शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जज बेटी अभिलाषा कुमारी के गुजरात हाईकोर्ट से मणिपुर हाईकोर्ट में जज बन कर चले जाने और प्रदेश की जयराम सरकार की ओर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए के मामले को वापस लेने की फाइल सरकाने पर वीरभद्र सिंह के एतराज के बाद ईडी का वीरभद्र सिंह के कारोबारी दोस्त वकामूल्ला का गिरफतार होना दिलचस्प है।
मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की ओर से वकामूल्ला चंद्रशेखर की गिरफतारी के बाद एक बार फिर वीरभद्र सिंह व उनका परिवार फंसता नजर आ रहा है। हालांकि वक्कमूला को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
ईडी ने मनी लांड्रिंग के इस मामले में अब तक वीरभद्र सिंह के एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को गिरफतार किया था और वह करीब डेढ साल तक जेल में रहा था। लेकिन वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के किसी भी सदस्य को पकड़ा नहीं गया था। वित मंत्री अरुण जेटली से लेकर सीबीआई व ईडी का यह दावा था कि पांच करोड़ की जो एलआईसी आनंद चौहान ने वीरभ्द्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम कराई थी वह पैसा वीरभद्र सिंह का था।
वीरभद्र सिंह उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह व बाकी परिवार के सदस्यों ने वकामूला से बिना ब्याज का करोड़ों रुपया लिया है। जांच एजेंसियों का दावा है कि ये पैसा भी वीरभद्र सिंह का है जो उन्होनें 2010 से 2012 के बीच केंद्रीय स्टील मंत्री रहते बतौर रिश्वत लिए थे।
लेकिन दिलचस्प है यह है कि जैसे ही वीरभद्र सिंह की बेटी अभिलाषा कुमारी मणिपुर गर्इं ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमितशाह बेफिक्र हो गए। अभिलाषा कुमारी 2006 से गुजरात हाईकोर्ट में जज थी व गुजरात दंगों से जुड़े कई मामलों की सुनवाई से वो जुड़ी रहीं थी।
इसे संयोग कहा जाएगा या कुछ और कि ाब तक वह गुजरात में रहीं वीरभद्र सिंह किसी न किसी तरह गिरफतारी से बचते रहे। आय से अधिक मामले के अलावा मनी लांड्रिंग में भी उनके खिलाफ दो चालान पेश हो गए है। लेकिन कंपनियों के जाल के जरिए पैसे को सफेद करने के जादू की जांच पर फिलहाल विराम लगा हुआ था। समझा जा रहा था ईडी के दूसरे चालान में वक्कामूला के साथ हुए लेन देन के बाद यह मामला खत्म हो गया हैं। लेकिन इस बीच जयराम ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल के बेटे व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए में दायर मामलों को वापस लेने की फाइलें इधर से उधर सरकानी शुरू कर। इस पर वीरभद्र सिंह ने कड़ा एतराज जताया व इस बावत मीडिया में बयान तक दे डाला। धूमल व अनुरग किसी भी कीमत पर अदालतों में लंबित एचपीसीए के लिए सरकारी जमीन हड़पने और एचपीसीए को सोसायटी से कंपनी बनाने के मामले को वापस लेना चाहते हैं।
इस मामलों की वापसी में वीरभद्र सिंह काा एतराज मायने रखता था। चूंकि इस मसले पर कांग्रेस मुखिया सुक्खू और विधानसभा में कांग्रेस के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने मौन साध लिया था, सो वीरभद्र सिंह इस मसले व्पर बोले। उनके बोलने के बाद ईडी ने वक्कमूला को दबोच लिया।
हालांकि इस मामले में सबसे पहले वककामूला को ही पकड़ा जाना चाहिए था। ईडी व आयकर विभाग ने वकमूला के ठिकानों में जा जा कर लंबी जांच की थी व बहुत से तथ्य सामने आ गए थे। लेकिन उन पर हाथ नहीं डाला जा सका।
