शिमला।एचआरटीसी के 30 कर्मचारियों को बर्खास्त करने के परिवहन विभाग के फैसले पर प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ समेत कई कर्मचाारी संगठनों ने लामबंद होकर परिवहन मंत्री जीएस बाली के खिलाफ जंग छेड़ने का एलान कर दिया है।इन कर्मचारी संगठनों ने कहा कि बाली को परिवहन मंत्री के पद से हटाया जाए और बर्खास्त कर्मचारियोंं को तुरंत बहाल किया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रदेश के सारे कर्मचारी आंदोलन पर उतर जाएंगे।
प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एसएस जोगटा ने आज राजधानी में आयोजित एक संवादददाता सम्मेलन में कहा कि बाली हाईकोर्ट की आड़ में एचआरटीसी के कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहे है। उन्होंने कहा कि अराजपत्रित इस मसलेको लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सिंह के समक्ष उठाएगा।उन्होंने बाली को चेताया कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता शांता कुमार ने 1991 -92 में कर्मचारियों पर ऐसे जुल्म ढाए थे। वो तब से लेकर अब तक प्रदेश की राजनीति से बेजार है।कहीं ऐसा न हो उनका हश्र भी ऐसा ही हो।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी जोगटा ने बाली कर्मचारियोंं की समस्याएं हल कराने केे बजाय उनकी आवाज कुचलने में तुले है।एचआरटीसी कर्मचारियोंं पर एस्मा लगा दिया।उन्हें बर्खास्त कर दिया व पता चला है कि एचआरटीसी प्रबंधन कई औरकर्मचारियोंं को सस्पेंड करने जा रहा है।
अरापत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस मौके पर बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ्ा के महासचिव हीरालाल वर्मा, एमसी कर्मचारी संघ,प्रदेश कारपोरेट संघ,प्रदेश वन निगम कर्मचारी संघ,विवि गैर शिक्षक संघ समेत कई कर्मचारी संगठन एकजुट हो गए है। दिलचस्प ये हैं कि इन कर्मचारी संगठनों में अधिकतर संगठन वीरभद्र सिंह समर्थक है।
उधर, कहा जा रहा है कि एचआरटीसी कर्मचारियोंं को बर्खास्त करने के मामले पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व परिवहन मंत्री जी एस बाली के बीच तनातनी हुई है। जिसके चलते बाली मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए है। अब समझा जा रहा है कि वीरभद्र सिंह व बाली इन कर्मचारियों को लेकर एक दूसरे पर निशाना साधेंगे।
गौरतलब हो कि एचआरटीसी कर्मचारी यूनियन की ओर से बीते दिनों दी गई हड़ताल की काॅॅल पर की गई हउ़ताल को हाईकोोर्ट ने अवैध ठहरा दिया था। हाईकोर्ट ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही भी शुरू कर रखी है। अदालत ने एचआरटीसी प्रबंधन को हड़ताल परजाने वाले कर्मचारी नेताओं व कर्मचारियोंं के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।इस पर प्रबंधन ने 30 कर्मचारियोंं को बर्खास्त कर दिया था।अब इस मामले में प्रदेश के कर्मचारी एकजुट होने लगे है।
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