चंडीगढ़/शिमला। करीब अाधा दर्जन वरिष्ठ आईएएस अफसरों को दरकिनार कर प्रदेश के मुख्य सचिव बनाए गए वी सी फारका के खिलाफ वरिष्ठ आईएएस अफसर दीपक सानन और आईएएस विनीत चौधरी की याचिका पर वीरभद्र सरकार ने जवाब दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा हैं। मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
वरिष्ठता को दरकिनार कर चहेते जूनियर आईएएस अफसर वीसी फारका को वीरभद्र सिंह सरकार की ओर से चीफ सेक्रेटरी बनाए जाने के खिलाफ 1982 बैच के आईएएस अफसर दीपक सानन व विनीत चौधरी ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में चुनौती दे रखी हैं। कैट में आज वीरवार को इन दोनों अफसरों की याचिका पर सुनवाई हुई व प्रदेश सरकार की ओर से इन दोनों अफसरों की ओर से याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर जवाब दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा गया । सूत्र बताते है कि सचिवालय से बड़े बाबू पूरी तैयारी कर के गए थे।
अपनी याचिका में इन दोनों अफसरों ने पर्सनल विभाग पर मुख्यमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया व कहा है कि पूर्व चीफ सेक्रेटरी पी मित्रा की रिटायरमेंट के बाद मुख्य सचिव बनाने के लिए जिन 16 अफसरों की सूची सीएम के सामने रखी गई उनको लेकर ये बातने का प्रयास किया गया कि सबको 80 हजार रुपए वेतनमान मिल रहा हैं इस तरह इनमें से किसी को भी मुख्य सचिव बनाया जा सकता हैं।इस सूची में 1982 से लेकर 1985 बैच के सारे बाबूू शामिल कर लिए गए थे।
गौरतलब हो कि वीरभद्र सिंह ने अतिरिक्त मुख्य सचिवों की फौज खड़ी कर दी हैं। शायद ही इससे पहले कभी किसी सरकार ने इतने अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाए हो। प्रदेश में मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव के केवल दो ही पद काडर में सृजित है और इनके बराबर दो और पद अतिरिक्त मुख्य सचिव के एक्स काडर के पद है। कायदे से इन्हीं चार वरिष्ठ अफसरों में से नया चीफ सेकेटरी चुना जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इन चार अफसरों के अलावा अगर किसी को एसीएस बनाना हो तो उसके लिए भारत सरकार से मंजूरी लेनी होती हैैं व वो केवल दो साल के लिए ही अस्थाई तौर एसीएस रह सकते हैं ।इन अफसरों को चीफ सेक्रेटरी के पद के चयन के लिए दायरे मेें नहीं लाया जा सकता।
याचिका में ये भी कहा गया है कि फरका को स्क्रीनिंग कमेटी के विचार के बिना चीफ सेक्रेटरी का ग्रेड दिया गया हैं,ऐसे मे चीफ सेक्रेटरी के पद के लिए उनके नाम पर विचार ही नहीं हो सकता था।
बताते है कि आगामी चीफ सेक्रेटरी बनने की खातिर रास्ता साफ रखने के लिए सचिवालय के एक बड़े बाबू ने बाकियों के साथ मिलकर बड़ा खेल खेला था
बताते है कि इस मामले मेें सरकार का जवाब दिलचस्प होने वाला हैैं।याचिका कर्ता वरिष्ठ आईएएस अफसर दीपक सानन इस महीने केे आखिर में रिटायर होने वाले हैं। जूनियर फारका के चीफ सेक्रेेटरी बनाए जाने के बाद दीपक सानन,विनीत चौधरी व उपमा चौधरी ने फारका को रिपोर्ट करने से इंकार कर दिया था व ये तीनों छुटटी पर चले गए थे।बाद में उपमा चौधरी को केंद्र सरकार ने डेपुटेशन पर ले लिया।
इस तरह प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व बाकी मंत्रियों के बीच ही नहीं मुख्य सचिव फारका व वरिष्ठ अफसरों दीपक सानन व विनीत चौधरी के बीच भी तलवारें खिंच गई हैैं । येसाल चुनावी साल हैं व प्रदेश के टॉप राजनेताओं व प्रशाासनि अफसरों में जंग तेज हो गई हैं।
उधर,मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई की ओर से दर्ज किए भ्रष्टाचार व आय अधिक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से फैसला आना हैं,जिस पर प्रदेश की राजनीति का आगामी परिदृष्य निर्धारित होना हैैं ,जो दिलचस्प होने वाला हैैं।
गौरतलब हो कि कांगड़ा की रैली के बाद वीरभद्र वबाली में जंग चली हुई हैं। बीते रोज तो केबिनेट में ही दोनों बेरोजगारी भते पर भिड़ गए व उसे बाद दिलली भी रवाना हो गए।
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