शिमला। स्मार्ट सिटी पर प्रद्रेश की वीरभद्र सिंह सरकार को एक झटका देने के बाद अब वामपंथी मेयर संजय चौहान व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने एलान किया है कि अगर हाइकोर्ट की विपरीत टिप्पणियों के बाद भी अगर दोबारा आंकड़ों से हेर फेर हुआ तो संबधित आईएएस व बाकी अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा।
इन दोनों वामपंथी नेताअोंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की तुलना पौराणिक कथा महाभारत के धृतराष्ट्र से कर दी और कहा कि वो आंखों मूंद कर काम न करे।
शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा पर हमला बोलते हुए इन दोनों नेताओं ने कहा कि सुधीर शर्मा और उनके शहरी विकास विभाग की बचकानी समझ के चलते प्रदेश देश के प्रथम 20 स्मार्ट शहरो की सूची मे स्थान बनाने से चूक गया।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को अब भी ये समझ लेना चाहिए कि वे किसी भी तरह स्मार्ट सिटी के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति के सुझावों मे हेर फेर कर शिमला को स्मार्ट सिटी से बाहर नहीं कर सकते।
अगर ऐसा हुआ तो हम शहर के साथ न्याय की खातिर इसे एक बार फिर न्यायालय तक ले जाने मे गुरेज़ नही करेंगे। इस बार हिमाचल सरकार के अधिकारियों पर आँकड़ो मे हेरफेर का अतिरिक्त अपराधिक मुक़द्दमा दर्ज किया जाएगा।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय भी शिमला में हुए इस हेर फेर से नावाकिफ़ नही है उन्हे भी इस बारे हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि स्मार्ट सिटी को मिलने वाली ग्रांट का सही तरीके से उपयोग हो सके
हिमाचल प्रदेश का शहरी विकास विभागए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय से करारी हार खाने के बाद भी प्रदेश मे स्मार्ट सिटी के चयन के लिए शहरों के आँकड़ों में हेर फेर करने मे लगा हुआ है इसी कारण केंद्रीय विकास मंत्रालय की प्रथम 20 स्मार्ट सिटी की सूची से प्रदेश के शहरो का नाम गायब हो गया है। यही कारण रहा है कि प्रदेश के किसी भी शहर का नाम स्मार्ट सिटी मे नही आया है यदि हिमाचल सरकार ने शिमला को चयनित कर स्मार्ट सिटी के लिए नाम भेजा होता तो आज देश की प्रथम 20 स्मार्ट सिटी मे शिमला का नाम आ गया होता ।
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