शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एजी आडिट के दौरान लाखों रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया हैं।
विवि से जुड़े सूत्रों के विवि के अंतरराष्टÑीय दूरवर्ती शिक्षा केंद्र में इन दिनों एजी की ओर से आडिट कराया जा रहा हैं। इस दौरान सामने आया कि दूरवर्ती शिक्षा केंद्र में पिछल्ले एक दशक से विभिन्न कक्षाओं के प्रास्पैक्टिस की जितनी बिक्री हुई उसके हिसाब से विवि के खाते में पैसे जमा नहीं हुए हैं।
यह आडिट अभी भी जारी हैं व पूरी रिपोर्ट आना बाकी हैं। सूत्रों के मुताबिक इस मामले की गाज केंद्र के प्रास्पैक्टस बिक्रेता पर गिराई जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक यह घोटाला अस्सली लाख रुपए तक का हो सकता हैं। दूरवर्ती शिक्षा केंद्र से हजारों छात्र बीए से लेकर एमए,एमबीए,बीएड, एमएड के अलावा दूसरे कोर्सों की पढ़ाई करते हैं व सालाना हजारों प्रॉस्पैक्टस की बिक्री होती हैं।
दूरवर्ती शिक्षा केंद्र के निदेशक कुलवंत पठानिया ने कहा कि आडिट ने कुछ विसंगतियां उजागर की हैं। अभी सब कुछ सामने नहीं आया हैं। उन्होंने कहा कि प्रास्पैक्टस बिक्रेता पैसे जमा करा रहा हैं। यह पूछे जाने पर कि यह घोटाला कितनी रकम का हैं। उनहोंने कहा कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता । विवि की ओर से कोई जांच या कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई हैं, पठानिया ने कहा कि अभी तक कुछ नहीं हुआ हैं। यह तीन चार साल का मामला हैं।
इस बावत विवि के कुलपति सिकंदर कुमार ने कहा कि जब तक आडिट की पूरी रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक वह कुछ नहीं क ह सकते। उन्होंने कहा कि आडिट ने कुछ आशंकाएं जाहिर की हैं। पूरी रिपोर्ट आने के बाद कोई कार्रवाई की जाएगी।
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