शिमला। शहर में फैले पीलिए की महामारी को पुष्ट करने के लिए नेश्नल इंस्टीटयूट वायरोलॉजी पुणे की टीम की ओर से उठाए गए सारे सैंपल फेल पाए गए है। इंस्टीटयूट की ओर से उठाए गए सैंपलों की रिपोर्ट आ गई है जो भयावह है। इसमें shit water होने की पुष्टि हो गई है। अब साफ हो गया है कि शिमला ही नहीं सोलन तक shit water लोगों के घरों तक पहुंचाया गया है और लोगों को पिलाया गया।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्टो की पड़ताल करे तो इस मामले में वीरभद्र सिंह ही नहीं धूमल सरकार भी बराबर की भागीदार रही है।केवल एक ठेकेदार के लिए लोगों को दोनों सरकारें कई सालों से shit water पिलाती रही। ये shit water 2007 से पहले से सप्लाई हो रहा है। दुनिया में अपने नागरिकों की संभवत: इतनी बेइज्जती किसी भी सरकार ने नहीं की होगी जितनी shit water सप्लाई कर धूमल व वीरभद्र सिंह सरकार ने की है। अंतराष्ट्रीय अंग्रेजी न्यूज एंजेसी के शिमला सिथत वरिष्ठ पत्रकार ने इस पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।
इससे पहले वीरभद्र सिंह सरकार के अतिरिकत् मुख्य सचिव पीसी धीमान ने कहा था कि एनआइवी की टीम को भेजे सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उन्होंने ये पिछले महीने कहा था। इस पर आरोप लगा था कि सरकार ने ठेकेदार को बचाने के लिए बिसलरी की बोतलके पानी का सैंपल भेजा है। ये नेगेटिव कैसे आए थे इसका जवाब अब धीमान को ही देना है। वो आईपीएच विभाग के सरकार में सबसे बड़े अफसर है।पर अब कटघरे में है।
इस रिपोर्ट ने पूरी वीरभद्र सिंह सरकार को कटघरे में ही खड़ा कर दिया है। सरकार की मंत्री और भाजपा के नेता अभी तक भी ये कह रहे है कि हेपेटाइटस इ के ये विषाणु घरों की सीवरेज से अश्वनी खडड के पानी से मिले है।एसटीपी ठीक है। ये सारे ठेकेदार को क्लीन चिट देने की मुहिम छेड़े हुए है। लेकिन इस रिपोर्ट ने इन सबको बेनकाब कर दिया है।उधर,पुलिस की एसआईटी अलग से कारनामें दिखा रही है।
अब ये पता नहीं है कि तत्कालीन धूमल सरकार ,मौजूदा वीरभद्र सरकार,सारे संबधित अफसर नेता कितना सममानित महसूस कर रहे होंगे कि उन्होंने लोगों के साथ कितना बड़ा कारनामा कर दिया है कि चुपके -चुपके इतने सालों तक shit water सप्लाई करते रहे। हैरानी ये है कि ये shit water की सप्लाई प्रदेश की राजधानी में जहां कभी धूमल बतौर सीएम बैठा करते थे और छठी बार सीएम होने का डंका बजाने वाले वीरभद्र सिंह आज सीएम की कुर्सी पर बैठे है। उनकी नाक तले ये सप्लाई होती रही। अब ये देखना बाकी है कि आगामी चुनावों में इन दोनों पार्टियों को वोट देती हैं या नहीं। अभी तक शहर की जनता सड़कों पर नहीं उतरी है वो सदमें है। एक एक घर के पांच-पांच सदस्य पीलिए से जूझ रहे है। परिवारों पर मौत का साया मंडराया हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक छह लोगों की मौत शिमला में हो चुकी है। और से सब एक ठेकेदार के लिए या शायद रिश्वत के के लिए ।
रिपोर्ट को नगर निगम के डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने आज मीडिया को जारी कर दिया।शायद उन्हें डर था कि कहीं सरकार के आईपीएच विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव पीसी धीमान फिर से ये दावा न कर दें कि रिपोर्ट ठीक है। स्मार्ट सिटी व इन सैंप्लों ने वीरभद्र सरकार,उसके बड़े अफसरों की विश्वसनीयता को कटघरे में खड़ा कर दिया है।सरकार व उसके अफसरों पर भरोसा ही नहीं रहा है।पंवर ने आगाह किया कि सोलन में हजारों लोगों को पीलिया फैल सकता है।
इस रिपोर्ट में shit water की पुष्टि की गई है, यहां देखें पूरी रिपोर्ट-:
रिपोर्ट के मुताबिक सोलन में आईपीएच के टैंक का सैंपल भी फेल हो गया है। शिमला के घरों से लिए गए सैंपल भी फेल हो गए है।यहां के लिए अश्वनी खडड से पानी सप्लाई होता था।
डिप्टी मेयर ने कुसुमपटी, विकासनगर, छोटा शिमला, न्यू शिमला,खलीनी के वाशिंदों का आहवान है कि वे सभी अपने घरों मे पानी की टँकियों को साफ करे।उन्होंने स्कूलों के प्रभारियो से भी आहवान किया है कि स्कूल के पानी के टेँको की सही तरह सफाई कर लें।उन्होंने आगाह किया हैकि अन्यथा पीलिया का अगला निशाना स्कूल के बच्चे भी हो सकते है।पंवर ने कहा कि बहुत.सी माइक्रो बायोलाजी प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट के मुताबिक 2 जनवरी के बाद अश्वनी खड्ड से पानी की आपूर्ति रोक देने के बाद भी इन क्षेत्रो के तहत आने वाले कुछ घरों से लिए पानी के नमूनो मे विषाणु होने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट मे ये तथ्य भी बहुत बड़े स्तर पर उभर कर आया है कि मल्याणा स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकालने वाले पानी मे भारी मात्रा मे विषाणु की उपस्थिति है इसके अतिरिक्त अश्वनी खड्ड, और यहाँ तक कि सोलन शहर को लिफ्ट किए जा रहे पानी के संग्रहण स्थान व पानी को ट्रीट किए जाने के बाद भी पानी मे विषाणु की भारी उपस्थिति है। ये तथ्य पानी मे विषाणु की उच्च प्रबलता को भी दिखा रहा है कि 30 किलो मीटर बहने के बाद भी सोलन के पानी मे विषाणु की इतनी प्रबलता है ।
पंवर ने भाजपा नेता सुरेश भारद्वाज पर हमला बोला कि वो इस मसलेपर इस वक्त भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे है। उन्हे ये समझ लेना चाहिए कि शिमला मे ये पहली घटना नही है बल्कि पिछली सरकार के समय जब वो खुद सत्ता मे थे शिमला मे ये चार बार 2007,2009,2011 और 2013 में पीलिया फैल चुका है। ये पाँचवी बार है। उन्होंने कहा कि आज वक़्त इसके समाधान का है आज इस सब को सही करने का वक़्त है ना कि उस ठेकेदार को बचाने का है जो इस सब के लिए सबसे ज़्यादा संदेहास्पद व्यक्ति उभर कर सामने आया है।
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