शिमला। हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों से अपने प्रत्याशिों के नामों की घोषणा करते हुए भरतीय जनता पार्टी ने कांगड़ा संसदीय हलके से जयराम ठाकुर सरकार में खाद्य व आपूर्ति मंत्री किश्न कपूर, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, मंडी से रामस्वरूप शर्मा और शिमला आरक्षित संसदीय हलके से भाजपा विधायक सुरेश कश्यप को चुनाव मैदान में उतार दिया है। सुरेश कश्यप जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा हलके से विधायक है।
कांगड़ा से शांताकुमार जैसे दिगगज व शिमला हलके संसदीय हलके से वीरेंद्र कश्यप का टिकट काट पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश भाजपा में उथल पुथल पैदा कर दी है। मंडी से आरएसएस के दबाव में रामस्वरूप शर्मा व हमीरपुर संसदीय हलके से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के दबाब के आगे भाजपा आलाकमान उनके पुत्र अनुराग ठाकुर का टिकट काटने में नाकाम रहा। भाजपा आलाकमान ने प्रदेश भाजपा की भी नहीं मानी । मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत प्रदेश भाजपा
चारों सांसदों को टिकट देने की वकालत कर रही थी। लेकिन बताते है कि आलाकमान के सर्वे और आरएसएस की सिफारिशों ने प्रदेश भाजपा के वकालत को दर किनार करवा दिया। प्रदेश भाजपा की कोर गु्रप की बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सती ने कहा था कि चारों सांसदों ने बहुत अच्छा काम किया है। ऐसे में उन्हें दोबारा मौका मिलना चाहिए। प्रदेश भाजपा की बात न मानने से मायूस प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सती व बाकी नेता वापस लौट आए हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक शांता कुमार संभवत: मोदी विरोध व ज्यादा उम्र हो जाने की वजह से बाहर होगए । जबकि वीरेंद्र कश्यप को लेकर शिमला संसदीय हलकों के विभिन्न भाजपा मंडलों ने लिख कर प्रस्ताव दिए थे कि इस बार प्रत्याशी बदला जाए। उनकी ओर से धूमल भी ज्यादा पैरवी नहीं कर पाए।
सबसे दिलचस्प नाम शिमला संसदीय हलके से सुरेश कश्यप का है। वह विधानसभा चुनावों में 30 हजार 243 मत लेकर कांग्रेस के वीरभद्र गुट के गंगुराम मुसाफिर से 6429 मतों के अंतर से जीते थे। जबकि शांता कुमार का टिकट कटने के बाद उन्हीं के शागिर्द किश्न कपूर को आलाकमान ने टिकट दिया है।
विवादों के बावजूद वीरेंद्र कश्यप शिमला संसदीय हलके से लगातार दो बार चुनाव जीते थे। उन्होंने टिकट हासिल करने के लिए इस बार पूरी ताकत झोंक दी थी। अब किश्न कपूर को जीताना शांताकुमार की जिम्मेदारी होगी। जबकि शिमला व मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जिम्मे है। हमीरपुर सीट धूमल व उनके पुत्रों के सहारे छोड़ दी गई है। इस तरह दो टिकट कटने के बाद प्रदेश भाजपा के रणनीति व गणित गड़बड़ा गया है।
उप चुनाव का अंदेशा
अगर भाजपा प्रदेश से लोकसभा की चारों सीटें जीत जाती है तो पच्छाद व कांगड़ा विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव कराना पड़ सकता है। सुरेश कश्यप व किश्न कपूर दोनों मौजूदा समय में भाजपा के विधायक है। इनमें से किश्नकपूर तो मंत्री भी है। इसके मायने यह हुए कि चुनावों के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल संभव है। विधानसभा स्पीकर राजीव बिंदल एक अरसे से मंत्री पाने के लिए लालायित है।
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