शिमला। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के मोदी मंत्रिमंडल में वित ,कारपोरेट व कंपनी मामलों के राज्यमंत्री बनने से प्रदेश के लिए कई सौगातें आने की उम्मीदें बढ़ी है वही उनके पिता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का खेमा जो धूमल की हार के बाद शिथिल हो गया था वह मजबूत हो जाएगा। अब शक्ति केंद्र मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ईर्द गिर्द ही नहीं धूमल व अनुराग के ईर्द गिर्द भी रहेगा।
अनुराग के मंत्री बनने से धूमल व उनके खेमे को बड़ा बल मिला है। अब दोनों शक्ति केंद्रों में जंग लाजिमी है। जयराम ठाकुर अब तक वीरभद्र सिंह के साए में चलते रहे है लेकिन समझा जा रहा है कि अब वीरभद्र सिंह अनुराग के निशाने पर रहेंगे। ये दीगर है कि धूमल व वीरभद्र परिवार में सुलह भी हो चुकी है।
हिमाचल से भाजपा की झोली में चारों सीटें बड़े अंतराल से गई थी। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनावी रैली में कहा भी था कि जीतने पर वह अनुराग ठाकुर को बड़ा आदमी बना देंगे। शाह ने अपना वादा निभाया है और अनुराग ठाकुर प्रमुख विभागों राज्यमंत्री बना दिया है। वित राज्यमंत्री बनने पर उनके अधीन प्रवर्तन निदेशालय भी आ गया है। ऐसे में वितीय मामलों की गड़बड़ी की जांच में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
उनके राजनीतिक विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मामलों की जांच कराने के लिए वह पिछल्ली मोदी सरकार में लगातार पूर्व वित मंत्री अरुण जेटली पर निर्भर रहे थे। लेकिन अब यह भूमिका वह खुद निभाने की स्थिति में आ गए है। इसके अलावा वह राज्य की पूर्व वीरभद्र सरकार पर केंद्र से राज्य के लिए मंजूर परियोजनाओं को लटकाने व उनकी गति धीमी करने का इल्जाम लगाते रहे है। लेकिन अब केंद्र व राज्य में दोनों जगहों पर भाजपा की सरकार है व उनके पास वित जैसा महकमा है।
ऐसे में उममीद जताई जा रही है कि वह आर्थिक संकट से जूझ रहे प्रदेश को पैसे की कमी नहीं आने देंगे। इसके अलावा जो पर्यटन, रेलवे, उद्योग से जुड़ी परियोजनाएं लंबित है उन्हें भी वह धरातल पर उतारने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। प्रदेश के लिए उनसे बहुत ज्यादा उम्मीदें है। चूंकि वह नई पीढ़ी से है ऐसे में उनसे नए नजरिए से काम करने की उम्मीद है। प्रदेश में वह खेल खासकर क्रिकेट के क्षेत्र में बहुत काम कर चुके है। इसके अलावा वह बीसीसीआइ जैसी संस्था के भी अध्यक्ष रह चुके है। हालांकि वहां से उन्हें फजीहत कराकर हटना पड़ा था । अब सीधे ताकत उनके हाथ में आ गई है। इंतजार है कि दोनों खेमे क्या गुल खिलाते है।
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