शिमला। सीबीआइ ने अरबों रुपयों के छात्रवृति घोटाले में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए आज निजी शिक्षण संस्थान के वाइस चैयरमेन, प्रदेश शिक्षा विभाग के अधीक्षक और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के मुख्य कैशियर को गिरफतार किया है।
सीबीआइ प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा इस मामले में प्रदेश शिक्षा विभाग के अधीक्षक ग्रेड 2 अरविंद राजटा,के सी ग्रुप आफ इंस्टीटयूशंस के वाइस चैयरमैन हितेश गांधी और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के हैड कैशियर एस पी सिंह को गिरफतार किया है।
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ ने हितेश गांधी और एसपी सिंह को नवांशहर के आसपास से गिरफतार किया जबकि राजटा को आज राजधनी में सीबीआइ के कार्यालय में पूछतछ के लिए बुलाया गया था। उसे वहीं पर दबोच लिया।
सीबीआइ ने इससे पहले इस मामले में राजटा के ठियोग समीप ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। लेकि तब उसे गिरफतार नहीं किया था।
इसके अलावा सीबीआइ ने शिक्ष निदेशालय से तमाम दस्तावेजों और कंप्यूटरों को उठा लाई थी व पूरी छानबीन करने के बाद आज इन तीनों को गिरफतार कर लिया है। इन्हें कल राजधानी मे ंसीबीआइ की अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।
याद रहे जयराम सरक ार ने इस मामले की प्रारंभिक जांच कराने के बाद इसकी गहन छानबीन सीबीआइ से कराने का आग्रह किया था। केंद्र सरकार ने इस बावत 7 मई 2019 को अधिसूचना
जारी की थी सीबीआइने धारा 409,419,465,466 और 471 के तहत अज्ञात लोगों लोगोें के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान सामने आया कि इस मामले में दर्जनों निजी शिक्षण संसथान शामिल है।
एफआइआर में कहा गया था कि2013-14 से 2016-17में अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को राज्य व केंद्र की ओर से प्रायोजित छात्रवृतियों में बउÞा घोटाला किया गया है। इस घोटाले को 220 करोड़ रुपए से भी ज्यादा पाया गया था। ये छात्रवृतियां दसवीं से पहले व दसवीं के बाद पढ़ाई कर रहे छात्रों को दी जाती थी। इस मामले में आय और प्रमाण जाति प्रमाण फर्जी बनाए गए थे।
इसी मामले मे सीबीआइ ने पहले 21 निजी शिक्षण संस्थानों पर छाापेमारी की थी व वहां से भारी दस्तावेज और उनके कंप्यूटर उठा के लाई थी। जांच के दौरान कई आरोपियों की भूमिका सामने आई थी।
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक इस मामले में अभी और दर्जनों गिरफतारियां होनी है। सभी आरोपियों को कल अदालत मे पेश कर उनका रिमांड लिया जाएगा।
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