विधानसभा चुनावें के दौरान जब भाजपा के राष्ट्रीय नेता वीरभद्र सिंह के भ्रष्ठाचार को लेकर हल्ल मचा रहे थे तो उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि आनंद चौहान जिसके पांच करोड़ थे ही नहीं उसे डेढ साल तक जेल में क्यों डाले रखा और वीरभद्र सिंह व बाकियों को जिनके पास अकूत संपति थी को क्यों खुले आम फ्री छोड़ा गया है। तब अरुण जेटली से लेकर संबित पात्रा के पास कोई जवाब नहीं होता था। प्रदेश भाजपा तो पहले ही मूक हो चुकी थी। समझा जा रहा था कि गुजरात की कई चीजें संवेदनशील थी ।
अब इस गिरफतारी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जयराम सरकार पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल , उनके बेटे भाजपा सांद अनुराग ठाकुर और बाकियों के खिलाफ अदालतों में लंबित एचपीसीए के मामलों को वापस लेने में कामयाब हो जाएंगे।
इसके अलाव‘ यह भी दिलचस्प होगा कि वक्कामूला के बाद क्या वीरभद्र सिंह,उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, पुत्र विक्रमादित्य ािंह, और पुत्री अपराजिता सिंह भी क्या गिरफतार होंगी।
बहरहाल वीरभद्र सिंह का मनीलांड्रिंग का पूरा मामला यह हैं-:
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मनीलांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज देने वाले कारोबारी वक्कामूला चंद्रशेखर को ंदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा हैं।
सूत्रों के मुताबिक वक्कामूला ने अपनी गिरफतारी का अंदेशा जताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर दी थी। हाईकोर्ट ने ईडी को उसे गिरफतार करने से पहले नोटिस देने के आदेश दिए थे। इस बीच गुरुवार की रात को ईडी ने उसे गिरफतार कर लिया है।
इस पूरे मामले में लेन देने की धूरी वही है । ईडी ने अभी तक इस मामले में वक्कामूला वाले हिससे की जांच को पूरा नहीं किया था व अब इस मामले में ईडी तीसरा चालान ईडी अदालत में दायर करेगी।
याद रहे कि आय से अधिक मामले सीबीआई वीरभद्र सिंह व बाकियों के खिलाफ चालान पेश कर चुकी है।
वक्कामला चंद्रशेखर ने वीरभद्र सिंह को 2 करोड़ 40 लाख और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को डेढ़ करोड़ बिना ब्याज का कर्ज दिया था। यह खुलासा 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी की प्रतिभा सिंह की ओर से चुनाव आयोग को दिए शपथपत्र में किया था। वक्कामूला चंद्रशेखर की वेंचर एनर्जी एंड टेक्नालॉजी नामक कंपनी को 14 फरवरी 2002 को प्रदेश साई कोठी में एक हाइडल पावर प्रोजेक्ट आवंटित किया था। वह इस प्रोजेक्ट की एवज में जमा कराए जाने वाले पैसे को जमा नहीं करा पाए थे। व सरकार से कई बार अवसर ले चुके थे
वक्कमूला चंद्र शेखर ने वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह औरउनकी पुत्री अपराजिता सिंह की कंपनियों मैसर्स मेपल डेस्टिनेशन और ड्रीम बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड को 49 लाख 99 हजार रुपए का बिना ब्याज का कर्ज दिया था। मैसर्स मैपल डेस्टिनेशन और ड्रीमबिल्ड ने तारिणी शुगर एंड डिस्टिलरीज से भी बिना ब्याज का डेढ करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। तारिणी शुगर एंड डिस्टिलरीज में वक्कामूला की 17.53 फीसद की हिस्सेदारी थी जबकि 64.57 फीसद हिस्सेदारी तारिणी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की पाई गई थी। तारिणी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी वक्कामूला चंद्रशेखर है। इस तरह वक्कामूला की इन कंपनियों ने वीरभद्र सिंह के बेटे व बेटी की कंपनियों को एक करोड़ 99 लाख रुपए का बिना ब्याज का कर्ज दिया।
