कंपनी को आवंटित साईकोठी प्रोजेक्ट से जुड़े दस्तावेज जारी किए। पत्रकारों की ओर से सवाल पूछने से पहले ही वह कांफ्रेंस से उठ गए।
शक्तिप्रदर्शन दिखाया, कौल सिंह रहे नदारद
मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में दो मंत्रियों को छोड़ कर सभी मंत्रियों की हाजिरी सुनिश्चित की। समर्थक सीपीएस भी मौजूद रहे।लेकिन इस मौके पर केबिनेट मंत्री कौल सिंह व अनिल शर्मा नदारद रहे। कौल सिंह सरकार का एक साल का कार्याकाल पूरा होने पर हमीरपुर में हुई रैली में भी नहीं आए थे। कौल सिंह बाद मे सीधे केबिनेट की मीटिंग के लिए सचिवालय पहुंचे।
बाली व हर्ष ने दिया दखल
सीजेएम की अदालत से लौटकर वीरभद्र सिंह बार रूम में गए। वहां पर मुख्यमंत्री के सामने वकीलों व पत्रकारों मामूली भिड़ंत हो गई। उन्हें बाहर निकाला जाने लगा । इस पर केबिनेट मंत्री जीएस बाली और हर्ष महाजन ने दखल देकर माहौल शांत किया।
उधर,धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह के मानहानि दावे से वो डरने वाले नहीं है। उन्हें उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देना चाहिए।
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