शिमला। सता में आने के बाद भर्तियों में धांधलियों का भंडा फूटने के बाद कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग कर दिया था । आज सुक्खू सरकार ने उस आयोग की जगह नया राज्य चयन आयोग अधिसूचित कर दिया हैं व अब ग्रुप सी की अधिकांश भर्तियां करने का रास्ता साफ हो गया हैं। इस अधिसूचना में दावा किया गया है कि यह आयोग मेरिट के आधार पर भर्तियां करेगा । अधिसूचना में पारदर्शिता और जनता के भरोसे की बावत बड़े -बड़े दावे किए गए हैं । ये दावे कितने गंभीर है इसका अंदाजा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति से साफ हो जाएगा।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक आयोग का मुख्यालय हमीरपुर में ही होगा । इसके अलावा भर्ती प्रक्रिया, स्टाफ, बजट आदि को अलग से अधिसूचित किया जाएगा।
नए आयोग के अधिसूचित हो जाने के बाद अब सुक्खू सरकार अपने स्तर पर आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करेगी। जयराम सरकार ने अपने कार्याकाल के आखिरी साल में आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति की थी। लेकिन आयोग में धांधलियों सामने आने के बाद सुक्खू सरकार ने इस आयोग का भंग कर दिया था । हालांकि आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की इन धांधलियों में कोई भूमिका थी इस बावत अभी तक कुछ भी सामने नहीं आया हैं।
ऐसे में जयराम सरकार की ओर स नियुक्त अध्यक्ष व सदस्य ही नियुक्क्त किए जाएंगे इसकी संभावनाएं दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही हैं।
मां -बेटा और वो
जयराम सरकार के आखिर के तीन सालों में हुई भर्तियों में धांधलियां करने वालों में आयोग की महिला कर्मचारी ऊमा आजाद, उसका बेटा निखिल आजाद व एक अन्य दलाल की भूमिका मुख्य तौर पर सामने आई हैं। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी के एक दो और कर्मचारी भी शामिल पाए गए हैं। इसके अलावा प्रश्श्न पत्र देखने व खरीदने वाले अभ्यर्थी शामिल पाए गए हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू व कांग्रेस ने जयराम इल्जाम लगाए थे कि यहां पर हुई धांधलियां करने वालों को जयराम सरकार में नेताओं का संरक्षण प्राप्त था लेकिन किन नेताओं के संरक्षण में ये धांधलियां होती रही इसका खुलासा सुक्खू सरकार सता में आने के नौ महीने बाद भी नहीं कर पाई हैं।
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