शिमला। देवभूमि हिमाचल में एक चाचा ने अपनी ही भतीजी से वो कर डाला जिससे पूरा समाज शर्मसार है।करसोग में चाचा ने जंगल में पशु चरा रही अपनी ही भतीजी को हवस का शिकार बना डाला। चूंकि बच्ची की मां बीमार रहती थी तो बच्ची गर्भवती हो गई है ये तब पता चला जब उसके महीने में आठ महीने का गर्भ ठहर गया। बाद में बच्ची ने एक बच्चे को जन्म दिया।
जब घरवालों को इस बात की भनक चली तो मामला पुलिस में जा पहुंचा। पुलिस ने धारा 376 व 506 केतहत मामला दर्ज कर लिया। चूंकि कोई स्वतंत्र गवाह नहीं था तो पांच जुलाई 2011को अतिरिक्त सेशन जज मंडी (करसोग) की अदालतने इस चाचा को बरी कर दिया लेकिन हाईकोर्ट की जस्टिस राजीव शर्मा व जस्टिस सुरश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने निचजी अदालत के फैसले को पलट कर इस कलयुगी चाचा को दोषी करार दे दिया व सजा की डेट मुकर्रर कर दी है।
मामला 2006 का है।इस चाचा नेे अपनी इस भतीजी के साथ जंगल में कई दफा बलात्कार कियाव धमकी दी की अगर उसने किसी के सामने जुबान खोली तो वो उसकी जान ले लेेगा। मामला दर्ज होने के बाद जब इस लड़की का मेउिकल कराया गया तो ये आठ महीने की गर्भवती हो चुकी थी व13 जनवरी 2006 को इस ने एक बच्चे को जन्म दे दिया।
पुलिस ने सारा मामला में अपने हाथ लेकर छानबीन शुरू की और बच्चे काउीएनए टेसअ कराया गया जो चाचा से मिल गया। बाद में मामला अतिरिक्त सेशन जज मंडी (करसोग) मेंचला व अदालत ने चाचा को बरी कर दिया। लेकिन सरकार ने प्रदेश हाईकोर्ट में अपील कर दी। हाईकोर्टने पाया कि चाचा पूरीतरह से दोषी है व अब 1अगस्त को सजा सुनाई जानी है।
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