शिमला।रोहडू के मैंदली में पैकेड किए गए मध्यम आकार के छह सेबों का पैकेट अदाणी ने बाजार में 196 रुपए में उतारा है। यानी के एक सेब एक की कीमत 33 रुपए है ।अदाणी एग्री फ्रेश लिमिटेड की ओर से रोहडू के गांव मैंदली में पैकेट किए गए इन छह सेबों की कीमत 196 रखी गई है। पैकेट पर लिखा गया है कि अगर रेफ्रैजिरेटर में इसका भंडारण किया गया है तो पैकेजिंग के 15 दिनों के भीतर इसका इस्तेमाल बेहतर होगा।
इस सेब को अभी चंडीगढ से डिस्ट्रीब्यूट किया जा रहा है। जबकि बागवानों से यह सेब बेहद सस्ते में खरीदा गया है। प्रदेश के बाजारों में अब तक सेब किलो के हिसाब से बिकता था लेकिन अदाणी की ओर से यह सेब संख्या के आधार पर बाजार में उतारा गया है।
इस पैाकेड पर कस्टमर केयर नंबर भी दिया गया है। कस्टमर केयर नंबर पर बात करने पर कहा गया कि छह सेबों का वजन नौ सौ ग्राम से एक किलो के बीच होता है। यहां से कहा कि गया कि अभी हिमाचल में डिस्ट्रीब्यूटर नहीं है। अभी चंडीगढ में ही डिस्ट्रीब्यूटर है।
अदाणी की ओर से यह सेब शिमला एप्पल के नाम से बेचा जा रहा है।पैकेट पर फूड सेफटी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया की ओर से जारी लाइसेंस का नंबर भी अंकित किया गया है।पैकेट पर बाकायदा बैच नंबर लगाया गया है।
उधर, एपीएमसी शिमला व किन्नौर के अध्यक्ष नरेश कुमार ने कहा कि अदाणी ने बागवानों से बेहतर गुणवता वाला सेब 80 से 82रुपए किलो के हिसाब से खरीदा था। उन्होंने कहा कि सितंबर 2020 में इन्होंने अपने रेट खोले थे व बागवानों से इस कीमत पर सेब खरीदने की पेशकश की थी। बागवानों ने अदाणी को सेब बेचा भी।
यह पूछे जाने पर कि क्या एपीएमसी का दखल भी होता थाा तो नरेश ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के आने से इस बार एपीएमसी का दखल नहीं रह गया था। एपीएमसी कुल कारोबार का एक फीसद फीस वसूल करती है लेकिन इस बार कुछ नहीं वसूला गया।
बागवानों का कहना है कि सेब सीजन के दौरान उनकी 28 से 30 किलो की पेटी 12 सौ से 18 सौ तक बिकी है।एक पेटी में मध्यम आकाार के 130 से 135 सेब आते है। अगर 18 सौ रुपए में बिकी है तब भी 60 रुपए किलो सेब बागवानों से खरीदा गया है। जबकि यह बडे कारोबारियों की ओर से दो सौ रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है।
किसानों का कहना है कि मुनाफा तो कोई और ले जा रहा है।बागवान गोबिंद चतरांटा ने कहा कि सेब सीजन में बाद में तो छह सौ रुपए पेटी भी बिकी है। बागवानों के पास भंडारण की क्षमता व सुविधा नहीं है तो जो कीमत मिली उस पर बेच दिया। लेकिन अब 196 रुपए के छह सेब बिक रहे है। बागवानों को क्या मिल रहा है इससे साफ पता चलता है।
याद रहे देश भर के बागवान व किसान बडे कारोबारियों के इसी मुनाफे के कारण विरोध में हे। जो बागवान व किसान फसल उगाते है उन्हें दाम नहीं मिलता व कारोबारी सारा मुनाफा ले जाते है।
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