शिमला। कांग्रेस विधायकों ने बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के घेराव और रास्ता रोकने के मामले की तमाम वीडियो फुटेज को सदन के भीतर चलाने की मांग कर जयराम सरकार को असमंजस में डाल दिया है। बजट सत्र के तीसरे दिन आज कांग्रेस की वरिष्ठ विधायिका आशा कुमारी ने कहा कि कहा कि उस दिन जो करतूतें सरकार की ओर से हुई उन सबका खुलासा हो जाएगा। इस लिए तमाम वीडियो फुटेज को सदन में चलाया जाए। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज निकाली जाए। आशा कुमारी सुबह प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के निलंबित विधायकों के निलंबन को रदद करने की मांग करते हुए यह आग्रह किया।
इसके बाद कांग्रेस के दूसरे विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा कि अगर सरकार खुद को पाक साफ मानती है तो फुटेज को सदन में चलाया जाए। सब कुछ सामने आ जाएगा ।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कैमरे झूठ नहीं बोलते। इस बीच विक्रमादित्य सिंह उतेजित भी हो गए। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों से कहा कि वह विक्रमादित्य सिंह को समझाएं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सदस्य उतेजित हो रहे है यह जनसभा नहीं है।
सदन के गर्मागर्म महौल के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊंचा बोलने से कांग्रेस के विधायकों की गलती छिप नहीं सकती।मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दिन हम भी यही मान कर चल रहे थे कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते रहेंगे। इसमें आपति भी नहीं थी। इसके बाद उन्होंने उस दिन का सारा वाक्या दोहरा दिया।
राज्यपाल व उनके परिवार वालों से माफी मांगी व कहा हम शर्मिंदा
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि जब कांग्रेस विधायकों ने यह सब किया तो उनके परिवार के लोग विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में थे। वह रुआंसे हो आए। इस स्थिति को देखते हुए हमने उनसे हाथ जोड कर माफी मांगी व कहा कि जो भी हुआ हम उसके लिए शर्मिंदा है। कांग्रेस विधायकों को शर्मा आई या नहीं यह हमें नहीं पता। उसके बाद उनके परिवार वालों को राजभवन भेजा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्यों को राज्यपाल का ओहदा नहीं देखना था तो कम से कम उनकी उम्र तो देख लेते।उन्होंने कहा कि कांग्रेस की करतूतों से पर्दा उठ गया है।
विक्रमादित्य सिंह और विधानसभा उपाध्यक्ष के बीच सदन में हुई तल्ख नोकझोंक को लेकर उन्होंने कहा कि उस दिन तो जो हुआ वो हुआ आज जो सदन में हुआ वह भी सबने देखा। कांग्रेस सदस्य उपाध्यक्ष की सीट के समीप जाकर उन्हें सदन में धमका देते है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों को राजभवन जाकर तुरंत राज्यपाल से माफी मांगनी चाहिए।आज प्रश्न काल में केवल एक ही सवाल का जवाब दिया जा सका व सारा समय पक्ष व विपक्ष के बीच हुए हंगामें में ही चला गया।
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