शिमला। राजधानी के नामी स्कूल कान्वेंट आफ जीसस एंड मैरी चेल्सी स्कूल के बच्चों को स्कूल लाते हुए हिमाचल पथ परिवहन की बस के हादसाग्रस्त हो जाने से चालक व दो स्कूली छात्राओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में इसी स्कूल की पांच छात्राएं व परिचालक घायल हुआ है। घायलों को राजधानी के इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में दाखिल कराया गया है जहां पर सभी घायलों का इलाज चल रहा है।
पुलिस के मुताबिक हादसा सुबह साढ़े सात बजे के करीब हुआ है। यहां खलीनी के नीचे झंझीड़ी गांव से स्कूली बच्चों को लाने के लिए सुबह हिमाचल पथ परिवहन निगम की मौके लिए गई। वह बच्चों को लेकर ऊपर आ रही थी । हादसे के दौरान बस में सात स्कूली छात्राएं ही मौजूद थी।
झंझींड़ी से थोड़ा ऊपर आने पर यह बस नीचे गिर गई व पलटियां मारते हुए नीचे करीब दो सौ मीटर दूर निचले रोड़ पर पहुंच गई। हादसे में लोअर खलीनी में रहने वाली मान्या (13) पुत्री भीष्म सिंह, सृष्टि पांटा ऊर्फ मेहल (15)की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अलावा बस के चालक नरेश कुमार की भी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उमंग चंदेल (15),रितिका शर्मा (13),सरीन ठाकुर (11),अनुषी शर्मा(13) और सुनिधि ठाकुर (15)बुरी तरह से जख्मी हो गई। इसके अलावा बस का परिचालक सुरेश (43)भी इस हादसे में घायल हो गया।
हादसे की जानकारी मिलते ही पूरा इलाके में हाहाकार मच गया। शुरूआती जांच में सामने आया है कि इस संकरी सड़क पर लोगों ने एक तरफ कारें खड़ी की हुई थी। जैसे ही चालक ने बस को निकालने की कोशिश की इसका अगला टायर सड़क से बाहर चला गया। इससे पहले की चालक संभलता बस पल भर में पलटियां खाते हुए नीचे पहुंच गई। गनीमत यह रही कि अभी बस में सात ही स्कूली बच्चे चढ़ पाए थे। खलीनी तक आते-आते यह बस पूरी तरह से भर जाती थी।
हादसे के बाद शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज समेत पूरा प्रशासन मौके के लिए रवाना हुआ। मंत्री के आने पर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने उन्हें मौके से भगा दिया।डीएसपी प्रमोद शुक्ला ने कहा कि हादसे की असल वजहों का पता जांच के बाद चलेगा। अभी तक घायलों के बयान नहीं लिए जा सके है। सभी सदमे में है।
याद रहे 2018 में जिला कांगड़ा के नूरपुर में इसी तरह निजी स्कूल के बच्चों की बस हादसाग्रस्त हो गई थी जिसमें 30 के करीब बच्चों की मौत हो गई थी। इसी साल के शुरूआत में जिला सिरमौर के ददाहू में भी स्कूली बच्चों के वाहन के हादसाग्रस्त होने से उसमें दर्जन भर बच्चों की मौत हो गई।अभी पिछल्ले सप्ताह की जिला कुल्लू के बंजार मे हुए बस हादसे में 46 यात्रियों की मौत हो गई थी।इसमें भी अधिकांश कालेज में छात्र थे।
शिक्षा मंत्री पर फूटा गुस्सा,चक्का जाम
राजधानी के उपनगर खलीनी में आज सुबह स्कूली छात्रों की बस के हादसग्रस्त हो जाने के पूरे शहर में हाहाकार मच गया वहीं लोगों का गुस्सा भी फूट पड़ा। इसके अलावा सरकार की व्यवस्था की पोल भी बुरी तरह से खुल गई।
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा व उन्हें मौके से एसपी शिमला की गाड़ी में भागना पड़ा। गुस्साए लोगों ने इस मौके पर सड़क के किनारे पर खड़ी दर्जनों छोटे वाहनों के साथ तोड़ फोड़ कर दी। झंझीड़ी से लेकर खलीनी तक सड़क किनारे जितने भी वाहन खड़े थे गुस्साई महिलाओं ने डंडों पत्थरों से सबको तोड़ दिया। इसके बाद गुस्साई महिलाओं ने खलीनी चौक पर चक्का जाम कर दिया। महिलाओं व स्थानीय लोगों ने मंत्री की सुनी न पुलिस व प्रशासन की। Ñमहिलाओं के इस कार्यवाही के वीडियो बना रहे मीडियाकर्मियों को भी इन मािओं ने नहीं छोड़ा। नूरपुर, सिरमौर व बंजार हादसे का गुस्सा तो लोगोें में है ही साथ ही लोगों को बंजार हादसे के बाद बसों में चढ़ाया भी नहीं जा रहा है। इससे भी लोग उबले हुए है।
