शिमला। राजधानी की कई दुकानें में स्कूली किताबों के रेटों में सरेआम घोटाला कर दुकानदार उन्हें ज्यादा कीमतों में बेच कर चांदी कूट रहे है। जिला प्रशासन ने इस घोटाले का पर्दाफाश करने की जिम्मेदारी एसडीएम अर्बन को सौंपी है।लेकिन मजे की बात है डीसी रोहन ठाकुर से मंजूर हुई ये जांच एडीसी डीके रत्न के टेबल से चार दिन पहले एसडीएम एच नेगी को मार्क हो गई थी लेकिन ये अभी तक एसडीएम तक नहीं पहुंची है। एसडीएम अर्बन एच नेगी ने कहा कि उन्हें अभी तक जांच का आर्डर नहीं मिला है। आदेश मिलने पर वो जांच शुरू कर देंगे।
अतिरिकत जिला उपायुक्त डीके रत्न ने ये खुलासा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन को अभिभावकों ने शिकायत भेजी थी कि कई दुकानदारों ने स्कूली किताबों के प्रिंट रेट पर नया रेट चस्पा दिया । जो किताब बीस रुपए की हैं उसे सरेआम पचास रुपए में बेचा जा रहा । बीस रुपए के स्थान पर पचास रुपए का रेट चस्पां दिया है। इसी तरह पचास रुपए कर किताब को सतर रुपए में बेचा जा रहा है। इस तरह लोगों की जेबों पर सरेआम डाका डाला जा रहा है।
सूत्रोंके मुताबिक दुकानदारों की ओर से मचाई जा रही इस लूट के वीडियों भी लोगों ने प्रशासन दिखाए है। बताते है कि ये दुकानदारों का ये सारा खेल देख डीसी शिमला रोहनचंद ठाकुर ने जांच कराने का फैसला लिया।
हालांकि अभी तक ये जांच शुरू नहीं हो पाई है।फाइलें बाबूओं के टेबलों पर पर इधर उधर हो रही है। अब देखना ये है कि जिला प्रशासन के अफसर जांच में क्या सामने ला पाते है।
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