शिमला।पीरियड बेसिस स्कूल मैनेजमेंट कमेटी अध्यापक संघ ने एलान किया है कि अगर वादे के मुताबिक वीरभद्र सिंह सरकार ने 15 सितंबर तक उनके लिए नीति नहीं बनाई तो चार हजार के करीब एसएमसी टीचर क्रमिक अनशन शुरू कर देंगे।
संघ केप्रदेश महासचिव मनोज रौंगटा ने साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर क्रमिक अनशन के बाद भी उनकी मांगों पर गौर नहीं हुआ तो वो आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों का बहिष्कार करेंगे। रौंगटा संघ के कानूनी सलाहकार राजेंद्र डोगरा संग मीडिया से रूबरू हुए।
उन्होंने बीते रोज रिटायर हुए वरिष्ठ आईएएस अफसर व अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा ए जी वी प्रसाद पर भ्ज्ञी हमला बोला व कहा कि उनकेसेवाकाल में जब संघ का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला तो उन्होंने ये कहा कि उनकी के लिए कोई पॉलिसी नहीं बनेगी। वो नेपालियों(गोरखों) के बच्चों को पढ़ाते हैं।यही नहीं उन्होंने सेवानिवृत इस अधिकारी पर मुख्यमंत्री के डीओ नोट के बावजूद उनकी लिए पॉलिसी बनाने के चली फाइल को को भी बंद कर दिया।मुख्यमंत्री की ओर से पॉलिसी बनाने बावत उक्त आइएएस को भेजे डीओ नोट को भी मीडिया को जारी किया।
संघ के महसचिव ने कहा कि एसएमसी के तहत लगे टीचरों को अधिकांश जगह बढ़ा वेतन भी नहीं मिला हैं। उनके साथ भेदभाव कियाजा रहा हैं। उन्हें छुटिटयां भी नहीं मिलती जबकि विभिन्न जिलों में सौ के करीब ऐसे वरिष्ठ माध्यमिक व बाकी स्कूल हैं जो एसएमसी टीचरों के सहारे ही चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों की ओर से लगाए गए पीटीए, पैरा टीचर व बाकियों के लिए पॉलिसी भी हैं और उनके वेतन को भी बढ़ाया जाता रहा हैं। इसके अलावा जहां ऐसे टीचर लगे हैं उनकी जगह रेगुलर टीचरों का तबादला कर नहीं भेजा जाता लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं हो रहा हैं।
रौंगटा ने कहा कि वो 2012 में तत्कालीन प्रम कुमार धूमल की सरकार में तैनात हुए थे लेकिन तब वो करीब 250 के करीब टीचर थे जबकि पिछले पांच सालों में वीरभद्र सिंह सरकार ने 3800 के करीब एसएमसी टीचर तैनात किए हैं।
रौंगटा ने जिलावार अनुमानत:ब्योरा देते हुए कहा कि मौजूदा समय में किन्नौर में 200,शिमला में 500,चंबा में 700,सिरमौर में 560,लाहुल स्पिति में 220, सोलन में 100,बिलासपुर में 70,कांगड़ा में 350,मंडी में भी 350,कुल्लू में 300,हमीरपुर में 12 और उना में 51 के करीब एमएमसी टीचर कार्यरत हैं।
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