शिमला। हिमाचल व केंद्र सरकार के संयुक्त उपक्रम सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड एसजेवीएन लिमिटेड के उतराखंड में लगने वाली तीन बिजली परियोजनाओं के शुरू होने से उतराखंड को 43 मेगावाट के बराबर बिजली मुफत दी जाएगी। इसके अलावा एसजेवीएनएल की ओर से राज्य में तीन हजार तीन सौ छियालीस करोड़ का निवेश करेगा। यह जानकारी एसजेवीएनएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने उतराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मुलाकात के दौरान दी। उन्होंने कहा कि निगम परियोजनाओं के प्रभावितों के लिए 77 करोड़ की पुनर्वास व पुनर्स्थापन योजना अलग से हैं।
नंद लाल शर्मा ने देहरादून में निगम के क्षेत्रीय कार्यालय के उदघाटन के बाद उतराखंड के मुख्यमंत्री से मुलाकात की व कहा कि राज्य को इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद 16.4 करोड़ यूनिट बिजली मुफत मिलेगी।
एसजेवीएनएल के वरिष्ठ अपर महाप्रबंधक कारपोरेट संचार शैलेंद्र सिंह की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया हैं कि एसजेवीएनएल के वरिष्ठ अधिकारियों संग निगम के अध्यक्ष शर्मा ने उतराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से भी मुलाकात की और उन्हें बताया कि उतरकाशी जिले में टॉंस नदी पर प्रस्तावित 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना का सिविल कार्य शुरू हो गया हैं और इस परियोजना को आगामी 45 महीनों में पूरा कर दिया जाएगा। एसजेवीएनएल की ओर से उतराखंड में तीन जल विद्याुत परियोजनाओं को स्थापित किया जा रहा हैं।
नंदलाल शर्मा ने इस मौके पर निर्माणाधीन 250 मेगावाट की देवसारी जलविद्युत परियोजना,60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना और 44 मेगावाट की जाखोल सांकरी जलविद्युत परियोजना के प्रमुखों को इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन प्रमुखों को परियोजना स्थल के आस पास के क्षेत्रों में सामुदायिक विकास व क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी दक्षता में पारंगत करने की हिदायतें दी। इस मौके पर निगम के निदेशक वित ए.एस.बिन्द्रा, निदेशक सिविल कंवर सिंह क्षेत्रीय कार्यालय के कार्यपालक निदेशक एनसी बंसल के अलावा निगम कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक एलएम वर्मा, देवसारी जलविद्युत परियोजना प्रमुख विजय कुमार ठाकुर, नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना प्रमुख आर.के.जगोता, जाखोल सांकरी जलविद्युत परियोजना प्रमुख जे.के.महाजन ने भी शिरकत की।
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