हादसे के बाद शिक्षा मंत्री व स्थानीय विधायक सुरेश भारद्वाज झंझीड़ी के लिए रवाना हुए । लेकिन उन्हें पहले ही सड़क पर स्थानीय लोगों ने रोक लिया। यहां पहुंची महिलाओं ने कहा मंत्री से कहा कि वह कितने दिनों से यहां खड़े वाहनों को हटाने की मांग कर रही है। इसके अलावा सड़क को दुरुस्त करने के लिए कितने बार मांग की गई है। इस पर सुरेश भारद्वाज मौके पर भाषण पिलाने लगे व कहने लगे कि ये लोगों की ही गाड़ियां है। इस पर लोगों ने कहा कि व्यवस्था कायम करने के लिए उन्हें वोटें देकर जिताया है।
इस बीच भारद्वाज ने और कुछ कह दिया। इसके बाद वह लोगों के निशाने पर आ गए और उन्हें एसपी की गाड़ी में भागना पड़ा। लोगों ने कहा कि इन्ही वाहनों सड़क के किनारे खड़े होने की वजह से ये हादसा हुआ है। मौके पर मंत्री ही नहीं जो भी अधिकारी आया उसे स्थानीय लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। उधर, भारी सुरक्षा के बीच घायलों का हालचाल पूछने गए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा । लेकिन यहां स्थिति ज्यादा नहीं बिगड़ी।
दो घंटे बाद पहुंची एबंलेंस,पुलिस ने धक्के देकर वापस भेजा
झंझीड़ी हादसे ने आपदा राहत की भी पोल खोल कर रख दी। हादसे के बाद जब स्थानीय लोग अपनी अपनी गाड़ियों में चालक- परिचालक व सभी घायल व मृतक छात्राओं को इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल पहुंचा चुके थे उसके बाद कहीं जाकर एंबुलेंस गाड़ियां मौकेपर पहुंची। तब आधा दर्जन के करीब एंबलुेंस मौके पर पहुंची । लेकिन इनमें से एक खटारा एंबुलेंस बीच रास्ते में खड़ी हो गई। इसे पुलिस ने मौके पर धक्का देकर वापस भेजा। लोगों का गुस्सा इससे भी सातवें आसमान पर पहुंच गया । यह हादसा सरकार के इंतजामों की पोल एक बार फिर खोल गया।
झंझीड़ी व इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में हर कोई गमगीन
हादसा हो जाने के बाद झंझीड़ी में ही नहीं इंदिर गांधी मेडिकल अस्पताल में माहौल गमगीन हो गया। जब अस्पताल में घायलों की गाड़ियां पहुंचने लगी तो स्कूली बच्चियों की स्थिति देखकर सहम गया। बाद में अभिभावक रारेते बिलखते अस्पताल पहुंचे। हादसे की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल ने ट्रांमा सेंटर को आइसीयू में बदल दिया। पहले यह जानकारी मिली की तीस बच्चे घायल हो गए । इससे अस्पताल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आइजीएमसी के उप चिकित्सा अधीक्षक राहुल गुप्ता ने कहा कि लोगोें ने प्रशासन का बहुत साथ दिया । यहां उन्होंने हंगामा नहीं किया। चूंकि मामला स्कूली बच्चियों का था तो सभी भावुक थे। लेकिन सभी घायल स्थिर है व इन्हें अब खतरे से बाहर कहा जा सकता है।
मुख्यमंत्री व बाकी नेता पहुंचे अस्पताल
हादसे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर , उनकी पत्नी साघना ठाकुर , शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर समेत भाजपा कांग्रेस व वामपंथ के दर्जनों नेता अस्पताल पहुंचे । उन्होंने घायलों का कुशक्षेम पूछा।
तीनों मृतकों का अंतिम संस्कार
दो स्कूली बच्चियों व चालक नरेश कुमार का अंतिम संसकार कर दिया गया। मृतक छात्रा में से एक का अंतिम संस्कार रोहड़ू में जबकि दूसरी का राजधानी के कनलोग में अंतिम संस्कार किया गया। चालक नरेश ठाकुर का अर्की तहसील के बातल के रहने वाले थे उनका अंतिम संसकार वहां किया गया ।
कांग्रेस ने मांगा परिवहन मंत्री का इस्तीफा
हादसे के बाद कांग्रेस पार्टी ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से पद से इस्तीफा देने की मांग क र दी। पार्टी अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि वह परिवहन व्यवस्था चलाने में पूरी तरह से विफल हो चुके है। ऐसे में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है। उधर वामपंथी पार्टी माकपा ने 11 जुलाई से सुरक्षित यात्रा के लिए आंदोलन शुरू करने का एलान किया है। माकपा विधायक राकेश सिंघा ने मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को छूट नहीं दी जा सकती।
