राजेश शर्मा
आज जहां देश में आतंकवाद, भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी जैसे कई मुद्दे हैं जिनका हल सरकार नहीं निकाल पाई है लेकिन इससे उन लोगों को कोई फर्क नहीं पडता जो सरकार के सामने एक और असहिष्णुता का मुद्दा लेकर खडे हो गए हैं।
यूं तो टीवी चैनलों के धारावाहिकों में आपने देखा होगा कि सास-बहू किस प्रकार एक दूसरे पर ताने कसने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देती ।उनका तो जैसे धर्म ही बन गया है एक -दूसरे पर आरोप लगाना। ठीक उसी प्रकार हमारे देश के कुछ बहुत ही काबिल लोग देश में भी इसी प्रकार की बीमारी फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। आखिर क्यों आज बाकि मुद्दों को छोडकर असहिष्णुता पर जोर दिया जा रहा है।सरकार पर विपक्ष और लोगों द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं।
हमेशा से भारतवर्ष में देखा गया है कि अगर सब सुव्यवस्थित ढंग से चल रहा हो तो किसी ऐसे मुद्दे पर जोर दे दिया जाता है जो उतना चिंता का विषय नहीं होता ।लेकिन उस मुद्दे को अहम बनाने के लिए भरपूर कोशिशें की जाती हैं ।चाहे फिर आम जनता की जान खतरे में ही क्यों ना पड जाए। जिस प्रकार भारतवर्ष आज आतंकवाद, भ्रष्टाचार, गरीबी जैसे मुद्दों से चिंतित है,धीरे-धीरे इस कडी में अब असहिष्णुता नाम की बीमारी भी सामने आ खडी हुई है। आखिर क्यों इस बात को इतनी तवज्जो दी जा रही है?
आरोप -प्रत्यारोपों का दौर इस हद तक पहुंच गया है कि आम जनता भी इससे प्रभावित हो रही है और देश की छवि पर भी इस का असर दिखाई देने लगा है। इसी असहिष्णुता के कारण आज भारत का नागरिक यहां रहने से डर रहा है और विदेशों में जाने को तवज्जो दे रहा है। इसी कारण आज भारत के विद्यार्थी विदेशों में पढाई के लिए जा रहे हैं और उसके बाद वहीं बस जा रहे हैं।
यदि आस-पडोस से कोई दिक्कत हो तो उसे सुलझाया जा सकता है। उस पर उन लोगों से विचार- विमर्श कर सब सही किया जा सकता है ।लेकिन जब हालात अपने घर के ठीक न हो तो क्या किया जाए।दूसरों से क्या उम्मीद की जाए जब अपना ही सिक्का खोटा हो।
आज अक्सर यह देखा जाता है कि अगर कोई सत्ता में आता है तो यह कोशिश की जाती है कि अब उसे बदनाम ही करना है। वहां सिर्फ अपने लिए सोचा जाता है ।आखिर क्यों वह लोग यह भूल जाते हैं कि सत्ता में जो आया है वो जनता द्वारा चुन कर भेजा गया है और उसे इस देश के विकास में अहम भूमिका निभानी है।
राजेश शर्मा सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश के मास कम्यूनिकेशन व इलेक्ट्रानिक मीडिया विभाग के छात्र है।ये उनके अपने विचार है।
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