शिमला। हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच की ओर से ा 30 दिसंबर को आदर्श केंद्रीय सुधार गृह कंडा में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें अन्य कवियों के अलावा यहां बंदी कैदियों ने भी कविता पाठ कर अपनी सृजना का परिचय दिया।
कवि गोष्ठी में बंदियों में से चेतन,ओम प्रकाश, किशोरी लाल, सुभाष और रमेश सहित पुलिस कर्मी उषा कुमारी ने भी कविताएं प्रस्तुत की। पुलिस कर्मी जितेंद्र ने राजस्थानी और पहाड़ी लोक गीत प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी। हिमालय मंच ने बंदी कवियों को स्मृतिचिन्ह भी भेंट किये।
इस साहित्य समारोह में पुलिस महानिदेशक कारागार एवं सुधार सेवाएं सोमेश गोयल को
हिमालय आजीवन उपलब्धि सम्मान-2018 से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उन्हें मुख्य अतिथि व नागालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार द्वारा प्रदान किया गया।
मंच के अध्यक्ष एस आर हरनोट ने कहा कि सोमेश गोयल पुलिस प्रशासन के शीर्षस्थ पदों पर रहते हुए अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जाने जाते हैं। विशेष तौर पर महा निदेशक जेल के पद पर रहते हुए जेल सुधारों एवं बंदियों को उनकी योग्यता अनुरूप हर हाथ को काम देकर उनके जीवन परिवर्तन के क्षेत्र में उनकी बडी भूमिका रही है। शिमला बुक कैफे के संचालन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है जिस वजह कवि हर महीने कई लघु गोष्ठियां वहां कर पाते हैं।मंच की सदस्य एवं युवा लेखिका मोनिका छट्टू ने सोमेश गोयल का विस्तार से प्रशस्ति वाचन किया।
कार्यक्रम के आरम्भ में एस आर हरनोट ने कांडा कारागार प्रशासन विशेषकर अधीक्षक सुशील ठाकुर और उप अधीक्षक जगजीत चौधरी समेत समस्त स्टाफ
का इस आयोजन को कार्यरूप देने के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर लेखकों को सुधार गृह में चल रहे रोजगार मूलक उद्यमों और प्रदर्शनी का
भ्रमण भी करवाया गया।
सम्मान समारोह के अवसर पर हिमालय मंच द्वारा कांडा जेल के कैदियों के साथ शिमला और अन्य स्थानों से आएं कवियों के साथ कविता पाठ का आयोजन किया गया।
इस आयोजन में मीनाक्षी पॉल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रही। संगोष्ठी में शामिल अन्य कवियों में डॉ हेमराज कौशिक, डॉ विद्या निधि,आत्मा रंजन,रौशन जसवाल, गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय, कुलदीप गर्ग तरुण,नरेश देयोग,अनुराग विजयवर्गीय,कल्पना गांगटा, उमा ठाकुर,अंजलि दीवान,ाधु शर्मा, अश्वनी कुमार, सुमन धनंजय, वंदना राणा, सुनीला शर्मा,शांति स्वरूप शर्मा, जगदीश बाली और देशराज भी शामिल हुए।
मंच का सफल संचालन आत्मा रंजन द्वारा किया गया। उन्होंने वरिष्ठ लेखिका और समाजसेवी स्व.सरोज वशिष्ट के जेल में किये गए कार्यों को भी याद किया।
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