शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कि सरकार लोगों को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए तमाम स्वास्थ्य संस्थानों और चिकित्सा महाविद्यालयों को नवीनतम चिकित्सा उपकरणों की सुविधाओं से सुसज्जित कर आधुनिक बनाया जा रहा है।
वह आज आज यहां इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में शल्य विभाग की ओर से आयोजित एडब्ल्यूआर बैरियाट्रिक और रोबोटिक सर्जरी पर एडब्ल्यूआर और ओबेसिटी लाइव पर आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोबोट की ओर से की गई सर्जरी वास्तव में एक वैज्ञानिक चमत्कार है और आईजीएमसी भी इस तरह के चिकित्सीय कार्य का हिस्सा बना है। प्रदेश सरकार इस मशीन को आईजीएमसी में उपलब्ध करवाने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के अलावा आईजीएमसी और अन्य स्वास्थ्य महाविद्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हमारी भोजन संबंधी आदतों के कारण हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में भी मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि दि विंसी तकनीक के द्वारा सर्जन दोनों स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी और रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी रोबोट की सहायता से छोटे उपकरणों का प्रयोग करके मरीजों की शल्य चिकित्सा कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कार्यशाला की स्मारिका का विमोचन भी किया।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने कहा कि प्रदेश तेजी से देश के सबसे प्रगतिशील राज्य के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी देश के स्वास्थ्य संस्थानों में से एक प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।
चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डा. रवि सी. शर्मा ने मुख्यमंत्री से मरीजों की सुविधा के लिए आईजीएमसी में 24 करोड़ रुपये की यह मशीन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।कार्यशाला के आयोजक डॉ. डी.के. वर्मा ने इस तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
संगठन सचिव प्रो. यू.के. चन्देल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।डॉ. राजीव बिन्दल के पुत्र डॉ. विवेक बिन्दल ने इस अवसर पर शल्य चिकित्सा की।
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