इसके अलावा मैसर्स तारिणी इंटरनेशनल लिमिटेड में दस रुपए प्रति शेयर के 9 लाख 80 हजार के इक्विटी शेयर भी वीरभद्र सिंह के परिवार के सदस्यों के नाम पाए गए। इनमें से वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंहऔर उनकी बेटी अपराजिता सिंह के नाम 3 लाख 40 हजार व बेटे विक्रमादित्य के खिलाफ नाम तीन लाख शेयर पाए गए। इसके अलावा वीरभद्र सिंह के ओएसडी अमित पाल सिंह के भी इस कंपनी में दस हजार शेयर थे। यह सब रजिस्ट्रार आॅफ कंपनीज के दस्तावेजों में पाया गया था।
ईडी ने इन तमाम तथ्यों की जांच की व वक्कामूला से इस बावत जवाब भी मांगा। ईडी सूत्रों के मुताबिक ईडी ने वक्कामूला के कई ठिकानों पर जाकर छानबीन की थी ।
अब वक्कमूला के गिरफतार हो जाने से वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्य मुश्किल में आ गए हैं। समझा जा रहा है कि अब सभी से दोबारा पूछताछ की जाएगी और गिरफतारी भी हो सकती हैं।
गौरतलब हो कि यह मामला वीरभद्र सिंह के 2008 से लेकर 2010 के बीच यूपीए सरकार में केंद्रीय स्टील मंत्री रहने के समय का है। आयकर विभाग ने स्टील कंपनियों के यहां की गई छापेमारी में डायरी जबत की थी। डायरी में पाया गया था कि कंपनी ने 2 करोड़ 28 लाख रुपए का भुगतान वीबीएस के नाम से दिखाया गया है। इस डायरी में दिखाया गया था कि 28 अक्तूबर 2009 को 50 लाख,23 दिसंबर 2009 को 50 लाख,21 अप्रैल 2010 को 27 लाख 74 हजार और 24 अगस्त 2010 को एक करोड़ का भुगतान वीरभद्र सिंह को किया गया ।
मामला तब खुला जब वीरभद्र के एलआईसी एजेंट आनंद चौहान आय कर विभाग के जांच के घेरे में आए। आयकर विभाग की जांच आनंद चौहान वाले मामले में आयकर जांच में सामने आया था कि उसने पंजाब नेश्नल बैंक की शिमला शाखा में अपने खाते में उसने पांच करोड़ नकद रपए जमा कराए। इसके बाद उसने अपने खाते से चेक देकर वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके बच्चें के नाम पांच करोड़ की एलआईसी कराई। जांच में यह सामने आया था कि यह पैसे वीरभद्र सिंह के थे।
जांच में दौरान पाया गया कि इन पांच करोड़ रुपयों को समायोजित करने के लिए वीरभद्र सिंह ने 2009-10,2010-11 और 2011-12 की आय के दोबारा आकलन के लिए दोबारा रिवाइज्ड रिटर्न भी व उनमें 2009-10 की आय 2 करोड़ 21 लाख 35 हजार रुपए दर्शाई जबकि 2010-11 की आय कृषि आय 2 करोड़ 80 लाख 92 हजार और पांच सौ व 2011-12 की क1षि आय 1 करोड़ 55 लाख दर्शई। वीरभद्र सिंहने दावा किया ये उनकी सेब की खेती की आय है। यह आय पहली रिटर्न में दिखाई से कहीं अधिक थी।
आनंद चौहान के साथ वीरभद्र सिंह की ओर से एक समझौता ज्ञापन भी किया गा था जिसमें आनंद चौहान को जिला शिमला के डमराली में वीरभद्र सिंह के सेब केबगीचे की देखभाल व बाकी प्रबंधन का काम सौंपा गया था। सेब की विक्री भी आनंद चौहान ने ही की थी, यह भी आयाकर विभाग की जांच में सामने आया था।लेकिन जांच में पाया गया था कि यह समझौता ज्ञापन पिछल्ली तिथि से बनाया गया था।
इस बीच सीबीआई ने सितंबर 2015 में उनके खिलाफ आय से अधिक संपति का मामला दर्ज कर दिया और उनके शिमला स्थिति कई आवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी कर दी। सीबीआई के साथ ही ईडी ने भी धन शोधन का मामला दर्ज कर दिया था व आज इस मामले में इस सारे लेन देन की महत्वपूर्ण कड़ी वक्कामूला चंद्रशेखर को गिरफतार कर लिया हैं।
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