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कल सुनवाई
सुबह राजधानी में हुए बस हादसे के बाद मचे हाहाकार के बीच प्रदेश हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नूरपुर बस हादसे से लेकर तमाम बाकी हादसों पर कल के सुनवाई निर्धारित की है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की खंडपीठ ने रजिस्ट्री को आदेश दिए कि वह हादसों से लेकर याचिकाओं को पड़ताल कर इसे कल सुनवाई के लिए रखे । कल नूरपूर मामले समेत हादसों को लेकर बाकी याचिकाओं पर कल सुनवाई होनी है। याद रहे अदालत ने पिछल्ले सप्ताह ही सरकार को इस बावत कई निर्देश दिए थे।
पीली लाइन पर ही पार्किंग
हादसे के बाद सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में शिमला शहर में सड़कों पर केवल एक तरफ पीली लाइन पर ही वाहनों की पार्किंग की अनुमति देने और अनाधिकृत पार्किंग पर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया गयश है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि शिमला में अधिकृत पार्किंग और अनाधिकृत पार्किंग क्षेत्र के साईन बोर्ड स्थापित किए जाएंगे। शिमला में चल रहे तीन बड़ी पार्किंग स्थलों को विकसित करने के कार्य में तेजी लाई जाएगी जबकि जिला प्रशासन व नगर निगम शिमला विशेषकर आवासीय क्षेत्रों में पार्किंग विकसित करने के लिए जगह चिन्हित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और नगर निगम को 10 जुलाई तक ऐसे स्थल चिन्हित करने के भी निर्देश दिए जहां सड़क के किनारे पीली रेखा के साथ छोटी-छोटी पार्किंग विकसित की जा सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को अपने घरों के सैटबैक के दायरे में निजी पार्किंग विकसित करने के पहलू पर विचार करेगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे स्थलों पर 50 मीटर के दायरे में पार्किंग की अनुमति नहीं दी जाएगी जहां स्कूली विद्यार्थी अपनी स्कूल बसों से उतरते और चढ़ते हैं।
राज्य में सभी तंग सड़कों को चिन्हित कर उन्हें चौड़ा करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में कहा गया कि शिमला शहर में रोजाना 1,65,000 वाहन चलते हैं जिसके कारण लोगों की सुविधा के लिए वैकल्पिक सड़कों के निर्माण की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने आज शिमला में एक स्कूल बस दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मृतकों के परिवारों को पांच लाख रुपये की राशि दी जा रही है तथा घायलों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
उन्होंने कहा कि परिवहन वाहनों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा तथा किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है जिसके लिए सभी स्कूल बसों की जांच नियमित रूप से की जाएगी तथा स्कूल प्रबन्धन को सुरक्षा मापदण्डों के बारे में जागरूक बनाया जाएगा।
बैठक में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर के अलावा महापौर कुसुम सदरेट, उपमहापौर राकेश शर्मा, मुख्य सचिव बीके अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी व आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव, परिवहन जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व, ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुण्डू, परिवहन निदेशक जे.एम. पठानिया, उपायुक्त शिमला अमित कश्यप, नगर निगम आयुक्त पंकज रॉय, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डी.सी. राणा, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता आर.पी. वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की।
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